भारत-कनाडा संबंधों में नई शुरुआत : मोदी-कार्नी ने विवाद किया खत्म
कनाडा और भारत के बीच टूटी डोर फिर जुड़ी, खालिस्तानी विवाद पर दो साल पुराना तनाव खत्म
समग्र समाचार सेवा
कनाडा/नई दिल्ली,18 जून : कनाडा और भारत के बीच टूटी डोर फिर जुड़ी, खालिस्तानी विवाद पर दो साल पुराना तनाव खत्म
भारत और कनाडा के बीच पिछले दो वर्षों से चले आ रहे राजनयिक तनाव को समाप्त करते हुए दोनों देशों ने फिर से संबंध सामान्य करने की घोषणा की है। यह अहम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की कनानास्किस में हुई मुलाक़ात के बाद आया है, जो G7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई।
प्रधानमंत्री कार्नी ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के शीर्ष राजनयिकों को पुनः तैनात किया जाएगा और वीज़ा सेवाएं फिर से शुरू की जाएंगी। उन्होंने इस मुलाकात को “मूलभूत और जरूरी पहला कदम” बताया।
भारत के विदेश मंत्रालय ने भी इस बैठक को सकारात्मक और संतुलित साझेदारी की दिशा में बढ़ाया गया कदम करार दिया। दोनों देशों ने आपसी संवेदनाओं और चिंताओं का सम्मान करते हुए आगे बढ़ने पर सहमति जताई।
इससे पहले, कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर 2023 में आरोप लगाए थे कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की भूमिका हो सकती है। निज्जर कनाडा में सक्रिय खालिस्तानी संगठन “सिख्स फॉर जस्टिस” से जुड़े थे और भारत में वांछित थे। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के उच्चायुक्तों को निष्कासित कर दिया था और संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए थे।
भारत ने हमेशा से खालिस्तानी तत्वों को आतंकवादी माना है और कनाडा पर ऐसे चरमपंथियों को शह देने का आरोप लगाया है, जिनके कारण भारतीय राजनयिकों को भी धमकियों का सामना करना पड़ा।
इस दौरान अमेरिका में भी एक साजिश का खुलासा हुआ, जिसमें सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की योजना बनाई गई थी। दो भारतीय नागरिकों को इस मामले में अमेरिकी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया, जिनमें से एक पूर्व खुफिया एजेंट बताया गया।
प्रधानमंत्री कार्नी ने स्वीकार किया कि मोदी के साथ उनकी बातचीत “खुली और स्पष्ट” रही, जिसमें कानून व्यवस्था और ट्रांसनेशनल दबाव की घटनाओं पर चर्चा हुई।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला दोनों देशों की व्यावहारिकता और वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए लिया गया है। भारत और कनाडा के रिश्तों में सुधार को रणनीतिक सहयोग की दिशा में जरूरी कदम माना जा रहा है।
भारत-कनाडा के रिश्तों का यह नया अध्याय वैश्विक मंचों पर सहयोग बढ़ाने, व्यापारिक समझौतों को फिर से शुरू करने और अप्रवासी भारतीय समुदाय की भूमिका को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता