इज़राइल-ईरान युद्ध का तीसरा दिन: तेल अवीव से तेहरान तक तबाही, 78 ईरानी और 8 इज़रायली मारे गए

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली/तेहरान/तेल अवीव 15 जून : इज़राइल और ईरान के बीच युद्ध तीसरे दिन और भी भीषण हो गया है। शुक्रवार को इज़राइल द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के बाद अब तक दोनों देशों में भयानक तबाही देखने को मिली है। रविवार को इज़राइल ने तेहरान में ईरानी रक्षा मंत्रालय मुख्यालय और परमाणु परियोजना SPND को निशाना बनाकर हमले किए, वहीं ईरान ने जवाबी कार्रवाई में तेल अवीव और यरुशलम में मिसाइल वर्षा कर दी।

तेहरान में भारी तबाही, 78 की मौत

ईरान ने दावा किया है कि पहले दिन इज़राइली हमलों में 78 लोगों की मौत हुई, जिनमें 29 बच्चे शामिल थे। दूसरे दिन भी मिसाइल हमले में तेहरान की एक 14 मंजिला इमारत गिर गई, जिसमें 60 लोग मारे गए। ईरानी समाचार एजेंसी तसनीम के अनुसार, तेहरान के शाहरान ऑयल डिपो को भी निशाना बनाया गया, जहां आग भड़क गई। हालांकि ईरानी अधिकारियों ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है।

इज़राइल में 8 मौतें, 130 से अधिक घायल

ईरान की जवाबी मिसाइल बरसात से इज़राइल में भी तबाही मची। मध्य क्षेत्र में रॉकेट हमले में एक 10 वर्षीय बच्चे सहित चार लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 100 लोग घायल हो गए। शफेला क्षेत्र में 37 लोग घायल हुए। इज़राइली पुलिस ने पुष्टि की कि तेल अवीव तटीय जिले में हुए हमले में कई लोगों की जान गई और दर्जनों घायल हुए।

तेल और गैस बुनियादी ढांचे पर हमले

इस संघर्ष का एक बड़ा पहलू रणनीतिक आर्थिक लक्ष्यों पर हमला है। इज़राइल ने ईरान के दक्षिण पार्स गैस क्षेत्र पर हमला किया, जो दुनिया का सबसे बड़ा गैस क्षेत्र माना जाता है। हमले से वहां आग लग गई और गैस उत्पादन आंशिक रूप से ठप पड़ गया। दूसरी ओर, ईरान ने इज़राइल की ऊर्जा अवसंरचना और फाइटर जेट ईंधन उत्पादन इकाइयों को निशाना बनाया।

हूथी विद्रोहियों ने भी खोला मोर्चा

इस जंग में अब यमन के ईरान समर्थित हूथी विद्रोही भी शामिल हो चुके हैं। उन्होंने दावा किया है कि उन्होंने “पैलेस्टाइन 2 हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलों” से इज़राइल के संवेदनशील ठिकानों पर हमले किए। हूथियों ने कहा कि ये हमले ईरानी सेना के साथ समन्वय में किए गए और यह कार्रवाई पिछले 24 घंटों में अलग-अलग समय पर हुई।

नेतन्याहू का ऐलान: ‘यह ऑपरेशन तब तक चलेगा जब तक खतरा खत्म नहीं होता’

इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि ऑपरेशन ‘राइजिंग लायन’ का उद्देश्य ईरान के परमाणु खतरे को जड़ से खत्म करना है। “यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक यह खतरा पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता,” नेतन्याहू ने कहा।

ट्रंप ने दिया बयान: ‘समझौता करें नहीं तो अंजाम भुगतें’

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ईरान ने अमेरिका पर हमला करने की कोशिश की, तो “अमेरिकी सेना की पूरी ताकत उस पर टूट पड़ेगी”। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ईरान और इज़राइल के बीच एक समझौता आसानी से संभव है, बशर्ते ईरान बातचीत के लिए तैयार हो।

निष्कर्ष

इज़राइल और ईरान के बीच यह ताज़ा संघर्ष केवल क्षेत्रीय नहीं बल्कि वैश्विक चिंता का विषय बन गया है। जहां एक ओर बड़ी सैन्य कार्रवाई हो रही है, वहीं दूसरी ओर तीसरे पक्षों की भूमिका और रणनीतिक अवसंरचना पर हमले इस युद्ध को एक नए और ख़तरनाक चरण में ले जा सकते हैं। अब यह देखना अहम होगा कि यह टकराव शांति की ओर बढ़ता है या और विनाश की ओर।

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