संभल हिंसा: यूपी सरकार ने दाखिल की 11,000 पन्नों की चार्जशीट

, SP सांसद जिया उर रहमान बर्क पर बड़ा शिकंजा

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समग्र समाचार सेवा
लखनऊ/संभल,19 जून:उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा मामले में योगी सरकार ने बड़ी कानूनी कार्रवाई करते हुए 11,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क और एक विधायक के बेटे सुहैल इकबाल को मुख्य आरोपी बनाया गया है। यूपी पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने यह चार्जशीट अदालत में दाखिल की, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।

चार्जशीट के मुताबिक, हिंसा को पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा बताया गया है। SIT ने डिजिटल सबूत, कॉल रिकॉर्ड, सोशल मीडिया चैट्स और चश्मदीदों के बयान के आधार पर आरोप तय किए हैं। हिंसा के पीछे धार्मिक उन्माद फैलाने, माहौल बिगाड़ने और पुलिस पर हमले की साजिश रची गई थी।

चार्जशीट में यह भी उल्लेख किया गया है कि हिंसा भड़काने के लिए सोशल मीडिया का व्यापक इस्तेमाल किया गया। कथित तौर पर सांसद जिया उर रहमान बर्क के इशारे पर भीड़ इकट्ठा की गई और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ उकसाया गया।

इस मामले में विधायक के बेटे सुहैल इकबाल को भी भीड़ का नेतृत्व करने और पुलिस पर पथराव भड़काने का आरोपी बनाया गया है। जांच एजेंसियों का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त तकनीकी और परिस्थितिजन्य साक्ष्य मौजूद हैं।

यूपी पुलिस और प्रशासन इसे कानून व्यवस्था के खिलाफ खुली चुनौती मान रहे हैं। प्रदेश के गृह विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी साजिशकर्ता को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितनी भी बड़ी राजनीतिक हैसियत रखता हो। इस मामले में अब तक 50 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और कई फरार आरोपियों की तलाश जारी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही हिंसा फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी। अब इतनी बड़ी चार्जशीट दाखिल होना यह दर्शाता है कि सरकार और प्रशासन शून्य सहिष्णुता नीति पर काम कर रहे हैं।

यह मामला अब राजनीतिक मोड़ भी ले चुका है, जहां एक ओर बीजेपी इसे ‘कानून का राज’ बता रही है, वहीं सपा इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दे रही है। अदालत में आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है।

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