समग्र समाचार सेवा
भुवनेश्वर/बरहामपुर, 18 जून : ओडिशा के प्रसिद्ध गोपालपुर बीच पर एक 20 वर्षीय युवती के साथ हुए सामूहिक बलात्कार की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। राजा उत्सव के अवसर पर अपने प्रेमी के साथ बीच पर गई स्नातक छात्रा के साथ हुई इस भयानक वारदात ने न केवल पर्यटन स्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी गहरी चिंता व्यक्त की है।
घटना का विवरण
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना रविवार रात को हुई, जब पीड़िता अपने सहपाठी प्रेमी के साथ बीच पर एक सुनसान जगह पर बैठी थी। शिकायत के अनुसार, 10 लोगों के एक समूह ने उन्हें घेर लिया। हमलावरों ने पहले प्रेमी को बांध दिया और फिर बारी-बारी से युवती के साथ बलात्कार किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मंगलवार को चार नाबालिगों सहित दस आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। ये आरोपी दूसरे राज्य भागने की फिराक में थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें समय रहते धर दबोचा।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
एसपी सरवण विवेक एम ने बताया कि तीन लोगों ने सीधे तौर पर बलात्कार किया, जबकि सात अन्य उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रहे थे। इस मामले की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया है। पुलिस अदालत से अनुरोध करने वाली है कि इस जघन्य अपराध में शामिल नाबालिगों को वयस्कों की तरह माना जाए। पीड़िता की मेडिकल जांच भी कराई गई है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और महिला सुरक्षा पर चिंता
इस घटना पर राज्य भर में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। उपमुख्यमंत्री प्रावती परिदा ने एसपी से बात की है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के आदेश दिए हैं।
विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने इस घटना को “बहुत चौंकाने वाला” बताया है और इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं और सरकार को महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों को रोकने के लिए सतर्क रहना चाहिए।
कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस ने घटना पर गहरा सदमा व्यक्त किया और इसे “राज्य में कानून और व्यवस्था के पूरी तरह ध्वस्त होने का एक भयावह प्रतिबिंब” बताया। उन्होंने भाजपा सरकार को सार्वजनिक सुरक्षा में आई गिरावट के लिए जवाबदेह ठहराया और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि पीड़िता अकेली नहीं है और न्याय के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
गोपालपुर बीच पर हुई यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि ओडिशा में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति पर एक गंभीर चेतावनी है। यह सरकारों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और समाज के लिए एक वेक-अप कॉल है कि पर्यटन स्थलों सहित हर जगह महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएं। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और जनता का कानून-व्यवस्था में विश्वास बहाल हो सके।