श्रीनगर, 17 जून: आगामी अमरनाथ यात्रा 2025 को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुरक्षा इंतज़ामों को सख्त कर दिया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्देश पर मंगलवार को जम्मू-कश्मीर गृह विभाग ने आदेश जारी कर यात्रा मार्गों को ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित कर दिया है। यह निर्णय 1 जुलाई से 10 अगस्त तक प्रभावी रहेगा, जब तक यात्रा समाप्त नहीं हो जाती।
यह आदेश उन क्षेत्रों पर लागू होगा जो अमरनाथ यात्रा के दो प्रमुख मार्गों — पारंपरिक पहलगाम मार्ग और बालटाल मार्ग — से होकर गुजरते हैं। इस दौरान ड्रोन, UAV, गुब्बारे या अन्य कोई भी उड़ने वाले यंत्र उपयोग नहीं किए जा सकेंगे।
आपातकालीन और सैन्य उड़ानों को छूट
हालांकि, सरकार ने चिकित्सा आपात स्थिति, आपदा प्रबंधन, और सुरक्षा बलों की निगरानी उड़ानों को इस पाबंदी से बाहर रखा है। इन मामलों में अलग से मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की जाएगी, जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि सुरक्षा में कोई चूक न हो।
गृह विभाग के आदेश में कहा गया कि यह कदम तीर्थयात्रा के शांतिपूर्ण और व्यवस्थित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। आदेश में यह भी बताया गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इस प्रकार की सलाह दी थी।
पहलगाम हमले के बाद सतर्कता और बढ़ी
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी, के बाद सुरक्षा एजेंसियां और प्रशासन सतर्क हो गए हैं। इसी के मद्देनज़र यह कड़ा फैसला लिया गया है ताकि यात्रा के दौरान किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि या खतरे को रोका जा सके।
तीर्थयात्रियों की संख्या और सुरक्षा की चुनौती
तीन जुलाई से शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा में हर साल देशभर से हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस बार भी कड़ी सुरक्षा के बीच यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। आईटीबीपी, जम्मू-कश्मीर पुलिस, और सेना सहित विभिन्न एजेंसियों को सुरक्षा के लिहाज से तैनात किया गया है।
‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यात्रा मार्गों पर किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि, जासूसी या आतंकी निगरानी को रोका जा सके।
सख्त कदम, सुरक्षित यात्रा
जम्मू-कश्मीर प्रशासन का यह कदम यह बताता है कि इस बार सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। ड्रोन और UAV जैसे तकनीकी उपकरणों पर प्रतिबंध लगाकर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अमरनाथ यात्रा शांति, भक्ति और सुरक्षा के साथ पूरी हो।