18 जून दैनिक राशिफल एवं आज का पंचांग

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🐏मेष
आँखों  को चोट व रोग से बचाएं। कीमती वस्तु गुम हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। हल्की हंसी-मजाक किसी से भी न करें। नकारात्मकता रहेगी। अकारण क्रोध होगा। फालतू खर्च होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। बेवजह कहासुनी हो सकती है। जोखिम न लें।

🐂वृष
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है। घर-बाहर सहयोग प्राप्त होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। बेरोजगारी दूर होगी। अचानक कहीं से लाभ के आसार नजर आ सकते हैं। किसी बड़ी समस्या से निजात मिलेगी। निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे।

👫मिथुन
किसी भी निर्णय को लेने में जल्दबाजी न करें। भ्रम की स्थिति बन सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। थकान व कमजोरी महसूस होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। कारोबार में मनोनुकूल लाभ होगा। प्रमाद न करें।

🦀कर्क
जल्दबाजी में कोई काम न करें। पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। कुंआरों को वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। प्रमाद न करें।

🐅सिंह
व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में कमी रह सकती है। दु:खद समाचार की प्राप्ति संभव है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। बेवजह विवाद की स्थिति बन सकती है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। दूसरों के उकसाने में न आकर महत्वपूर्ण निर्णय स्वयं लें, लाभ होगा।

🙍‍♀️कन्या
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। व्यापार मनोनुकूल रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य खराब हो सकता है। प्रमाद न करें।

⚖️तुला
रोजगार में वृद्धि तथा बेरोजगारी दूर होगी। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। संचित कोष में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। शेयर मार्केट में सोच-समझ्कर निवेश करें। संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। झंझटों से दूर रहें। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।

🦂वृश्चिक
कोर्ट व कचहरी में लंबित कार्य पूरे होंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शेयर मार्केट से लाभ होगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा। सभी काम पूर्ण होंगे। जल्दबाजी न करें।

🏹धनु
बोलचाल में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। प्रतिद्वंद्विता कम होगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। ऐसा कोई कार्य न करें जिससे बाद में पछताना पड़े। जोखिम न लें।

🐊मकर
धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। कोर्ट व कचहरी के अटके कामों में अनुकूलता आएगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। चोट व रोग से बचें। सेहत का ध्यान रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। लाभ में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी।

🍯कुंभ
कोई पुरानी व्याधि परेशानी का कारण बनेगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। कोई बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। किसी विशेष क्षेत्र में सामाजिक कार्य करने की इच्छा रहेगी। प्रभाव क्षेत्र में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा।

🐟मीन
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। लाभ के मौके बार-बार प्राप्त होंगे। विवेक का प्रयोग करें। बेकार बातों में समय नष्ट न करें। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में तरक्की के योग हैं। व्यापार की गति बढ़ेगी। लाभ में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।
श्री राम जानकी पंचांगम्* 🌺
*दिनांक:-18/06/2025, बुधवार*
सप्तमी, कृष्ण पक्ष,
आषाढ
“”””””””””””””””””””””””””””””” (समाप्ति काल)

तिथि—————सप्तमी 13:34:09 तक
पक्ष————————— कृष्ण
नक्षत्र—————पूoभाo24:21:55
योग—————– प्रीति 07:39:08
योग————आयुष्मान 29:23:06
करण—————— बव 13:34:10
करण—————बालव 24:48:00
वार————————- बुधवार
माह————————- आषाढ
चन्द्र राशि———- कुम्भ 18:34:11
चन्द्र राशि——————– मीन
सूर्य राशि——————– मिथुन
रितु————————— ग्रीष्म
आयन——————— उत्तरायण
संवत्सर——————– विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर)————– सिद्धार्थी
विक्रम संवत——————- 2082
गुजराती संवत—————– 2081
शक संवत——————— 1947
कलि संवत——————– 5126

वृंदावन
सूर्योदय——————- 05:25:13
सूर्यास्त——————– 19:15:38
दिन काल—————– 13:50:25
रात्री काल—————— 10:09:44
चंद्रास्त——————— 11:48:39
चंद्रोदय——————- 24:21:32

लग्न—- मिथुन 2°49′ , 62°49′

सूर्य नक्षत्र——————- मृगशिरा
चन्द्र नक्षत्र————– पूर्वाभाद्रपदा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

