समग्र समाचार सेवा
जिनेवा, 21 जून -अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया कि वे इस्राइल को ईरान पर हमले रोकने के लिए कहने के पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है, “जो पक्ष युद्ध में आगे हो, उसे रोकना थोड़ा कठिन होता है। इस्राइल अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, जबकि ईरान पीछे चल रहा है।”
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने स्पष्ट किया कि जब तक इस्राइल का हमला बंद नहीं होता, अमेरिका से किसी तरह की परमाणु वार्ता संभव नहीं है। हालांकि इसके बावजूद अराकची शुक्रवार को जिनेवा पहुँचे जहाँ यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक में ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत की कोशिश की गई।
“यूरोप से बात नहीं करना चाहता ईरान”: ट्रंप
ट्रंप ने यूरोपीय प्रयासों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “यूरोप इस मुद्दे में कोई मदद नहीं कर सकता। ईरान यूरोप से बात नहीं करना चाहता, वो अमेरिका से बात करना चाहता है।”
ट्रंप ने खुद को ‘शांति समर्थक’ बताते हुए कहा, “मैं हमेशा शांति का पक्षधर रहूँगा , लेकिन कभी-कभी शांति के लिए सख्ती जरूरी होती है।”
‘ईरान हफ्तों में बना सकता है परमाणु बम’: ट्रंप का दावा
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या अमेरिका इस युद्ध में शामिल होगा, तो उन्होंने कहा कि वह ईरान को “कुछ समय” देना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “मैंने दो हफ्ते का समय तय किया है। यह समयसीमा अधिकतम है।”
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि ईरान अब हफ्तों में परमाणु हथियार बना सकता है। उन्होंने यह बात अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गैबर्ड के उस बयान के उलट कही, जिसमें उन्होंने मार्च में कांग्रेस को बताया था कि ईरान ने परमाणु हथियार निर्माण का फैसला नहीं किया है। इस पर ट्रंप ने जवाब दिया, “वो गलत हैं।”
गैबर्ड ने इसके बाद स्पष्ट किया कि उनके बयान को संदर्भ से काटकर प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा, “ईरान के पास अब इतना मटेरियल है कि अगर वो चाहे तो हफ्तों या महीनों में परमाणु हथियार बना सकता है।
इस्राइल अकेले फोर्डो नहीं नष्ट कर सकता’
ट्रंप ने यह भी कहा कि इस्राइल के पास ईरान के भूमिगत परमाणु स्थल ‘फोर्डो’ को अकेले नष्ट करने की क्षमता नहीं है। “वे सिर्फ सतही क्षति पहुंचा सकते हैं, गहराई तक नहीं जा सकते। उनके पास वैसी क्षमता नहीं है।”
गौरतलब है कि फोर्डो एक पर्वत के भीतर स्थित है और इसे नष्ट करने के लिए अमेरिका के पास मौजूद बी-2 बंकर बस्टर बम की आवश्यकता है। केवल अमेरिका के पास यह हथियार हैं।
हालांकि, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया है कि इस्राइल के पास फोर्डो समेत ईरान के सभी परमाणु ठिकानों को नष्ट करने की पूरी क्षमता है।
ईरान-इस्राइल युद्ध: अब तक की स्थिति
इस्राइल ने 13 जून को ईरान के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया था, जिसमें उसने ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों, सैन्य कमांडरों और मिसाइल प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। जवाब में, ईरान ने अब तक इस्राइल पर 470 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और लगभग 1,000 ड्रोन हमले किए हैं।
इस्राइल का दावा है कि हमलों में 24 लोग मारे गए और हजारों घायल हुए हैं। वहीं ईरान ने कहा है कि इस्राइल के हमलों में उसके 224 नागरिक, सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए हैं।
क्या अमेरिका इस युद्ध में कूदेगा?
ट्रंप पर दबाव है कि वह इस्राइल का साथ दें, खासकर जब वह खुद पहले ईरान से परमाणु समझौते की कोशिश कर चुके हैं। हालांकि, वे ज़मीनी फौज भेजने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने दोहराया, “यह आखिरी विकल्प होगा।”
अब सबकी निगाहें अगले दो हफ्तों पर टिकी हैं, जब ट्रंप अपनी तय समयसीमा के तहत यह निर्णय लेंगे कि अमेरिका इस युद्ध में प्रत्यक्ष भागीदारी करेगा या नहीं।