प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार को दी ₹10,000 करोड़ की विकास परियोजनाएं की सौगात

विकास की नई रफ्तार: वंदे भारत से लेकर शहरी आवास तक, बिहार को मिली बड़ी सौगात

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समग्र समाचार सेवा
सीवान, बिहार 20 जून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के सीवान जिले के जसौली से राज्य को ₹10,000 करोड़ से अधिक की महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं की सौगात दी है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य बिहार के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना, कनेक्टिविटी को बढ़ाना और नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाना है। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने कुल ₹5736 करोड़ की 22 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जो राज्य के समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

प्रमुख विकास परियोजनाओं का अनावरण

इन परियोजनाओं में पटना-गोरखपुर वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत, सीवान और सासाराम में अत्याधुनिक सीवरेज नेटवर्क का निर्माण, आरा और सीवान में व्यापक जलापूर्ति परियोजनाएं, तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 53,666 बेघर लाभार्थियों को पहली किस्त का वितरण शामिल है। इसके अतिरिक्त, 6684 शहरी गरीब परिवारों को उनके नए आवासों की चाबियां सौंपी गईं, जो ‘सबके लिए आवास’ के सरकार के संकल्प को दर्शाता है। परिवहन के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई है, जिसमें ₹400 करोड़ से अधिक की लागत वाली वैशाली-देवरिया रेलवे लाइन परियोजना को हरी झंडी दिखाई गई है, जिससे क्षेत्रीय संपर्क में सुधार होगा।

राजनीतिक परिप्रेक्ष्य और विकास का एजेंडा

परियोजनाओं के अनावरण के साथ-साथ, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में विपक्षी दलों, विशेष रूप से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर के सम्मान के मुद्दे पर विपक्षी दलों की आलोचना की, यह रेखांकित करते हुए कि उनकी सरकार अंबेडकर के आदर्शों को हृदय से आत्मसात करती है। प्रधानमंत्री ने बिहार के अतीत में ‘जंगलराज’ की अवधारणा को भी संबोधित किया, और दावा किया कि पिछली सरकारों की नीतियों के कारण बिहार पलायन और विकास में ठहराव का प्रतीक बन गया था। उन्होंने वर्तमान एनडीए सरकार के तहत नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार को विकास के पथ पर वापस लाने का श्रेय लिया।

बिहार की आर्थिक प्रगति और भविष्य की दिशा

प्रधानमंत्री ने बिहार की बढ़ती आर्थिक क्षमता पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से मढ़ौरा रेल फैक्ट्री का उदाहरण दिया, जहाँ निर्मित पहला इंजन अफ्रीका को निर्यात किया जा रहा है। यह दर्शाता है कि बिहार अब ‘मेड इन इंडिया’ पहल का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है, और उसके उत्पाद वैश्विक बाजारों तक पहुँच रहे हैं। उन्होंने जोर दिया कि उनकी सरकार बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य को और आगे ले जाने के लिए निरंतर प्रयास करेगी। प्रधानमंत्री ने बिहार के नागरिकों को भविष्य के लिए सतर्क रहने का भी आह्वान किया, ताकि राज्य में “जंगलराज” की वापसी न हो।

गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सशक्तिकरण

प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में गरीबी उन्मूलन में भारत की उल्लेखनीय प्रगति को रेखांकित किया, जिसमें लगभग 25 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं। उन्होंने इस उपलब्धि में बिहार की नीतीश सरकार के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप बिहार के लगभग पौने चार करोड़ लोग गरीबी से मुक्त हुए हैं। उन्होंने कांग्रेस के ‘लाइसेंस राज’ की आलोचना की, जिसे उन्होंने भ्रष्टाचार और आम नागरिकों के लिए अवसरों की कमी का कारण बताया, विशेषकर दलित और महादलित समुदायों के लिए।

पिछले दशक की प्रमुख विकासात्मक उपलब्धियाँ
प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में बिहार में हुई महत्वपूर्ण विकासात्मक पहलों का विवरण दिया:

सड़क अवसंरचना: लगभग 55,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच में सुधार हुआ है।
बिजली कनेक्शन: 1.5 करोड़ से अधिक घरों को बिजली के कनेक्शन से जोड़ा गया, जिससे ग्रामीण विद्युतीकरण में वृद्धि हुई है।
जल कनेक्शन: 1.5 करोड़ घरों को स्वच्छ पेयजल कनेक्शन प्रदान किया गया, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
डिजिटल सशक्तिकरण: 45,000 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) स्थापित किए गए हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं तक पहुंच प्रदान कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने बिहार की प्रगति की इस गति को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया और राज्य के उज्ज्वल भविष्य के लिए निरंतर सतर्कता और सहयोग का आह्वान किया।

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