समग्र समाचार सेवा
चेनई,28 जून-तमिलनाडु की राजनीति में शुक्रवार को एक अनौपचारिक मुलाकात ने बड़े राजनीतिक संकेत छोड़ दिए। तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (TNCC) के अध्यक्ष के. सेल्वपेरुनथगई ने पट्टाली मक्कल काची (PMK) के संस्थापक डॉ. एस. रामदास से उनके थाइलापुरम (विल्लुपुरम) स्थित आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात ने यह अटकलें तेज कर दी हैं कि क्या PMK आने वाले 2026 के विधानसभा चुनाव में DMK के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा बन सकती है?
हालांकि, श्री सेल्वपेरुनथगई ने इस मुलाकात को पूरी तरह से ‘सौजन्य भेंट’ बताया। उन्होंने कहा, “मैं उस रास्ते से गुजर रहा था तो सोचा, डॉ. रामदास से मुलाकात कर लूं। क्या किसी वरिष्ठ नेता से मिलना गुनाह है?” उन्होंने हँसते हुए कहा, “हमारी बातचीत में राजनीति या किसी गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई।”
लेकिन राजनीति के जानकार इसे मात्र संयोग नहीं मान रहे। TNCC के सूत्रों की मानें तो डॉ. रामदास फिलहाल सभी विकल्प खुले रख रहे हैं और 2026 के विधानसभा चुनाव में DMK के साथ गठबंधन की संभावना पर विचार कर सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष की यह मुलाकात सिर्फ ‘शिष्टाचार’ तक सीमित नहीं मानी जा रही।
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब खुद PMK पार्टी के भीतर विभाजन की अटकलें चल रही हैं — एक धड़ा डॉ. रामदास के साथ और दूसरा उनके बेटे व पार्टी अध्यक्ष डॉ. अन्बुमणि रामदास के नेतृत्व में। यह भी चर्चा है कि पिता-पुत्र के बीच रणनीतिक मतभेद बढ़ते जा रहे हैं, और वरिष्ठ रामदास अपनी पकड़ मजबूत दिखाने के लिए इस तरह की मुलाकातों का सहारा ले रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह मुलाकात कई मायनों में संकेत देती है। एक ओर इससे यह दिखता है कि डॉ. रामदास अपने पुराने राजनैतिक संपर्कों को पुनर्जीवित कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, वह आगामी गठबंधनों में अपने दल की सौदेबाजी की ताकत भी बढ़ाना चाहते हैं।
फिलहाल डॉ. रामदास और कांग्रेस अध्यक्ष दोनों ही इस मुलाकात को राजनीतिक रंग देने से बच रहे हैं, लेकिन विपक्षी खेमों में हलचल और DMK गठबंधन की ओर PMK के झुकाव की संभावनाओं को बल अवश्य मिला है।