1 अप्रैल 2026 से शुरू होगी जनगणना: जानिए पहले चरण से लेकर पूरी प्रक्रिया तक का प्लान

जनगणना 2026: देश की सबसे बड़ी जनगणना प्रक्रिया का आरंभ जल्द, जानिए कैसे होगी तैयारी और क्या होगा नया

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30 जून: भारत की अगली जनगणना प्रक्रिया 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगी। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) ने आधिकारिक रूप से इस बात की पुष्टि की है कि यह जनगणना दो चरणों में संपन्न होगी। पहले चरण में मकान सूचीकरण और आवास गणना की जाएगी, जबकि दूसरे चरण में जनसंख्या से जुड़ी विस्तृत जानकारी एकत्रित की जाएगी।

पहला चरण: मकान सूचीकरण और आवास गणना

जनगणना के पहले चरण की शुरुआत 1 अप्रैल 2026 से होगी। इस दौरान देशभर के मकानों की गिनती की जाएगी और यह जानकारी जुटाई जाएगी कि हर घर में शौचालय, जल स्रोत, इंटरनेट सुविधा, रसोई आदि उपलब्ध हैं या नहीं। यह चरण सरकार को बुनियादी ढांचे की स्थिति समझने में मदद करेगा।

दूसरा चरण: जनसंख्या गणना

पहले चरण के पूरा होने के बाद जनसंख्या गणना की जाएगी। इसमें नागरिकों की उम्र, लिंग, शिक्षा, भाषा, धर्म, जाति, रोजगार और अन्य सामाजिक-आर्थिक जानकारियाँ दर्ज की जाएंगी। यह चरण देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को समझने के लिए महत्वपूर्ण होगा।

डिजिटल होगी जनगणना प्रक्रिया

जनगणना 2026 को पूरी तरह डिजिटल रूप देने की तैयारी है। पहली बार मोबाइल ऐप और टैबलेट का उपयोग करके डेटा एकत्र किया जाएगा। नागरिकों को भी विकल्प दिया जाएगा कि वे स्वयं मोबाइल ऐप के ज़रिए जानकारी भर सकें। इससे प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध बनेगी।

एनपीआर भी होगा अपडेट

इस जनगणना के साथ ही नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को भी अपडेट किया जाएगा। यह रजिस्टर नागरिकों की जनसांख्यिकीय जानकारी को दर्ज करता है और भविष्य में योजनाओं की नींव रखता है।

सरकार की तैयारी जोरों पर

जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अब सरकार ने राज्यों को अधिसूचना भेज दी है और अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। फील्ड स्टाफ की नियुक्ति, डिजिटल टूल्स का वितरण और सॉफ्टवेयर टेस्टिंग जैसे कार्य तेज़ी से किए जा रहे हैं।

जनगणना क्यों है जरूरी?

जनगणना देश के प्रत्येक नागरिक की गिनती करती है और इससे प्राप्त आंकड़े नीति निर्धारण, संसाधनों के आवंटन और विकास कार्यों की योजना बनाने में उपयोग होते हैं। यह एक ऐसा आधार है जिस पर सरकार की हर योजना टिकी होती है।

जनगणना 2026 भारत के लिए सिर्फ एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतंत्र की मजबूत नींव है। इसके जरिए न केवल लोगों की संख्या जानी जाती है, बल्कि देश की सामाजिक, आर्थिक और बुनियादी संरचना की सटीक तस्वीर सामने आती है।

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