समग्र समाचार सेवा
पटना, 19 जून : बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक सरगर्मियां तेज़ हो गई हैं। ‘दामाद आयोग’ और ‘जमाई आयोग’ के नाम पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी कड़ी में, बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है।
तेजस्वी यादव का PM मोदी और नीतीश कुमार पर निशाना
तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “अगर प्रधानमंत्री बिहार आ रहे हैं तो क्या वह तीनों जमाई को माला पहनाएंगे, मंच पर स्वागत करेंगे। मेरा सवाल है पीएम मोदी, संतोष मांझी के जीजा को, अशोक चौधरी के दामाद को, चिराग पासवान के जीजाजी को क्या माला पहनाएंगे? प्रधानमंत्री बताएंगे NDA का मतलब क्या है? मैं बताता हूं, NDA का मतलब- ‘नेशनल दामाद आयोग’ होता है।”
इसके पहले भी तेजस्वी यादव ने एक AI वीडियो के जरिए बिहार की NDA सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा था, “अगर आप किसी के जमाई है तो प्रधानमंत्री श्री मोदी जी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी द्वारा संरक्षित ‘बिहार राज्य दामाद आयोग’ में Apply नहीं कर सकते है क्योंकि इसके सर्वाधिकार खास लोगों तक ही सीमित है। NDA- (NATIONAL DAAMAD AAYOG) में आपका भी अभिनंदन नहीं है!”
जीतन राम मांझी का तेजस्वी यादव पर पलटवार
तेजस्वी यादव के आरोपों का जवाब देने के लिए NDA की ओर से केंद्रीय मंत्री और हम (HAM) के संरक्षक जीतन राम मांझी ने मोर्चा संभाल लिया। जीतन राम मांझी ने तेजस्वी पर मुस्लिम मतदाताओं को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “विपक्ष पर आरोप लगाने के लिए आपको हमारे मुसलमान भाई ही मिले ना? वोट दें मुसलमान, राज करेंगे लालू यादव, वोट करें मुसलमान, नेता प्रतिपक्ष बनेंगे तेजस्वी यादव, वोट देंगे मुसलमान, राज्यसभा जाएंगी मीसा दीदी, आपके लिए बहस करेंगे मुसलमान, मंत्री बनेंगे तेज प्रताप।”
मांझी यहीं नहीं रुके, उन्होंने लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य को भी अपने निशाने पर लिया, जो सिंगापुर में रहती हैं। मांझी ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, “विदेशों से आकर वोट करेंगे मुसलमान, सिंगापुर से आकर चुनाव लड़ेंगी रोहिणी आचार्य, रैली में जाएंगे मुसलमान, विधान परिषद में नेता बनेंगी राबड़ी देवी, तेजस्वी जी आखिर कब तक आप और आपका परिवार मुसलमान भाइयों को अपना गुलाम समझेगा? मुसलमानों का साथ, हमारे परिवार का विकास, अब यह नहीं चलेगा। अब मुसलमान और दलित आपकी दरी नहीं बिछाएंगे। बदला लेंगे, बदल देंगे। तोड़ेंगे आपका घमंड।”
बिहार की सियासत में ‘दामाद आयोग’ विवाद की जड़
यह पूरा विवाद बिहार की राजनीतिक बिरादरी में रिश्तेदारी और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर चल रही चर्चा से जुड़ा है। तेजस्वी यादव ‘दामाद आयोग’ और ‘जमाई आयोग’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर NDA पर परिवारवाद और कुछ खास लोगों को तरजीह देने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, NDA पलटवार करते हुए लालू परिवार पर ही परिवारवाद का आरोप लगा रहा है और मुस्लिम तथा दलित मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहा है।
जैसे-जैसे बिहार चुनाव नज़दीक आएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह ‘दामाद आयोग’ विवाद बिहार की चुनावी बिसात पर क्या रंग दिखाता है।