20 जून दैनिक राशिफल एवं आज का पंचांग

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यात्रा लाभदायक रहेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है, प्रयास करें। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। शेयर मार्केट से बड़ा लाभ हो सकता है। संचित कोष में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। कारोबारी सौदे बड़े हो सकते हैं। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य प्रभावित होगा, सावधानी रखें।

🐂वृष
फालतू खर्च पर नियंत्रण रखें। बजट बिगड़ेगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। शारीरिक कष्ट से बाधा उत्पन्न होगी। लेन-देन में सावधानी रखें। अपरिचित व्यक्तियों पर अंधविश्वास न करें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। आय होगी। संतुष्टि नहीं होगी।

👫मिथुन
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति संभव है। यात्रा लाभदायक रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। कारोबारी बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। आशंका-कुशंका रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। लापरवाही न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

🦀कर्क
उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। बड़ा काम करने का मन बनेगा। झंझटों से दूर रहें। कानूनी अड़चन का सामना करना पड़ सकता है। फालतू खर्च होगा। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। जोखिम बिलकुल न लें।

🐅सिंह
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चिंता बनी रहेगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। निवेश लाभदायक रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। निवेश शुभ रहेगा। व्यस्तता रहेगी।

🙍‍♀️कन्या
दूर से बुरी खबर मिल सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। बेवजह तनाव रहेगा। किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। फालतू बातों पर ध्यान न दें। मेहनत अधिक व लाभ कम होगा। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। शत्रुओं की पराजय होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी।

⚖️तुला
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। समय की अनुकूलता का लाभ मिलेगा। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। अपने काम पर ध्यान दें। लाभ होगा।

🦂वृश्चिक
बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। स्थायी संपत्ति से बड़ा लाभ हो सकता है। समय पर कर्ज चुका पाएंगे। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न तथा संतुष्ट रहेंगे। निवेश शुभ फल देगा। घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी, ध्यान रखें।

🏹धनु
कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति निर्मित होगी। प्रेम-प्रसंग में जोखिम न लें। व्यापार में लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। शत्रु पस्त होंगे। विवाद में न पड़ें। अपेक्षाकृत कार्य समय पर होंगे। प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यस्तता रहेगी। प्रमाद न करें।

🐊मकर
घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। फालतू खर्च होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी। शत्रुभय रहेगा।

🍯कुंभ
व्यवसाय में ध्यान देना पड़ेगा। व्यर्थ समय न गंवाएं। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। जल्दबाजी से हानि संभव है। थकान रहेगी। कुसंगति से बचें। निवेश शुभ रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

🐟मीन
पुराना रोग उभर सकता है। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। विरोधी सक्रिय रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। आय में वृद्धि होगी। शेयर मार्केट से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। घर-परिवार में सुख-शांति रहेगी। जल्दबाजी न करें l*

दिनांक:-20/06/2025, शुक्रवार
नवमी, कृष्ण पक्ष,
आषाढ
“””””””””””””””””””””””””””””””” (समाप्ति काल)

तिथि————— नवमी 09:48:55 तक
पक्ष————————— कृष्ण
नक्षत्र—————–रेवती 21:43:57
योग————— शोभन 23:45:35
करण——————गर 09:48:55
करण————– वणिज 20:36:25
वार————————- शुक्रवार
माह————————- आषाढ
चन्द्र राशि———- मीन 21:43:57
चन्द्र राशि——————— मेष
सूर्य राशि——————– मिथुन
रितु—————————-ग्रीष्म
आयन——————— उत्तरायण
संवत्सर——————–विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर) —————सिद्धार्थी
विक्रम संवत—————– 2082
गुजराती संवत—————- 2081
शक संवत——————– 1947
कलि संवत——————- 5126

वृंदावन
सूर्योदय——————–05:25:35
सूर्यास्त——————– 19:16:08
दिन काल—————– 13:50:33
रात्री काल—————— 10:09:39
चंद्रास्त——————— 13:53:12
चंद्रोदय——————- 25:28:40

लग्न—- मिथुन 4°43′ , 64°43′

सूर्य नक्षत्र——————- मृगशिरा
चन्द्र नक्षत्र———————-रेवती
नक्षत्र पाया——————— स्वर्ण

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

दो—-रेवती 10:33:01

च—- रेवती 16:09:13

ची—- रेवती 21:43:57

चु—- अश्विनी 27:17:14

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
============================
सूर्य= मिथुन 03°49, मृगशिरा 4 की
चन्द्र= मीन 06°30 , रेवती 2 दो
बुध = मिथुन 25°52 ‘ पुनर्वसु 2 को
शु क्र= मेष 19°05, भरणी 2 लू
मंगल= सिंह 07°30 ‘ मघा 3 , मू
गुरु=मिथुन 07°30 आर्द्रा , 1 कु
शनि=मीन 07°48 ‘ उ o भा o , 2 थ
राहू=(व) कुम्भ 28°20 पू o भा o, 3 दा
केतु= (व) सिंह 28°20 उ oफा o 1 टे
============================

