कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामला: टीएमसी छात्र नेता और दो शामिल
छात्रा से की दरिंदगी, हॉकी स्टिक से किया हमला
समग्र समाचार सेवा
कोलकाता ,28 जून- कोलकाता के साउथ लॉ कॉलेज में बुधवार देर रात जो हुआ, उसने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। एक 24 वर्षीय कॉलेज छात्रा ने टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) की छात्र इकाई के तीन सदस्यों पर गैंगरेप का आरोप लगाया है। पीड़िता का दावा है कि उसे कॉलेज के गार्ड रूम में बंद कर न केवल बलात्कार किया गया, बल्कि उसे हॉकी स्टिक से पीटा भी गया और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई।
“मैं रोई, पैर पकड़े, लेकिन उसने नहीं छोड़ा…”
छात्रा की शिकायत के अनुसार, यह घटना बुधवार रात उस समय हुई जब वह टीएमसी छात्र इकाई की एक बैठक से लौट रही थी। तीन युवकों – जिनके नाम उसने ‘J’, ‘M’ और ‘P’ के प्रारंभाक्षरों से बताए – ने उसे घेर लिया। ‘M’ और ‘P’ ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया, जहाँ ‘J’ ने जबरदस्ती करने की कोशिश की।
पीड़िता का बयान रोंगटे खड़े कर देने वाला है – “मैंने उसे रोका, रोई, पैर भी पकड़े… कहा कि मेरा बॉयफ्रेंड है, मैं उससे प्यार करती हूँ … लेकिन उसने नहीं छोड़ा।”
“मैंने इनहेलर माँगा , फिर भी नहीं बच पाई”
छात्रा ने बताया कि उस दौरान उसे घबराहट और साँस लेने में तकलीफ होने लगी। तब उसने इनहेलर माँगा जिसे वह लाया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उसके भागने की कोशिश पर भी उन लड़कों ने उसे फिर से पकड़ लिया और गार्ड रूम में खींचकर ले गए। वहाँ से गार्ड को जबरन बाहर निकाल दिया गया और सभी ने बलात्कार किया।
“हॉकी स्टिक से सिर पर मारा, मौत की धमकी दी”
पीड़िता ने बताया, “’J’ ने मुझे निर्वस्त्र किया और बलात्कार किया। जब मैंने विरोध किया, तो उसने मुझे हॉकी स्टिक से मारा और कहा कि अगर किसी को बताया तो मेरे परिवार और बॉयफ्रेंड को मार देगा।”
रात 10:50 बजे के करीब पीड़िता को छोड़ा गया, लेकिन उससे धमकी दी गई कि वह किसी को कुछ न बताए। लेकिन दूसरे दिन, साहस जुटाकर उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और कहा – “मैं कानून की छात्रा हूँ , आज मैं खुद पीड़िता हूँ मुझे न्याय चाहिए।”
राजनीतिक भूचाल: आरोपी टीएमसी नेता के करीबी
इस घटना ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है। बीजेपी ने इस केस को लेकर टीएमसी को घेरा है और आरोप लगाया है कि मुख्य आरोपी मनोजित मिश्रा टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी का करीबी है। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं।
टीएमसी ने पहले तो आरोपी से संबंध की पुष्टि की, लेकिन दावा किया कि वह कानून के तहत सख्त सजा पाएगा।
यह मामला सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि उस राजनीतिक और सामाजिक तंत्र की पोल खोलता है जो सत्ता के नशे में महिलाओं की गरिमा रौंदने से नहीं हिचकता। क्या ममता बनर्जी की सरकार अपने ही छात्र संगठन पर कार्रवाई करेगी, या एक और मामला दबा दिया जाएगा? आने वाले दिन इस सवाल का जवाब देंगे।