पुरी में श्रद्धा और सुरक्षा का संगम, दीघा में पहली बार निकली जगन्नाथ यात्रा

रथ यात्रा

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
पुरी/दीघा, 27 जून 2025: ओडिशा के पवित्र तीर्थ नगर पुरी में आज भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा पूरे श्रद्धा और भव्यता के साथ आरंभ हुई। लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से पुरी पहुँचे  हैं ताकि वे भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की पवित्र यात्रा के दर्शन कर सकें। तीनों देवताओं को पारंपरिक लकड़ी के विशाल रथों में बैठाकर श्री गुंडिचा मंदिर ले जाया जा रहा है, जहाँ  वे एक सप्ताह तक विराजमान रहेंगे।

पुरी में आज सुबह ‘पहांडी’ अनुष्ठान के साथ यात्रा का शुभारंभ हुआ। ‘पहांडी’ शब्द संस्कृत के ‘पदमुंडनम’ से आया है, जिसका अर्थ है – पैर फैलाकर धीरे-धीरे चलना। सबसे पहले चक्रराज सुदर्शन को मंदिर से रथ तक लाया गया, उसके बाद भगवान बलभद्र, फिर देवी सुभद्रा और अंत में भगवान जगन्नाथ का पहांडी में भव्य प्रवेश हुआ। तीनों रथ श्रीमंदिर के सिंह द्वार के सामने तैयार खड़े हैं, जहाँ  से 2.6 किलोमीटर दूर स्थित श्री गुंडिचा मंदिर की ओर यात्रा प्रारंभ होगी।

ओडिशा पुलिस के एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) संजय कुमार ने बताया कि पुरी में आज लगभग 10 से 12 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना है। सुरक्षा के लिए 10,000 से अधिक जवानों को तैनात किया गया है, जिनमें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 8 कंपनियां भी शामिल हैं। “ऑपरेशन सिंदूर के बाद हमें कुछ असामाजिक और राष्ट्रविरोधी तत्वों की संभावित गतिविधियों को लेकर इनपुट मिले थे। हमने कई दिनों की योजना के तहत पूरी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है,” उन्होंने बताया।

इस बार पश्चिम बंगाल के दीघा में भगवान जगन्नाथ के नव-निर्मित मंदिर में पहली बार रथ यात्रा का आयोजन हुआ। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंदिर के साधुओं और श्रद्धालुओं के साथ रथ खींचने की रस्म में भाग लिया। दोपहर 2:30 बजे रथ यात्रा प्रारंभ हुई और शाम 4 बजे तक समाप्त हो गई। बंगाल सरकार ने अप्रैल में दीघा में बने इस मंदिर का उद्घाटन कर इसे ‘जगन्नाथ धाम’ नाम दिया था, जिससे राजनीतिक विवाद भी उत्पन्न हुआ था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी रथ यात्रा के शुभ अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएँ  दी हैं। पीएम मोदी ने X पर लिखा, “भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पावन अवसर पर देशवासियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ  यह पवित्र पर्व सबके जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए। जय जगन्नाथ!” वहीं राष्ट्रपति मुर्मू ने रथ यात्रा को “मानव सरीखे दिव्य लीला का अनोखा प्रतीक” बताते हुए विश्व में शांति और सौहार्द की कामना की।

गुजरात के अहमदाबाद में भी आज 148वीं जगन्नाथ रथ यात्रा भव्य रूप से निकली। गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंदिर में पूजा-अर्चना की और पारंपरिक ‘पहिंड विधि’ निभाई। यह यात्रा 16 किलोमीटर तक निकाली जाएगी जिसमें 18 हाथी, 100 से अधिक ट्रक, भजन मंडलियां  और अखाड़े शामिल हैं।

पुरी की रथ यात्रा न केवल आस्था का महापर्व है, बल्कि यह सांस्कृतिक एकता, परंपरा और सुरक्षा व्यवस्था का अद्वितीय संगम भी बन चुकी है।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.