इज़रायल-ईरान जंग: क्या अमेरिका की होगी एंट्री? ट्रंप ने दी हमले की मंजूरी!

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समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन, 19 जून : इज़रायल और ईरान के बीच चल रहे तनाव के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमला करने की योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने तीन सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है, जिससे इस संघर्ष में अमेरिका की संभावित एंट्री को लेकर अटकलें तेज़ हो गई हैं।

ट्रंप की शर्त: ईरान छोड़े अपना परमाणु कार्यक्रम
सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप ने अंतिम आदेश देने से पहले यह देखने के लिए इंतजार करने का फैसला किया है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को छोड़ने के लिए तैयार होता है या नहीं। इससे पहले भी ट्रंप ने इज़रायली सैन्य कार्रवाई में अमेरिका के शामिल होने की संभावना को खुला रखा था, जिससे स्थिति की गंभीरता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

सैन्य कार्रवाई पर ट्रंप का रहस्यमय बयान
जब पत्रकारों ने ट्रंप से ईरान पर हमले के बारे में पूछा, तो उन्होंने वॉइट हाउस में एक रहस्यमय बयान दिया। उन्होंने कहा, “मैं ऐसा कर सकता हूं, मैं ऐसा नहीं भी कर सकता हूं। मेरा मतलब है कि कोई नहीं जानता कि मैं क्या करने जा रहा हूं।” इस बयान ने अनिश्चितता को और बढ़ा दिया है। इससे पहले, यरुशलम पोस्ट ने बताया था कि अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला ने राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की थी और उन्हें ईरान के संबंध में सैन्य विकल्प प्रस्तुत किए थे।

ईरान से बिना शर्त आत्मसमर्पण की मांग और मुलाकात की खबर
डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से “बिना शर्त सरेंडर” करने को कहा है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “अगला सप्ताह बहुत बड़ा होने वाला है, शायद एक सप्ताह से भी कम।” ट्रंप ने यह भी कहा कि “हम जानते हैं कि खामेनेई कहां छिपे हैं। हम उन्हें निकाल (मार) सकते हैं, लेकिन फिलहाल नहीं करेंगे।” यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्रंप ने बुधवार को ईरानी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक बैठक की व्यवस्था भी की थी।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने ईरानी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया कि ईरान जल्द ही राष्ट्रपति ट्रंप की जल्द ही मिलने की पेशकश को स्वीकार करेगा। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि वार्ता ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर केंद्रित होगी, वहीं ईरानी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि ईरान इज़रायल के साथ युद्धविराम पर चर्चा के लिए तैयार है। हालांकि, इससे पहले बुधवार को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने ट्रंप की बिना शर्त सरेंडर की मांग को खारिज कर दिया था और चेतावनी दी थी कि अगर अमेरिका ने ईरान पर हमला किया तो उसे भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

रूस की मध्यस्थता की पेशकश
इस बीच, बुधवार शाम को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इज़रायल और ईरान युद्ध पर टिप्पणी की है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान और इज़रायल के बीच दुश्मनी खत्म होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि रूस ने क्षेत्र में अपने सहयोगियों को संघर्ष को बढ़ने से रोकने के बारे में अपने विचार बताए हैं। पुतिन ने कहा, “मुझे लगता है इस संघर्ष में सभी पक्षों के लिए एक-दूसरे के साथ समझौता करने के तरीके खोजना सही होगा।” क्रेमलिन ने पहले भी सुझाव दिया था कि रूस ईरान और इज़रायल के बीच मध्यस्थता कर सकता है। पुतिन ने रॉयटर्स से कहा कि उनका मानना है कि ईरानी अपने नेतृत्व के समर्थन में एकजुट हो रहे हैं।

यह देखना होगा कि क्या यह तनाव बातचीत के माध्यम से हल होता है या फिर सैन्य कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ता है।

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