समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18 जून: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में निजी ठेकेदारों के करीब 37 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन से जुड़े ₹2,000 करोड़ के कथित कक्षा निर्माण घोटाले के मामले में की गई। इस मामले की जांच एक प्राथमिकी (FIR) के आधार पर हो रही है जो दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने दर्ज की थी।
इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मार्च में ACB को जांच की अनुमति दी थी। गृह मंत्रालय ने यह स्वीकृति 11 मार्च को ACB को सौंपी थी। इसके बाद 30 अप्रैल को सिसोदिया और जैन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया। आरोप है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में 12,748 कक्षाओं के निर्माण में भारी लागत बढ़ाकर काम कराया गया और नियमों की अनदेखी की गई।
₹2,000 करोड़ का घोटाला, नियमों की अनदेखी
ACB द्वारा राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजी गई फाइल के अनुसार, 12,748 स्कूल कक्षाओं के निर्माण में ₹2,892.65 करोड़ की लागत दिखाई गई, जो कि वास्तविक लागत से काफी अधिक है। आरोप है कि निर्माण कार्य में केंद्र सरकार की सतर्कता आयोग (CVC) की गाइडलाइंस की अनदेखी हुई, समय से पहले भुगतान किए गए और नियमों का पालन नहीं किया गया।
ED के मुताबिक, तब के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री सत्येंद्र जैन या तो इस योजना के सूत्रधार थे या उन्होंने अनियमितताओं को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताकर खारिज किए आरोप
मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन दोनों पहले से ही अलग-अलग मामलों में जांच का सामना कर रहे हैं। सिसोदिया दिल्ली शराब नीति घोटाले में आरोपित हैं, जबकि जैन पर आय से अधिक संपत्ति मामले में ED पहले ही जांच कर चुकी है। इन दोनों नेताओं ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए इसे बीजेपी द्वारा रची गई “राजनीतिक साजिश” करार दिया है।
मार्च में सिसोदिया ने बयान देते हुए कहा था, “मेरे और सत्येंद्र जैन के खिलाफ स्कूलों के कक्षा निर्माण को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। मैं बीजेपी और केंद्र सरकार को कहता हूं—जितने चाहें केस दर्ज कर लें। हम झुकने वाले नहीं हैं, चाहे केस मुझ पर हो, सत्येंद्र पर हो, आतिशी पर हो या अरविंद केजरीवाल पर।”
प्रवर्तन निदेशालय ने जिन स्थानों पर छापेमारी की, वे अधिकांश ठेकेदारों से जुड़े बताए जा रहे हैं जो स्कूल भवन निर्माण में शामिल थे। छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड भी जब्त किए गए हैं। एजेंसी अब इन साक्ष्यों के आधार पर आगे की कानूनी प्रक्रिया में जुटी है।