समग्र समाचार सेवा
रुद्रप्रयाग, 15 जून: उत्तराखंड में आज एक दुखद घटना सामने आई है, जहाँ केदारनाथ धाम से फाटा लौट रहा एक हेलिकॉप्टर गौरीकुंड क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह हादसा रुद्रप्रयाग जिले में हुआ, जिससे तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों के बीच हड़कंप मच गया। शुरुआती जानकारी के अनुसार, इस दुर्घटना में जानमाल का नुकसान हुआ है, हालांकि अभी तक विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।
कैसे हुआ हादसा?
बताया जा रहा है कि हेलिकॉप्टर केदारनाथ से फाटा की ओर आ रहा था। गौरीकुंड के पास, जो केदारनाथ यात्रा मार्ग पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, हेलिकॉप्टर अचानक क्रैश हो गया। दुर्घटनास्थल से धुआं उठता देखा गया, जिसने आसपास के इलाकों में दहशत फैला दी। राहत और बचाव दल तुरंत मौके पर रवाना हो गए हैं, लेकिन खराब मौसम और दुर्गम इलाका बचाव कार्यों में बाधा बन रहा है।
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर सुरक्षा चिंताएं
यह हादसा एक बार फिर केदारनाथ जैसे संवेदनशील और उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हवाई सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है। मानसून के मौसम में उत्तराखंड में मौसम तेजी से बदलता है, जिससे हेलिकॉप्टर संचालन अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है। अतीत में भी इस मार्ग पर हवाई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
राहत और बचाव कार्य जारी
स्थानीय प्रशासन, पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। बचावकर्मी मलबे से यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। अधिकारियों ने दुर्घटना के कारणों की जांच के आदेश दे दिए हैं। ब्लैक बॉक्स की तलाश भी शुरू कर दी गई है, जो हादसे के कारणों का पता लगाने में महत्वपूर्ण सुराग दे सकता है।
मुख्यमंत्री ने व्यक्त किया दुख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इस दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और संबंधित अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
यह दुर्घटना केदारनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से प्रभावित कर सकती है, और अधिकारियों द्वारा हवाई सेवाओं की सुरक्षा ऑडिट की उम्मीद है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। सभी की निगाहें अब राहत कार्यों और विस्तृत जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं।