समग्र समाचार सेवा
बीरभूम (पश्चिम बंगाल), 21 जून — पश्चिम बंगाल एक बार फिर हिंसा की आग में झुलस उठा है। बीरभूम जिले के हटिया गाँव में शुक्रवार देर रात दो आपराधिक गुटों के बीच हुए खूनी संघर्ष में देसी बमों का इस्तेमाल हुआ, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह झड़प शेख मुनीर और शेख मैनुद्दीन-शेख मुस्तफा के गुटों के बीच वर्चस्व की जंग को लेकर हुई।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, मारे गए दोनों लोग सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) से जुड़े बताए जा रहे हैं, हालाँकि पुलिस ने अभी तक आधिकारिक रूप से मृतकों की पहचान उजागर नहीं की है। बीरभूम के एसपी अमनदीप ने पुष्टि की है कि दो लोगों की मौत हुई है और जाँच जारी है।
घटना शुक्रवार दोपहर उस समय शुरू हुई जब शेख मैनुद्दीन और उसका सहयोगी शेख मुस्तफा हटिया गाँव में दोबारा प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। बताया जा रहा है कि बीते कुछ समय से शेख मुनीर का गाँव में वर्चस्व था, जिसकी वजह से मैनुद्दीन और मुस्तफा गाँव से दूर थे। लेकिन जैसे ही उन्होंने वापस आने की कोशिश की, मुनीर के गुट ने उन्हें रोकने की कोशिश की और झड़प शुरू हो गई।
पूरे दिन यह संघर्ष रुक-रुक कर चलता रहा, लेकिन देर रात स्थिति और भी भयावह हो गई जब मैनुद्दीन- मुस्तफा गुट कथित रूप से हथियारों और देसी बमों के साथ लौटे। इस दौरान एक बम का भयंकर विस्फोट हुआ, जिससे दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
गांव में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है और पुलिस ने पूरे क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दोनों गुट नकली सिक्कों के अवैध कारोबार में शामिल हैं और अक्सर वर्चस्व को लेकर भिड़ते रहते हैं।
बम विस्फोट की इस घटना ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल उठता है कि आखिर देसी बमों का इतना बड़ा जखीरा गांव में कैसे पहुँचा और पुलिस को इसकी भनक तक क्यों नहीं लगी।
फिलहाल पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है और गाँव में शांति बनाए रखने की अपील की गई है।