ईरान के मिसाइल हमलों से इजरायल को बचा रहा भारत का ‘बराक’ डिफेंस सिस्टम

भारत-इजरायल रक्षा सहयोग की मिसाल

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
दिल्ली, 23 जून: हाल के दिनों में इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने दुनिया का ध्यान खींचा है। ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों ने इजरायल की वायु रक्षा प्रणालियों की क्षमता पर सवाल उठाए थे। हालांकि, इन हमलों का सामना करने में भारत द्वारा विकसित ‘बराक-8’ एयर डिफेंस सिस्टम (Barak-8 Air Defense System) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे भारत और इजरायल के बीच मजबूत रक्षा सहयोग एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। यह दर्शाता है कि कैसे रणनीतिक साझेदारी विपरीत परिस्थितियों में भी एक-दूसरे के लिए ढाल बन सकती है।

बराक-8: भारत और इजरायल की साझा शक्ति

बराक-8 एक अत्याधुनिक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली (Surface-to-Air Missile System) है, जिसे भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने मिलकर विकसित किया है। यह प्रणाली दुश्मन की क्रूज मिसाइलों, बैलिस्टिक मिसाइलों, ड्रोन और विमानों को 70 किलोमीटर से अधिक की दूरी से ही नष्ट करने में सक्षम है। इसकी खासियत यह है कि यह 360 डिग्री कवरेज प्रदान करती है और एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है, जिससे यह हवाई हमलों के खिलाफ एक दुर्जेय कवच बन जाती है।

ईरान के हमलों के खिलाफ ‘बराक’ की भूमिका

इजरायल पर ईरान के हालिया मिसाइल और ड्रोन हमलों के दौरान, बराक-8 डिफेंस सिस्टम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसने कई ईरानी ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही इंटरसेप्ट कर नष्ट कर दिया, जिससे इजरायल को बड़े नुकसान से बचाया जा सका। इजरायल की सुरक्षा एजेंसियों ने सार्वजनिक रूप से बराक-8 की उपयोगिता की सराहना की है। यह सिस्टम अब इजरायल के प्रसिद्ध आयरन डोम (Iron Dome) और ऐरो-3 (Arrow-3) जैसे डिफेंस सिस्टम्स के साथ मिलकर काम कर रहा है, जिससे इजरायल की हवाई सुरक्षा कई गुना बढ़ गई है।

भारत-इजरायल रक्षा संबंधों की गहराई

भारत और इजरायल के बीच रक्षा संबंध दशकों से मजबूत हुए हैं। इजरायल भारत के लिए उन्नत रक्षा उपकरणों का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है, जिसमें मिसाइल प्रणालियां, ड्रोन और निगरानी उपकरण शामिल हैं। बराक-8 इसका एक ज्वलंत उदाहरण है कि कैसे दोनों देश मिलकर उन्नत सैन्य तकनीक विकसित कर रहे हैं। यह साझेदारी केवल खरीद-फरोख्त तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें संयुक्त अनुसंधान और विकास, खुफिया जानकारी साझा करना और सैन्य अभ्यास भी शामिल हैं।

भू-राजनीतिक समीकरण और भारत की स्थिति

ईरान के साथ भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं, जबकि इजरायल के साथ भी भारत के रणनीतिक संबंध मजबूत हुए हैं। इस जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य में, भारत संतुलन बनाए रखने का प्रयास कर रहा है। हालांकि, बराक-8 जैसी संयुक्त परियोजनाओं के माध्यम से इजरायल की सुरक्षा में भारत की भूमिका स्पष्ट रूप से सामने आई है। यह न केवल भारत की बढ़ती रक्षा क्षमताओं को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक मंच पर उसकी रणनीतिक स्वायत्तता को भी रेखांकित करता है।

भविष्य की राह: आत्मनिर्भरता और सहयोग

बराक-8 की सफलता भारत के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के लिए भी प्रेरणादायक है। यह दर्शाता है कि भारत न केवल विदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी पर निर्भर रहने के बजाय, बल्कि सहयोगी देशों के साथ मिलकर अपनी स्वदेशी क्षमताओं का निर्माण कर रहा है। भविष्य में, भारत और इजरायल के बीच रक्षा सहयोग और बढ़ने की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों की सुरक्षा मजबूत होगी और क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान मिलेगा।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.