ईरान-इज़राइल तनाव चरम पर, ट्रंप ने दी तेहरान खाली करने की चेतावनी

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समग्र  समाचार  सेवा
तेहरान/वॉशिंगटन, 17 जून: पश्चिम एशिया में हालात दिन-ब-दिन गंभीर होते जा रहे हैं। ईरान और इज़राइल के बीच लगातार बढ़ते तनाव के बीच अब अमेरिका भी पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को लेकर एक कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि “तेहरान के लोगों को तुरंत शहर छोड़ देना चाहिए।”

ट्रंप ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब ईरान पर न्यूक्लियर वेपन (परमाणु हथियार) बनाने के आरोप फिर से तेज हो गए हैं। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को आशंका है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ा रहा है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के संकेत

ट्रंप की इस सीधी चेतावनी को संभावित सैन्य कार्रवाई का संकेत माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका अब किसी भी स्तर पर ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बना सकता है। इससे पहले इज़राइल ने भी ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हवाई हमले किए थे और कहा था कि वह किसी भी सूरत में ईरान को परमाणु शक्ति नहीं बनने देगा।

अब ट्रंप का तेहरान खाली करने का बयान बताता है कि अमेरिका इज़राइल के साथ खड़ा है और सख्त कार्रवाई के मूड में है।

ईरान की प्रतिक्रिया का इंतजार

अब सबकी निगाहें ईरान की ओर हैं। अभी तक तेहरान की ओर से ट्रंप के बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन ईरानी मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर तनाव और आक्रोश का माहौल देखा जा रहा है।

ईरान पहले भी अमेरिका को चेतावनी दे चुका है कि किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई का वह मुंहतोड़ जवाब देगा। वहीं, पश्चिम एशिया के कई देशों ने इस तनाव को कम करने की अपील की है।

तेहरान में दहशत का माहौल

ट्रंप के बयान के बाद तेहरान में अफरा-तफरी का माहौल है। कुछ रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि लोग जरूरी सामान खरीदने और शहर छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और सैन्य गतिविधियां भी तेज़ हो गई हैं।

एक और युद्ध के मुहाने पर दुनिया?

ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव ने पहले ही मध्य पूर्व को संकट के कगार पर ला दिया है। अब ट्रंप की तीखी चेतावनी इस संकट को और गहरा कर सकती है। सवाल यह है कि क्या दुनिया एक और युद्ध की ओर बढ़ रही है, या कूटनीति की कोई राह अब भी बची है?

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