पूनम शर्मा
ईरान और इजरायल के बीच चल रहा तनाव अब पूर्ण युद्ध में बदल चुका है। बीते शुक्रवार रात ईरान ने इजरायल पर प्रतिशोधात्मक मिसाइल हमला कर दिया, जिससे राजधानी तेल अवीव समेत कई इलाकों में भारी तबाही हुई। इस हमले में इजरायल में एक महिला की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए हैं। वहीं ईरान के अनुसार, इजरायली हमले में अब तक 78 लोगों की मौत और 320 से अधिक घायल हो चुके हैं जिनमें अधिकांश नागरिक हैं। यह संघर्ष अब पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है।
ईरान का जवाबी हमला: तेल अवीव बना युद्ध का मैदान
ईरान ने शुक्रवार रात अपने सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई के टेलीविजन संबोधन के बाद इजरायल पर मिसाइलों की बारिश कर दी। खमेनेई ने एलान किया, “इस दुष्ट दुश्मन पर इस्लामी गणराज्य की सशस्त्र सेनाएं भारी प्रहार करेंगी।” इसके तुरंत बाद ही तेल अवीव, रामत गान और अन्य शहरी इलाकों में जोरदार विस्फोटों की आवाजें गूंज उठीं।
रामत गान में एक रिहायशी इमारत पर मिसाइल गिरने से एक महिला की मौत हो गई। वहीं तेल अवीव में एक बहुमंजिला इमारत की निचली मंजिलें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। शहर के केंद्र में भी एक ऊंची रिहायशी इमारत को निशाना बनाया गया जिससे आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है।
इजरायल की चेतावनी: युद्ध अभी शुरू हुआ है
इस हमले के जवाब में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “यह तो बस शुरुआत है, और बहुत कुछ अभी बाकी है। हम ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे।” इजरायल का मानना है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम उसके अस्तित्व के लिए सीधा खतरा है और वह इसे किसी भी कीमत पर रोकना चाहता है।
ईरान में भी धमाके, सैन्य ठिकाने बने निशाना
ईरानी मीडिया के अनुसार, तेहरान में कई धमाकों की आवाजें सुनी गईं। तस्नीम न्यूज एजेंसी और फार्स न्यूज के मुताबिक, दो मिसाइलें तेहरान के मेहराबाद एयरपोर्ट पर गिरीं जो कि एक सैन्य ठिकाना भी है। यहां पर ईरानी वायुसेना के फाइटर जेट और परिवहन विमान तैनात हैं।
आम नागरिकों पर संकट: मानवता की हार
इस युद्ध की सबसे बड़ी कीमत आम नागरिक चुका रहे हैं। चाहे वह ईरान हो या इजरायल, मिसाइल हमलों में जान गंवाने वालों में अधिकांश नागरिक हैं। रिहायशी इलाकों, अस्पतालों और बाजारों को निशाना बनाया जा रहा है जो कि अंतरराष्ट्रीय युद्ध कानूनों का उल्लंघन है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन जमीनी हालात इससे ठीक उलट हैं।
वैश्विक प्रतिक्रिया: तनाव बढ़ने की आशंका
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने इस युद्ध को तत्काल रोकने की अपील की है। वाशिंगटन ने कहा है कि वह इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है, लेकिन क्षेत्र में शांति बहाल करना भी उतना ही जरूरी है। वहीं रूस और चीन ने भी युद्ध के विस्तार पर चिंता जताई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह टकराव सिर्फ दो देशों तक सीमित नहीं रहेगा। इससे मध्य पूर्व में एक बड़े क्षेत्रीय युद्ध का खतरा मंडरा रहा है, जो वैश्विक तेल आपूर्ति, शेयर बाजार और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर भी गंभीर प्रभाव डालेगा।
क्या थमेगी यह तबाही ?
इजरायल और ईरान के बीच यह संघर्ष अब सिर्फ सैन्य कार्रवाई तक सीमित नहीं रह गया है। यह धार्मिक, वैचारिक और रणनीतिक वर्चस्व की लड़ाई बन चुका है जिसमें निर्दोष नागरिक बलि का बकरा बनते जा रहे हैं। सवाल यह उठता है कि क्या इस युद्ध की कोई सीमा है? क्या कोई ऐसा मंच बचेगा जहां शांति की बात हो सके? या फिर हम एक ऐसे दौर में प्रवेश कर रहे हैं जहां मिसाइल ही संवाद का माध्यम बन चुकी हैं?
जब दो अड़ियल ताकतें आमने-सामने हों, और बीच में केवल आग और बारूद हो, तो मानवता का भविष्य अंधकारमय दिखता है। दुनिया को इस समय कूटनीति, संयम और वैश्विक नेतृत्व की सबसे अधिक जरूरत है।