21 जून दैनिक राशिफल एवं आज का पंचांग

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🐏मेष

बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएँगे। विवेक से कार्य करें। लाभ में वृद्धि होगी। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। व्यापार-व्यवसाय की गति बढ़ेगी। चिंता रह सकती है। थकान रहेगी। प्रमाद न करें।

🐂वृष

मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है या समय पर नहीं मिलेगी। पुराना रोग उभर सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। यश बढ़ेगा।

👫मिथुन

कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। किसी अनहोनी की आशंका रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। लेन-देन में लापरवाही न करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। शेयर मार्केट से बड़ा लाभ हो सकता है।

🦀कर्क

किसी भी तरह के विवाद में पड़ने से बचें। जल्दबाजी से हानि होगी। राजभय रहेगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। सही काम का भी विरोध हो सकता है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। निवेश शुभ रहेगा। सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें।

🐅सिंह

पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तुएं गुम हो सकती हैं। चिंता तथा तनाव रहेंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की बाधा दूर होगी। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि तथा सम्मान में वृद्धि होगी।

🙍‍♀️कन्या

शत्रुओं का पराभव होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। काम पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। बेवजह किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। दूसरों के बहकावे में न आएं। फालतू बातों पर ध्यान न दें। लाभ में वृद्धि होगी।

⚖️तुला

शारीरिक कष्ट संभव है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी प्रभावशाली व्यक्ति मार्गदर्शन प्राप्त होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। झंझटों में न पड़ें।

🦂वृश्चिक

भूमि व भवन संबंधी खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आर्थिक उन्नति होगी। संचित कोष में वृद्धि होगी। देनदारी कम होगी। नौकरी में मनोनुकूल स्थिति बनेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। शेयर मार्केट आदि से बड़ा फायदा हो सकता है। परिवार की चिंता बनी रहेगी।

🏹धनु

प्रतिद्वंद्विता कम होगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। बात बिगड़ सकती है। शत्रुभय रहेगा। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। स्त्री वर्ग से सहायता प्राप्त होगी। नौकरी व निवेश में इच्छा पूरी होने की संभावना है।

🐊मकर

शत्रुभय रहेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। विवाद से क्लेश होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। ऐश्वर्य के साधनों पर सोच-समझकर खर्च करें। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि बाद में पछताना पड़े। दूसरे अधिक अपेक्षा करेंगे। नकारात्मकता हावी रहेगी।

🍯कुंभ

धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। चोट व रोग से बचें। सेहत का ध्यान रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। झंझटों में न पड़ें। व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। परिवार में प्रसन्नता रहेगी।

🐟मीन

सही काम का भी विरोध होगा। कोई पुरानी व्याधि परेशानी का कारण बनेगी। कोई बड़ी समस्या बनी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य करने के प्रति रुझान रहेगा। मान-सम्मान मिलेगा। रुके कार्यों में गति आएगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में चैन बना रहेगा।

श्री राम जानकी पंचांगम्* 🌺

*दिनांक:-21/06/2025, शनिवार*

दशमी, कृष्ण पक्ष,

आषाढ

“””””””””””””””””””””””””””””””” (समाप्ति काल) 

तिथि————— दशमी 07:18:12    तक

तिथि—— एकादशी 28:27:01(क्षय )

पक्ष————————— कृष्ण

नक्षत्र————– अश्विनी 19:49:19

योग————– अतिगंड 20:27:55

करण————- विष्टि भद्र 07:18:13

करण—————— बव 17:54:50

करण————— बालव 28:27:01

वार————————- शनिवार

माह————————- आषाढ

चन्द्र राशि——————–   मेष

सूर्य राशि——————–   मिथुन

रितु—————————- ग्रीष्म

आयन——————— उत्तरायण

संवत्सर——————– विश्वावसु

संवत्सर (उत्तर)————– सिद्धार्थी

विक्रम संवत—————– 2082

गुजराती संवत—————– 2081 

शक संवत——————— 1947 

कलि संवत——————– 5126

वृंदावन

सूर्योदय——————- 05:25:47

सूर्यास्त——————– 19:16:21

दिन काल—————– 13:50:33

रात्री काल—————– 10:09:39

चंद्रास्त——————— 14:59:31

चंद्रोदय——————- 26:07:45

लग्न—-   मिथुन 5°41′ , 65°41′

सूर्य नक्षत्र——————- मृगशिरा

चन्द्र नक्षत्र—————— अश्विनी

नक्षत्र पाया——————— स्वर्ण

*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*

चे—- अश्विनी 08:49:10

चो—- अश्विनी 14:19:50

ला—- अश्विनी 19:49:19

ली—- भरणी 25:17:42

*💮🚩💮    ग्रह गोचर    💮🚩💮*

        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

============================

सूर्य=  मिथुन 05°49,     मृगशिरा   4        की 

चन्द्र= मेष 04°30 ,      अश्वनी   2      चे

बुध = मिथुन 27°52 ‘         पुनर्वसु 3      हा

शु क्र= मेष 21°05,        भरणी     3       ले

मंगल= सिंह 07°30 ‘        मघा    3    ,    मू

गुरु=मिथुन  07°30      आर्द्रा ,      1       कु

शनि=मीन 07°48 ‘     उ o भा o  , 2      थ

राहू=(व) कुम्भ 28°15 पू o भा o,     3    दा 

केतु= (व) सिंह 28°15  उ oफा o 1         टे

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*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 08:53 – 10:37 अशुभ

