असम की राजनीति में नया भूचाल: विदेशी हस्तक्षेप का दावा
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप, राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बना सोशल मीडिया
समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी, 20 जून: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को राज्य की राजनीति में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने दावा किया है कि इस्लामिक देशों के हैंडलर असम कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं और 5,000 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट्स को नियंत्रित कर रहे हैं। सरमा के अनुसार, इन अकाउंट्स का मुख्य उद्देश्य 2026 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को लाभ पहुंचाना है, और यह पहली बार है जब असम की राजनीति में इस स्तर की विदेशी भागीदारी देखी जा रही है।
“विदेशी हस्तक्षेप की सबसे बड़ी साजिश”
मुख्यमंत्री ने इस मामले को केवल राजनीतिक लड़ाई नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला बताया। उन्होंने कहा, “2026 के चुनाव से पहले असम में विदेशी हस्तक्षेप की यह सबसे बड़ी साजिश है। यह सिर्फ राजनीतिक लड़ाई नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला बन गया है।” उनके इन बयानों ने राज्य की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
गौरव गोगोई पर ISI के आमंत्रण का आरोप
सरमा ने इससे पहले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि गोगोई ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के आमंत्रण पर वहां का दौरा किया था। मुख्यमंत्री ने कहा, “गौरव गोगोई पर्यटन के लिए नहीं, बल्कि प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान गए थे। गृह मंत्रालय केवल ऐसे मामलों में निमंत्रण देता है, जब सुरक्षा या रणनीतिक एजेंसियों के साथ समन्वय की आवश्यकता हो।” उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पास इस दौरे से जुड़े दस्तावेज मौजूद हैं, जो यह प्रमाणित करते हैं कि यह दौरा सामान्य नहीं था।
कांग्रेस ने आरोपों को बताया ‘प्रोपेगेंडा’
विपक्षी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। पार्टी के प्रवक्ता ने बयान जारी कर इसे ‘राजनीतिक प्रोपेगेंडा’ करार दिया। प्रवक्ता ने कहा, “सीएम सरमा को अगर ऐसे सबूत हैं तो वे उन्हें सार्वजनिक करें और जांच एजेंसियों को सौंपें। ऐसे गंभीर आरोप केवल चुनावी रणनीति का हिस्सा हैं, जिनका उद्देश्य जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाना है।”
सोशल मीडिया बना नया चुनावी रणभूमि
मुख्यमंत्री के इन दावों के बाद असम की राजनीति में सोशल मीडिया की भूमिका एक केंद्रीय मुद्दा बन चुकी है। हजारों विदेशी सोशल मीडिया अकाउंट्स द्वारा कांग्रेस के समर्थन में चलाए जा रहे अभियानों का दावा राज्य में एक नए राजनीतिक विमर्श को जन्म दे चुका है। आने वाले चुनावों में यह मुद्दा किस दिशा में जाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन फिलहाल असम में सियासी पारा काफी चढ़ गया है।