भारत के मोबाइल निर्यात में ऐतिहासिक उछाल: एप्पल की शिपमेंट ने बढ़ाया कारोबार

मई 2025 में 74% की वृद्धि के साथ मोबाइल निर्यात $3.09 बिलियन तक पहुँचा

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27 जून: भारत के मोबाइल फोन निर्यात में एक बड़ा उछाल देखा गया है। उद्योग के आँकड़ों के अनुसार, मई 2025 में मोबाइल निर्यात $3.09 बिलियन (लगभग ₹25,750 करोड़) तक पहुँच गया, जो मई 2024 के $1.78 बिलियन की तुलना में 74% की भारी वृद्धि है। यह अब तक का दूसरा सबसे बड़ा मासिक आँकड़ा है, जो मार्च 2025 में बने $3.1 बिलियन के रिकॉर्ड से थोड़ा ही कम है। इस वृद्धि का मुख्य कारण अमेरिका में आने वाले शुल्कों से बचने के लिए एप्पल द्वारा शिपमेंट को बढ़ाना है।

इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र का प्रदर्शन

मोबाइल फोन के निर्यात में आए इस उछाल ने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को भारत के 30 प्रमुख निर्यात क्षेत्रों में सबसे ऊपर ला दिया है। अप्रैल से मई 2025 के बीच, मोबाइल निर्यात $5.5 बिलियन रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि से 41% अधिक है। इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात, जिसमें मोबाइल फोन का हिस्सा 67% है, 47.2% बढ़कर $8.26 बिलियन हो गया है।

PLI योजना बनी गेम-चेंजर

सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना ने भारत को वैश्विक स्मार्टफोन विनिर्माण का केंद्र बनाने में अहम भूमिका निभाई है। इस योजना ने बड़े निर्माताओं को भारत में उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है। हालांकि, भारत अभी भी चीन और वियतनाम जैसे देशों से पीछे है, जहाँ सहायक नीतियों ने लंबे समय से वैश्विक निर्माताओं को आकर्षित किया है।

एप्पल का बड़ा योगदान

एप्पल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन ने मई में अमेरिका को लगभग $1 बिलियन मूल्य के iPhone भेजे, जो मार्च से मई के बीच भारत से किए गए कुल निर्यात का 97% है। अमेरिका के अलावा, जापान और यूरोपीय संघ भी भारत के मोबाइल फोन के बड़े खरीदार बनकर उभरे हैं। वित्तीय वर्ष 2025 में, जापान का भारत से स्मार्टफोन आयात 530% बढ़कर $1.2 बिलियन हो गया है।

वैश्विक चुनौतियों के बीच मजबूत निर्यात

भले ही वैश्विक व्यापार को भू-राजनीतिक तनावों और अमेरिकी शुल्कों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन भारत का निर्यात मज़बूत बना हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025 में भारत का कुल निर्यात $825 बिलियन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया, जो वैश्विक औसत से ज़्यादा तेज़ी से बढ़ रहा है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइज़ेशंस को उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2026 तक यह आँकड़ा $1 ट्रिलियन तक पहुँच सकता है।

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