मध्य पूर्व में परमाणु युद्ध का खतरा? ईरान के दावे से दुनिया स्तब्ध

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समग्र समाचार सेवा
तेहरान/यरुशलम/इस्लामाबाद, 16 जून: ईरान और इज़रायल के बीच चल रहे भीषण सैन्य संघर्ष के बीच एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है जिसने मध्य पूर्व में परमाणु युद्ध की आशंका को और गहरा कर दिया है। ईरान के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी जनरल मोसेन रेज़ाई ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर दावा किया है कि अगर इज़रायल ईरान पर परमाणु हमला करता है, तो पाकिस्तान उसके जवाब में इज़रायल पर परमाणु हमला करेगा।

जनरल रेज़ाई, जो ईरान की ताकतवर इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के वरिष्ठ कमांडर और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्य हैं, ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब ईरान और इज़रायल के बीच रॉकेट और मिसाइल हमलों का सिलसिला जारी है। अब तक इस संघर्ष में 248 लोगों की जान जा चुकी है—230 ईरान में और 18 इज़रायल में।

परमाणु युद्ध की नई चेतावनी

रेज़ाई का बयान उस घटनाक्रम के कुछ ही महीनों बाद आया है जब 2024 की शुरुआत में ईरान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर मिसाइलों का आदान-प्रदान हुआ था। हालांकि उस समय राजनयिक प्रयासों से स्थिति संभाल ली गई थी, लेकिन अब ईरान और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में नई निकटता देखी जा रही है, खासकर इज़रायल के खिलाफ साझा रुख को लेकर।

हालांकि पाकिस्तान सरकार ने इस कथित परमाणु आश्वासन की पुष्टि नहीं की है, लेकिन उसने इज़रायल के खिलाफ ईरान का खुलकर समर्थन किया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोशल मीडिया पर कहा, “पश्चिमी देशों को इज़रायल द्वारा फैलाए जा रहे संघर्षों की चिंता करनी चाहिए। यह पूरे क्षेत्र को तबाही की ओर ले जाएगा।”

वैश्विक चिंता और अमेरिकी प्रतिक्रिया

इस बयान के बाद दुनिया भर के रक्षा विशेषज्ञ और कूटनीतिक हलकों में चिंता की लहर दौड़ गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि “अगर अमेरिका पर कोई हमला हुआ तो हम अपनी पूरी सैन्य शक्ति से जवाब देंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ईरान और इज़रायल के बीच संघर्षविराम के प्रयास कर रहा है, लेकिन हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं।

स्थिति बेहद गंभीर, तनाव चरम पर

ईरान ने दावा किया है कि उसके पास अभी कई “गुप्त क्षमताएं” हैं जिन्हें उजागर नहीं किया गया है। यह अस्पष्ट बयान और अधिक चिंता पैदा कर रहा है।

ईरान-इज़रायल संघर्ष में अब गैर-अरब परमाणु शक्तियां जैसे पाकिस्तान के संभावित हस्तक्षेप की बात से पूरा पश्चिम एशिया एक बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। आने वाले दिन तय करेंगे कि यह संकट कूटनीति से सुलझेगा या एक और खतरनाक मोड़ लेगा।

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