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 10:37 – 12:21 अशुभ
यम घंटा 15:48 – 17:32 अशुभ
गुली काल 07:09 – 08:53 अशुभ
अभिजित 11:53 – 12:49 शुभ
दूर मुहूर्त 08:12 – 09:07 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:49 – 13:44 अशुभ
वर्ज्यम 10:33 – 12:03 अशुभ
प्रदोष 19:16 – 21:19 शुभ

💮गंड मूल अहोरात्र अशुभ

🚩पंचक ⁵ 05:26 – 21:44 अशुभ

💮चोघडिया, दिन
चर 05:26 – 07:09 शुभ
लाभ 07:09 – 08:53 शुभ
अमृत 08:53 – 10:37 शुभ
काल 10:37 – 12:21 अशुभ
शुभ 12:21 – 14:05 शुभ
रोग 14:05 – 15:48 अशुभ
उद्वेग 15:48 – 17:32 अशुभ
चर 17:32 – 19:16 शुभ

🚩चोघडिया, रात
रोग 19:16 – 20:32 अशुभ
काल 20:32 – 21:49 अशुभ
लाभ 21:49 – 23:05 शुभ
उद्वेग 23:05 – 24:21* अशुभ
शुभ 24:21* – 25:37* शुभ
अमृत 25:37* – 26:53* शुभ
चर 26:53* – 28:10* शुभ
रोग 28:10* – 29:26* अशुभ

💮होरा, दिन
शुक्र 05:26 – 06:35
बुध 06:35 – 07:44
चन्द्र 07:44 – 08:53
शनि 08:53 – 10:02
बृहस्पति 10:02 – 11:12
मंगल 11:12 – 12:21
सूर्य 12:21 – 13:30
शुक्र 13:30 – 14:39
बुध 14:39 – 15:48
चन्द्र 15:48 – 16:58
शनि 16:58 – 18:07
बृहस्पति 18:07 – 19:16

🚩होरा, रात
मंगल 19:16 – 20:07
सूर्य 20:07 – 20:58
शुक्र 20:58 – 21:49
बुध 21:49 – 22:39
चन्द्र 22:39 – 23:30
शनि 23:30 – 24:21
बृहस्पति 24:21* – 25:12
मंगल 25:12* – 26:03
सूर्य 26:03* – 26:53
शुक्र 26:53* – 27:44
बुध 27:44* – 28:35
चन्द्र 28:35* – 29:26

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मिथुन > 05:08 से 07:18 तक
कर्क > 07:18 से 09:38 तक
सिंह > 09:38 से 11:58 तक
कन्या > 11:58 से 14:12 तक
तुला > 14:12 से 16:28 तक
वृश्चिक > 16:28 से 18:48 तक
धनु > 18:48 से 21:02 तक
मकर > 21:02 से 22:44 तक
कुम्भ > 22:44 से 00:04 तक
मीन > 00:04 से 01:26 तक
मेष > 01:26 से 03:18 तक
वृषभ > 03:18 से 05:10 तक
=======================

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————- पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 9 + 6 + 1 = 31 ÷ 4 = 3 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

24 + 24 + 5 = 53 ÷ 7 = 4 शेष

सभायां = सन्ताप कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

* पंचक समाप्त 21:44 पर

*सर्वार्थ एवं अमृत सिद्धि योग 21:45 तक

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

ते पुत्रा ये पितुर्भक्ताः स पिता यस्तु पोषकः ।
तन्मित्रंयत्रविश्वासःसा भार्या यत्र निर्वृतिः ।।
।। चाo नीo।।

पुत्र वही है जो पिता का कहना मानता हो, पिता वही है जो पुत्रों का पालन-पोषण करे, मित्र वही है जिस पर आप विश्वास कर सकते हों और पत्नी वही है जिससे सुख प्राप्त हो।

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18

सुखं त्विदानीं त्रिविधं श्रृणु मे भरतर्षभ।
अभ्यासाद्रमते यत्र दुःखान्तं च निगच्छति॥
यत्तदग्रे विषमिव परिणामेऽमृतोपमम्‌।
तत्सुखं सात्त्विकं प्रोक्तमात्मबुद्धिप्रसादजम्‌॥

हे भरतश्रेष्ठ! अब तीन प्रकार के सुख को भी तू मुझसे सुन। जिस सुख में साधक मनुष्य भजन, ध्यान और सेवादि के अभ्यास से रमण करता है और जिससे दुःखों के अंत को प्राप्त हो जाता है, जो ऐसा सुख है, वह आरंभकाल में यद्यपि विष के तुल्य प्रतीत (जैसे खेल में आसक्ति वाले बालक को विद्या का अभ्यास मूढ़ता के कारण प्रथम विष के तुल्य भासता है वैसे ही विषयों में आसक्ति वाले पुरुष को भगवद्भजन, ध्यान, सेवा आदि साधनाओं का अभ्यास मर्म न जानने के कारण प्रथम ‘विष के तुल्य प्रतीत होता’ है) होता है, परन्तु परिणाम में अमृत के तुल्य है, इसलिए वह परमात्मविषयक बुद्धि के प्रसाद से उत्पन्न होने वाला सुख सात्त्विक कहा गया है
॥36-37॥

आचार्य पं. अशोक मिश्रा मुम्बई
मो.9870190475

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