यम घंटा 14:05 – 15:49 अशुभ

गुली काल 05:26 – 07:10 अशुभ

अभिजित 11:53 – 12:49 शुभ

दूर मुहूर्त 07:17 – 08:12 अशुभ

वर्ज्यम 16:10 – 17:38 अशुभ

प्रदोष 19:16 – 21:19         शुभ

🚩गंड मूल 05:26 – 19:49 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

काल 05:26 – 07:10 अशुभ

शुभ 07:10 – 08:53 शुभ

रोग 08:53 – 10:37 अशुभ

उद्वेग 10:37 – 12:21 अशुभ

चर 12:21 – 14:05 शुभ

लाभ 14:05 – 15:49 शुभ

अमृत 15:49 – 17:33 शुभ

काल 17:33 – 19:16 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

लाभ 19:16 – 20:33 शुभ

उद्वेग 20:33 – 21:49 अशुभ

शुभ 21:49 – 23:05 शुभ

अमृत 23:05 – 24:21* शुभ

चर 24:21* – 25:37* शुभ

रोग 25:37* – 26:54* अशुभ

काल 26:54* – 28:10* अशुभ

लाभ 28:10* – 29:26* शुभ

💮होरा, दिन

शनि 05:26 – 06:35

बृहस्पति 06:35 – 07:44

मंगल 07:44 – 08:53

सूर्य 08:53 – 10:03

शुक्र 10:03 – 11:12

बुध 11:12 – 12:21

चन्द्र 12:21 – 13:30

शनि 13:30 – 14:40

बृहस्पति 14:40 – 15:49

मंगल 15:49 – 16:58

सूर्य 16:58 – 18:07

शुक्र 18:07 – 19:16

🚩होरा, रात

बुध 19:16 – 20:07

चन्द्र 20:07 – 20:58

शनि 20:58 – 21:49

बृहस्पति 21:49 – 22:40

मंगल 22:40 – 23:30

सूर्य 23:30 – 24:21

शुक्र 24:21* – 25:12

बुध 25:12* – 26:03

चन्द्र 26:03* – 26:54

शनि 26:54* – 27:44

बृहस्पति 27:44* – 28:35

मंगल 28:35* – 29:26

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩* 

मिथुन  > 05:04 से 07:14     तक

कर्क    > 07:14  से 09:34     तक

सिंह    > 09:34  से  11:54    तक

कन्या  > 11:54  से   14:08   तक

तुला   >  14:08  से  16:24    तक

वृश्चिक > 16:24 से  18:44    तक

धनु     > 18:44  से  20:58    तक

मकर   > 20:58 से  22:40     तक

कुम्भ   > 22:40  से  00:00    तक

मीन    > 00:00  से  01:22     तक

मेष     > 01:22  से  03:14     तक     

वृषभ   > 03:14 से  05:06     तक

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*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा   +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो  लोग ,कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

  15 + 10 + 7 +  1 =  33 ÷ 4 = 1 शेष

 पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

*💮    शिव वास एवं फल -:*

  25 + 25 + 5 = 55 ÷ 7 =  6 शेष

क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।* 

*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*

 *योगिनी एकादशी  व्रत (स्मार्त)

*एकादशी क्षय 

*वर्षा ऋतु  प्रारंभ 

*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*

परोक्षे कार्य्यहन्तारं प्रत्यक्षे प्रियवादिनम्।।

वर्ज्जयेत्तादृशं मित्रं विषकुम्भम्पयोमुखम् ।।

।।चाo नीo।।

 ऐसे लोगों से बचे जो आपके मुह पर तो मीठी बातें करते हैं, लेकिन आपके पीठ पीछे आपको बर्बाद करने की योजना बनाते है, ऐसा करने वाले तो उस विष के घड़े के समान है जिसकी उपरी सतह दूध से भरी है।

*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*

गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18

विषयेन्द्रियसंयोगाद्यत्तदग्रेऽमृतोपमम्‌।

 परिणामे विषमिव तत्सुखं राजसं स्मृतम्‌॥

जो सुख विषय और इंद्रियों के संयोग से होता है, वह पहले- भोगकाल में अमृत के तुल्य प्रतीत होने पर भी परिणाम में विष के तुल्य (बल, वीर्य, बुद्धि, धन, उत्साह और परलोक का नाश होने से विषय और इंद्रियों के संयोग से होने वाले सुख को ‘परिणाम में विष के तुल्य’ कहा है) है इसलिए वह सुख राजस कहा गया है

             आचार्य पं. अशोक मिश्रा मुम्बई

                        मो.9870190475

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