NATO शिखर सम्मेलन 2025: यूक्रेन समर्थन और रक्षा खर्च बढ़ोतरी पर जोर

ट्रंप के रुख पर उठे सवाल

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समग्र समाचार सेवा
हेग (नीदरलैंड्स), 25 जून — रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि और अमेरिका की भविष्य की भूमिका को लेकर अनिश्चितता के बीच दो दिवसीय NATO शिखर सम्मेलन मंगलवार से नीदरलैंड्स के हेग में शुरू हो गया। सम्मेलन में मुख्य ध्यान यूक्रेन को जारी समर्थन, सदस्य देशों के रक्षा खर्च और इज़राइल-ईरान संघर्ष पर है।
इस वर्ष के शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार कार्यभार संभालने के बाद पहली बार शामिल हो रहे हैं। NATO के नए महासचिव और पूर्व डच प्रधानमंत्री मार्क रुटे पहली बार बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं।
कौन-कौन भाग ले रहा है?
सम्मेलन में NATO के सभी 32 सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष, यूरोपीय संघ के प्रमुख और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर ज़ेलेंस्की भाग ले रहे हैं। अन्य प्रमुख नेता शामिल हैं:

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों

जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन

हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डर लायन

जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और न्यूज़ीलैंड जैसे एशियाई सहयोगी देशों को भी आमंत्रित किया गया है।

एजेंडा में क्या है?

1. यूक्रेन को समर्थन जारी रखना
यूक्रेन को दीर्घकालिक समर्थन NATO की प्राथमिकताओं में है। 2024 में NATO ने हर साल 50 अरब यूरो देने का वादा किया था। रुटे ने साफ कहा है कि यूक्रेन को इस स्थिति में रखना जरूरी है कि वह युद्ध का सामना भी कर सके और भविष्य में किसी भी शांति समझौते में मजबूत स्थिति में हो।
2. रक्षा खर्च में वृद्धि
NATO ने 2024 तक GDP का न्यूनतम 2% रक्षा पर खर्च करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब अमेरिका ने इसे 5% करने की मांग की है। अमेरिका का कहना है कि गठबंधन बहुत अधिक अमेरिकी निधि पर निर्भर है। ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि सदस्य देश पर्याप्त खर्च नहीं करते, तो अमेरिका उनकी रक्षा की जिम्मेदारी से पीछे हट सकता है।
3. ईरान-इज़राइल संघर्ष पर चर्चा
23 जून को ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर मिसाइल हमला किया, जिससे पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ गया। NATO इस संघर्ष पर भी चर्चा कर रहा है। जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन ने पहले ही ईरान के साथ वार्ता की है ताकि क्षेत्रीय युद्ध को रोका जा सके।
4. NATO में यूरोपीय नेतृत्व
ट्रंप की नीतियों के कारण यूरोपीय देश संगठन के भीतर अपनी भूमिका और फंडिंग की जिम्मेदारी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। यूरोपीय संघ NATO के भीतर नेतृत्व की नई योजना भी प्रस्तावित कर सकता है।
NATO सम्मेलन इस बार न केवल रूस-यूक्रेन युद्ध की दिशा तय करेगा, बल्कि यह भी स्पष्ट करेगा कि अमेरिका के नए नेतृत्व में पश्चिमी गठबंधन कितना एकजुट रह पाएगा। डोनाल्ड ट्रंप के अस्थिर रुख और बढ़ते वैश्विक संकटों के बीच यह बैठक वैश्विक सुरक्षा संतुलन के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।

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