‘विकसित भारत @2047 कॉन्क्लेव’ एडिनबर्ग में: वैश्विक मंच पर भारत की विकास गाथा

प्रधानमंत्री मोदी के 'विकसित भारत' के स्वप्न को साकार करने पर मंथन

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
एडिनबर्ग, 24 जून: स्कॉटलैंड की ऐतिहासिक राजधानी एडिनबर्ग, 25 से 27 जून तक एक महत्वपूर्ण वैश्विक आयोजन का गवाह बनने जा रही है। एडिनबर्ग सिटी चैंबर्स में आयोजित होने वाले ‘विकसित भारत @2047 कॉन्क्लेव’ में भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई गणमान्य नेता, प्रवासी सदस्य, विद्वान और नीति-निर्माता एकजुट होंगे। इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के स्वप्न को साकार करने के लिए भारत के दीर्घकालिक विकासात्मक रोडमैप पर चर्चा करना है, जिसका लक्ष्य आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है।

उद्घाटन सत्र: दिग्गजों का जमावड़ा

एक दिवसीय कॉन्क्लेव का आगाज़ एक उद्घाटन सत्र के साथ होगा, जिसमें पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन और सदगुरु अर्चना दीदी का आशीर्वाद शामिल है। इसके बाद रश्मि राय मंथा (विकसित भारत @2047, यूके संयोजक), कुलदीप एस शेखावत (ओएफबीजेपी यूके और यूरोप), पूर्व सांसद मार्टिन डे, स्कॉटिश सांसद गॉर्डन मैकडॉनल्ड और महावाणिज्य दूत सिद्धार्थ मलिक स्वागत भाषण देंगे। डॉ. कुमार राकेश ‘विकसित भारत @2047’ अभियान की दूरदृष्टि और दायरे को रेखांकित करते हुए एक परिचयात्मक भाषण देंगे।

वैश्विक दृष्टिकोण और प्रमुख वक्ता

इस सत्र में लॉर्ड रामी रेंजर, भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, और स्पेन के पूर्व सीनेटर रॉबर्ट मसीह नाहर जैसे गणमान्य व्यक्ति अपने विचार साझा करेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक, पंचगव्य विद्यापीठम (गोवा) के डॉ. निरंजन के वर्मा, गोवा पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष गणेश गाँवकर, डॉ. मणि के शर्मा (सिक्किम के पूर्व मंत्री), मारवाह स्टूडियो के डॉ. संदीप मारवाह, और उद्योग जगत के प्रमुख नाम पूनम गुप्ता, पुनीत गुप्ता और गरिमा पोद्दार भी अपनी राय प्रस्तुत करेंगे।

राष्ट्रीय विकास के छह महत्वपूर्ण विषय
कॉन्क्लेव में राष्ट्रीय विकास के मुद्दों पर केंद्रित छह विषयगत गोलमेज सत्र भी होंगे:

सुशासन और विश्व (Good Governance & the World): इस सत्र में जलवायु परिवर्तन और सार्वजनिक नीति पर चर्चा होगी, जिसकी अध्यक्षता राज्यवर्धन राठौड़, लॉर्ड रामी रेंजर, गॉर्डन मैकडॉनल्ड और बैरोनेस संदीप वर्मा करेंगे।

आध्यात्मिकता, हिंदुत्व और वैश्विक शांति (Spirituality, Hindutva & Global Peace): यह सत्र भारत की सांस्कृतिक और पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को वैश्विक कल्याण के उपकरण के रूप में प्रस्तुत करेगा।

कौनोमिक्स, पंचगव्य सिद्ध और आयुष (Cownomics, Panchagavya Siddha & AYUSH): यह भारतीय पारंपरिक ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डालेगा।
पर्यटन और संस्कृति (Tourism & Culture): इसकी अध्यक्षता जीटीडीसी के गणेश गाँवकर करेंगे।

मीडिया और संचार (Media & Communications): इसमें पत्रकारिता, स्वास्थ्य सेवा, कानून और शिक्षा जगत की प्रमुख हस्तियाँ अपने विचार साझा करेंगी।

युवा और महिला सशक्तिकरण (Youth & Women Empowerment): इस सत्र में समावेशी प्रगति के लिए काम कर रही उभरती हुई आवाज़ें शामिल होंगी।

प्रत्येक सत्र का संचालन रश्मि राय मंथा, निधिन चंद और कुमार राकेश जैसे प्रमुख विचारक करेंगे।

एक प्रवासी-नेतृत्व वाली पहल

कॉन्क्लेव की मुख्य संयोजक और प्रवक्ता रश्मि राय मंथा ने कहा कि यह सभा 2047 तक “विकसित भारत” के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समावेशी और परिवर्तनकारी दृष्टिकोण को दर्शाती है। उन्होंने एमए टीवी यूके, ग्लोबल गवर्नेंस न्यूज़, समग्र भारत मीडिया ग्रुप जैसे मीडिया भागीदारों और अल्विरागो लिमिटेड, पीजी पेपर कंपनी, आयरशायर केयर सॉल्यूशंस और ज़ोज़ो डेस्टिनेशन मैनेजमेंट कंपनी सहित कई प्रायोजकों और शुभचिंतकों को विशेष धन्यवाद दिया।

भारत के भविष्य की दिशा तय करने में भूमिका

यह आयोजन संयोजक के धन्यवाद प्रस्ताव और समापन टिप्पणियों के साथ समाप्त होगा, जिसके बाद दोपहर 1:15 बजे एक नेटवर्किंग लंच होगा। ‘विकसित भारत @2047 कॉन्क्लेव’ भारत की भविष्य की दिशा में योगदान करने वाली एक महत्वपूर्ण प्रवासी-नेतृत्व वाली पहल है, जो भारत के आर्थिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और रणनीतिक लक्ष्यों को मजबूत करने के लिए विभिन्न महाद्वीपों के विचारों को एक साथ ला रही है।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.