मंत्र छपे कपड़े पहनना अनुचित: प्रेमानंद महाराज का युवाओं को संदेश

प्रेमानंद महाराज ने युवाओं को मंत्र छपे कपड़े न पहनने की सलाह दी है, इसे कलियुग का विकार बताया।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
वृंदावन, 21 जून 2025: आजकल फैशन के नाम पर धार्मिक प्रतीकों और मंत्रों को कपड़ों पर छापने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इसी मुद्दे पर प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने युवाओं को ऐसे वस्त्र पहनने से बचने की सलाह दी है। उनका कहना है कि वेदों और पुराणों के पवित्र मंत्र फैशन का हिस्सा नहीं, बल्कि श्रद्धा और साधना के माध्यम हैं, जिन्हें हृदय में धारण किया जाना चाहिए।

धार्मिक मंत्र: फैशन या श्रद्धा?

प्रेमानंद महाराज ने इस बढ़ती प्रवृत्ति को कलियुग का विकार बताया है। उन्होंने कहा कि यह एक खतरनाक चलन है, जहां लोग धर्म के गंभीर तत्वों को बाजारू फैशन में बदल रहे हैं। उनके अनुसार, पवित्र मंत्रों का स्थान हृदय और साधना में है, न कि कपड़ों पर।

हाल ही में एक घटना हुई, जब एक युवक उनसे मिलने आया और उसने शिव मंत्र छपा हुआ कुर्ता पहना हुआ था। इस पर महाराज ने तुरंत प्रतिक्रिया दी:

"हमारी प्रार्थना है कि ऐसे वस्त्र न पहने जाएं क्योंकि इन पर मंत्र लिखा होता है। ये वैदिक मंत्र हैं, जो गुरु से लेकर 
हृदय में जपे जाते हैं, न कि कपड़े पर प्रदर्शित किए जाते हैं।"
मंत्रों का सही उपयोग: ध्यान और जप

महाराज ने स्पष्ट किया कि वैदिक मंत्रों का उपयोग केवल ध्यान, जप और साधना के लिए होना चाहिए। उनका उद्देश्य किसी फैशन शो या सार्वजनिक प्रदर्शन में प्रदर्शित होना नहीं है। उन्होंने युवाओं और विशेष रूप से वस्त्र निर्माताओं से आग्रह किया कि वे इस प्रवृत्ति पर पुनर्विचार करें और धार्मिक प्रतीकों का सम्मान बनाए रखें।

ऑनलाइन ब्रांड्स और धार्मिक भावनाएं

आजकल कई ऑनलाइन ब्रांड्स और फैशन कंपनियां ऐसे कुर्ते और टी-शर्ट्स बेच रही हैं, जिन पर ओम्, गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र जैसे पवित्र श्लोक छपे होते हैं। इन्हें फैशन के रूप में पहनने का चलन बढ़ने से अक्सर धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। यह सवाल उठता है कि क्या धर्म का यह व्यावसायीकरण हमारी सांस्कृतिक चेतना के लिए खतरा नहीं है।

प्रेमानंद महाराज का यह वक्तव्य भारतीय समाज को इस दिशा में सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे हम अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का सम्मान करें और उसे महज एक फैशन ट्रेंड बनने से बचाएं।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.