समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 जून: भारतीय राजनीति में विपक्षी नेताओं द्वारा सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री की तारीफ करना एक दुर्लभ घटना है। लेकिन जब यह तारीफ कांग्रेस के एक बड़े और मुखर नेता, अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा की जाए, तो यह निश्चित रूप से सुर्खियां बटोरती है। 17 जून को कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद सिंघवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साइप्रस यात्रा की खुले दिल से सराहना की। उन्होंने इसे ‘स्वागत योग्य कदम’ बताया और कहा कि अवैध कब्जे के खिलाफ साइप्रस के साथ भारत का खड़ा होना लंबे समय से अपेक्षित था।
“बस बहुत हो गया, विस्तारवाद का विरोध ज़रूरी” – सिंघवी
अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर लिखा, “तुर्की द्वारा साइप्रस की अवैध रूप से कब्जाई गई भूमि पर विचार करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का कदम स्वागत योग्य है। मैं लंबे समय से इसकी वकालत कर रहा हूं। हालांकि, देर आए दुरुस्त आए। बस बहुत हो गया। साइप्रस के साथ खड़े हों: संप्रभुता की मांग करें, विस्तारवाद का विरोध करें!” उनका यह बयान कांग्रेस के सामान्य रुख से अलग हटकर था।
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PM मोदी की साइप्रस यात्रा क्यों है ख़ास?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 15-16 जून का साइप्रस दौरा पिछले दो दशकों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। यह दौरा ऐसे समय में हुआ जब भारत और तुर्की के रिश्ते काफी तनावपूर्ण चल रहे हैं। इसका मुख्य कारण पाकिस्तान को तुर्की का खुला समर्थन और कश्मीर मुद्दे पर उसका लगातार दखल देना है।
साइप्रस की राजधानी निकोसिया में युद्ध विराम रेखा का दौरा कर प्रधानमंत्री ने न सिर्फ साइप्रस की क्षेत्रीय संप्रभुता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत किया, बल्कि परोक्ष रूप से तुर्की को भी एक कड़ा संदेश दे दिया।
1974 में तुर्की ने साइप्रस के उत्तरी हिस्से पर सैन्य कब्जा कर लिया था और आज भी वह ‘तुर्की गणराज्य उत्तरी साइप्रस’ को मान्यता देता है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई अन्य देश मान्यता नहीं देता। इस कब्जे के खिलाफ खुलकर बोलना पश्चिमी देशों के लिए आज भी एक संवेदनशील मुद्दा है, लेकिन भारत ने बेझिझक साइप्रस के साथ खड़े होने का फैसला किया।
इससे पहले तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र और ओआईसी (इस्लामिक सहयोग संगठन) जैसे मंचों पर बार-बार भारत के खिलाफ बयान दिए थे, खासकर कश्मीर को लेकर। अब भारत की इस साइप्रस यात्रा को तुर्की के लिए एक करारा जवाब माना जा रहा है।
कांग्रेस के लिए असहजता?
अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस के सिर्फ एक वरिष्ठ नेता ही नहीं, बल्कि वह पार्टी के प्रमुख विधि विशेषज्ञ और रणनीतिकार भी हैं। उनका प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति पर इस तरह खुलकर समर्थन करना राहुल गांधी और पार्टी हाईकमान के लिए राजनीतिक असहजता का कारण बन सकता है। विशेषकर तब, जब कांग्रेस हमेशा से मोदी की विदेश यात्राओं को ‘इवेंट मैनेजमेंट’ कहकर खारिज करती आई है। सिंघवी का यह बयान पार्टी के अंदर और बाहर एक नई बहस छेड़ सकता है।