समग्र समाचार सेवा
पटना, 21 जून: हाल ही में एयर इंडिया की एक फ्लाइट को लेकर पटना एयरपोर्ट पर यात्रियों ने जमकर हंगामा किया। चेन्नई से पटना पहुंची एयर इंडिया की फ्लाइट AI 2936 अपने यात्रियों का सामान लिए बिना ही आ गई, जिससे यात्रियों में भारी नाराजगी देखने को मिली। इस घटना ने एक बार फिर एयरलाइंस कंपनियों की सेवा और प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सामान न मिलने पर फूटा गुस्सा
सुबह जैसे ही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 2936 पटना एयरपोर्ट पर उतरी, यात्रियों को घोषणा हुई कि उनका सामान बेल्ट नंबर 4 पर मिलेगा। लेकिन जब यात्री वहां पहुंचे, तो उन्हें अपना लगेज नहीं मिला। यह खबर मिलते ही यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने एयरपोर्ट पर जमकर हंगामा शुरू कर दिया।
एयर इंडिया का अजीबोगरीब तर्क
मामले को शांत करने के लिए एयर इंडिया के ग्राउंड स्टाफ और सीआईएसएफ को बीच-बचाव करना पड़ा। एयर इंडिया के एक अधिकारी ने बताया कि विमान में 186 यात्री सवार थे, जिसके कारण विमान का वजन अधिक हो गया था। अधिकारी ने तर्क दिया कि गर्मी के मौसम (समर शेड्यूल) में हवा गर्म रहती है, और ऐसे में ओवरवेट होने से फ्लाइट के टेक-ऑफ में समस्या आ सकती है। इस स्थिति को ‘टोल पेनाल्टी’ भी कहा जाता है, जहां कार्गो और पैसेंजर की क्षमता कम की जाती है। इसी वजह से यात्रियों का लगेज नहीं लाया जा सका।
यात्रियों को मिले आश्वासन
हालाँकि, एयर इंडिया प्रबंधन ने स्थिति को संभालने के लिए कुछ आश्वासन दिए। उन्होंने यात्रियों का छूटा हुआ सामान उनके घर तक पहुंचाने की बात कही। इसके साथ ही, जिन यात्रियों की कनेक्टिंग फ्लाइट छूट गई थी, उन्हें दूसरे विमान से भेजने का आश्वासन दिया गया, जिसके बाद ही यात्री शांत हुए।
क्या हैं ऐसे मामलों में यात्रियों के अधिकार?
यह घटना हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण सीख है। यदि आपकी एयरलाइन आपका चेक-इन किया हुआ सामान खो देती है, क्षतिग्रस्त कर देती है, या देरी से पहुंचाती है, तो आपके कुछ अधिकार होते हैं। अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिए मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत यात्रियों को मुआवजा मिल सकता है। घरेलू उड़ानों के लिए, एयरलाइंस की अपनी नीतियां होती हैं, लेकिन आमतौर पर वे सामान के देर से पहुंचने पर कुछ बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसे देती हैं या उसे घर तक पहुंचाती हैं।
यह घटना दर्शाती है कि एयरलाइंस को यात्रियों के सामान के प्रबंधन और ऐसी अप्रत्याशित स्थितियों में संचार को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है ताकि यात्रियों को असुविधा का सामना न करना पड़े।