से—- पूर्वाभाद्रपदा 06:53:34

सो—- पूर्वाभाद्रपदा 12:44:44

दा—- पूर्वाभाद्रपदा 18:34:11

दी—- पूर्वाभाद्रपदा.. 24:21:55

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
============================
सूर्य= मिथुन 02°49, मृगशिरा 3 का
चन्द्र= कुम्भ 22°30 , पू o भाo 1 से
बुध = मिथुन 22°52 ‘ पुनर्वसु 1 के
शु क्र= मेष 17°05, भरणी 2 लू
मंगल= सिंह 06°30 ‘ मघा 2 मी
गुरु=मिथुन 07°30 आर्द्रा , 1 कु
शनि=मीन 07°48 ‘ उ o भा o , 2 थ
राहू=(व) कुम्भ 28°25 पू o भा o, 3 दा
केतु= (व) सिंह 28°25 उ oफा o 1 टे
============================

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 12:20 – 14:04 अशुभ
यम घंटा 07:09 – 08:53 अशुभ
गुली काल 10:37 – 12:20 अशुभ
अभिजित 11:53 – 12:48 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:53 – 12:48 अशुभ
वर्ज्यम 07:17 – 08:51 अशुभ
प्रदोष 19:16 – 21:19 शुभ

🚩पंचक अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
लाभ 05:25 – 07:09 शुभ
अमृत 07:09 – 08:53 शुभ
काल 08:53 – 10:37 अशुभ
शुभ 10:37 – 12:20 शुभ
रोग 12:20 – 14:04 अशुभ
उद्वेग 14:04 – 15:48 अशुभ
चर 15:48 – 17:32 शुभ
लाभ 17:32 – 19:16 शुभ

🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 19:16 – 20:32 अशुभ
शुभ 20:32 – 21:48 शुभ
अमृत 21:48 – 23:04 शुभ
चर 23:04 – 24:21* शुभ
रोग 24:21* – 25:37* अशुभ
काल 25:37* – 26:53* अशुभ
लाभ 26:53* – 28:09* शुभ
उद्वेग 28:09* – 29:25* अशुभ

💮होरा, दिन
बुध 05:25 – 06:34
चन्द्र 06:34 – 07:44
शनि 07:44 – 08:53
बृहस्पति 08:53 – 10:02
मंगल 10:02 – 11:11
सूर्य 11:11 – 12:20
शुक्र 12:20 – 13:30
बुध 13:30 – 14:39
चन्द्र 14:39 – 15:48
शनि 15:48 – 16:57
बृहस्पति 16:57 – 18:06
मंगल 18:06 – 19:16

🚩होरा, रात
सूर्य 19:16 – 20:06
शुक्र 20:06 – 20:57
बुध 20:57 – 21:48
चन्द्र 21:48 – 22:39
शनि 22:39 – 23:30
बृहस्पति 23:30 – 24:21
मंगल 24:21* – 25:11
सूर्य 25:11* – 26:02
शुक्र 26:02* – 26:53
बुध 26:53* – 27:44
चन्द्र 27:44* – 28:35
शनि 28:35* – 29:25

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मिथुन > 05:16 से 07:26 तक
कर्क > 07:26 से 09:46 तक
सिंह > 09:46 से 12:06 तक
कन्या > 12:06 से 14:20 तक
तुला > 14:20 से 16:36 तक
वृश्चिक > 16:36 से 18:56 तक
धनु > 18:56 से 21:10 तक
मकर > 21:10 से 22:52 तक
कुम्भ > 22:52 से 00:12 तक
मीन > 00:12 से 01:34 तक
मेष > 01:34 से 03:26 तक
वृषभ > 03:26 से 05:18 तक
=======================

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————- उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15+ 7 + 4 + 1 = 27 ÷ 4 = 3 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

गुरु ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

22 + 22 + 5 = 49 ÷ 7 = 0 शेष

शमशान वास = मृत्यु कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*पंचक अहोरात्र

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

भोज्यं भोजनशक्तिश्च रतिशक्तिर्वराङ्गना ।
विभवो दानशक्तिश्च नाऽल्पस्य तपसः फलम् ।।
।।चाo नीo।।

भोजन के योग्य पदार्थ और भोजन करने की क्षमता, सुन्दर स्त्री और उसे भोगने के लिए काम शक्ति, पर्याप्त धनराशी तथा दान देने की भावना – ऐसे संयोगों का होना सामान्य तप का फल नहीं

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18

यया तु धर्मकामार्थान्धत्या धारयतेऽर्जुन।
प्रसङ्‍गेन फलाकाङ्क्षी धृतिः सा पार्थ राजसी॥

परंतु हे पृथापुत्र अर्जुन! फल की इच्छावाला मनुष्य जिस धारण शक्ति के द्वारा अत्यंत आसक्ति से धर्म, अर्थ और कामों को धारण करता है, वह धारण शक्ति राजसी है
॥34॥
आचार्य पं. अशोक मिश्रा मुम्बई
मो.9870190475

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