सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने सीएम रेखा गुप्ता को दिल्ली डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना का प्रस्ताव दिया

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16 जून: दिल्ली को डिजिटल लर्निंग और इनोवेशन का केंद्र बनाने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम उठाया गया है। चांदनी चौक से सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता को दिल्ली डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना का औपचारिक प्रस्ताव भेजा है। इस पत्र की एक प्रति दिल्ली के शिक्षा मंत्री श्री आशीष सूद को भी प्रेषित की गई है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप है और इसका उद्देश्य दिल्ली को भविष्योन्मुखी एवं तकनीक-सक्षम शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है।

एक केंद्रीय प्लेटफॉर्म जो बदलेगा शिक्षा का चेहरा

श्री खंडेलवाल ने जोर देकर कहा कि प्रस्तावित दिल्ली डिजिटल यूनिवर्सिटी एक ऐसा केंद्रीय प्लेटफॉर्म बन सकती है जो गुणवत्तापूर्ण ऑनलाइन उच्च शिक्षा, कौशल विकास और उभरती तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डेटा साइंस, साइबर सुरक्षा, ब्लॉकचेन और डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में अनुसंधान का केंद्र बनेगा। यह विश्वविद्यालय छात्रों, पेशेवरों और उद्यमियों को लचीली, सुलभ और किफायती शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराएगा।

शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच और भविष्योन्मुखी कौशल

इस विश्वविद्यालय के कई महत्वपूर्ण लाभ हैं। श्री खंडेलवाल ने बताया कि यह विश्वविद्यालय सभी के लिए शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करेगा। इससे समाज के प्रत्येक वर्ग, यहाँ तक कि दूरदराज के क्षेत्रों के छात्र भी शीर्ष श्रेणी की शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि भविष्य-उन्मुख कौशल विकास के तहत, इस विश्वविद्यालय में टेक कंपनियों और स्टार्टअप्स के सहयोग से ऐसे पाठ्यक्रम तैयार किए जा सकते हैं जो युवाओं को सीधे रोजगार के लिए तैयार करें और उद्यमिता को बढ़ावा दें।

दिल्ली को ज्ञान और नवाचार का केंद्र

श्री खंडेलवाल के अनुसार, यह डिजिटल यूनिवर्सिटी दिल्ली के डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत करेगी और राजधानी को एक अग्रणी ज्ञान एवं नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायक होगी। उन्होंने यह भी बताया कि डिजिटल-फर्स्ट मॉडल के कारण यह योजना कम लागत में अधिक छात्रों तक पहुंच सुनिश्चित कर सकती है। इसके अलावा, उचित साझेदारियों के माध्यम से यह विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय छात्रों और शोधकर्ताओं को आकर्षित कर सकता है, जिससे इसे राष्ट्रीय व वैश्विक पहचान मिलेगी।

एक ऐतिहासिक नीतिगत नवाचार

श्री खंडेलवाल ने इस प्रस्ताव के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो यह दिल्ली सरकार के अंतर्गत एक ऐतिहासिक नीति नवाचार सिद्ध होगा और समावेशी, तकनीक-संचालित शिक्षा के प्रति दिल्ली की प्रतिबद्धता को और अधिक सशक्त करेगा।” यह पहल दिल्ली के शैक्षिक परिदृश्य को बदलने और उसे भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।

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