छत्तीसगढ़ में इनकम टैक्स और ईडी के ताबड़तोड़ एक्शन से सियासी हलचल तेज !
क्या दिल्ली का नया कांग्रेस मुख्यालय भी है ‘पाप की कमाई’ का प्रतीक?
पूनम शर्मा
छत्तीसगढ़ में इनकम टैक्स और ईडी के ताबड़तोड़ एक्शन से सियासी हलचल तेज हो गई है। सुकमा में कांग्रेस भवन और उससे जुड़ी संपत्तियों को अटैच कर दिया गया है। ईडी का दावा है कि यह संपत्ति कथित शराब घोटाले से मिले काले धन से बनाई गई थी। दूसरी तरफ, कांग्रेस इस कार्रवाई को सीधे-सीधे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है।
कांग्रेस पर ईडी की सबसे बड़ी सीलिंग कार्रवाई
ईडी की यह कार्रवाई सिर्फ एक प्रदेश स्तर की नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी के लिए झटका बन चुकी है। 10 जनपथ—यानि कांग्रेस हाईकमान तक इसकी आँच पहुँचती दिख रही है। ईडी का कहना है कि सुकमा में बना यह आलीशान कांग्रेस भवन शराब घोटाले की अवैध कमाई से खड़ा किया गया है। सवाल यह है कि कांग्रेस जैसे बड़े राजनीतिक दल का दफ्तर अगर भ्रष्टाचार की कमाई से बना हो, तो क्या यह भ्रष्टाचार का ‘ऑफिशियल सेंटर’ नहीं बन जाता?
शराब घोटाले का पैसा, भवन की नींव?
इस घोटाले में सबसे बड़ा नाम सामने आ रहा है प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का, जिन पर आरोप है कि एक्साइज डिपार्टमेंट से जुड़े करोड़ों रुपये कांग्रेस फंड में पहुंचाए गए। ईडी के अनुसार, एक पूर्व मंत्री के पास अकेले 90 करोड़ रुपये पहुंचे। यही नहीं, इन पैसों से न केवल पार्टी का दफ्तर बना, बल्कि नेताओं के बंगले और संपत्तियाँ भी खरीदी गईं।
“मुझे कुछ पता ही नहीं”—बचाव में पुराने बहाने?
जैसे कभी बिहार के चारा घोटाले में ‘भोलाराम तुफानी’ ने कहा था कि उन्हें कुछ नहीं पता, वैसे ही यहां भी कई पूर्व मंत्रियों ने अपनी अनभिज्ञता जाहिर की है। लेकिन सवाल उठता है—अगर आप कुछ नहीं जानते, तो घोटाले की रकम आपके खातों में कैसे पहुंची?
क्या 10 जनपथ तक पहुंचेगा घोटाले का पैसा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह केवल छत्तीसगढ़ तक सीमित मामला नहीं है। जिस तरह से कांग्रेस हाईकमान और भूपेश बघेल के बीच घनिष्ठ संबंध रहे हैं, और कैसे बघेल को सोनिया और राहुल गांधी का करीबी माना जाता रहा है, उससे सवाल उठने लाजमी हैं कि क्या वाकई इस घोटाले का पैसा कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व तक गया?
राहुल और सोनिया से तीन बार मुलाकात का मतलब क्या?
जब भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की बात चली थी, तब उन्होंने दिल्ली पहुँच कर राहुल गांधी और सोनिया गांधी से तीन बार मुलाकात की थी। अब जब ईडी ने उन पर शिकंजा कसा है, तो क्या यह सिर्फ संयोग है या कहीं कोई बड़ी सच्चाई छिपी हुई है?
बेटे रूपेश बघेल पर भी शिकंजा
भूपेश बघेल के बेटे रूपेश बघेल पर भी घोटाले में शामिल होने का आरोप है। उनके घर पर ईडी ने छापा मारा है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। इसके बावजूद कांग्रेस नेतृत्व बघेल को पंजाब प्रभारी जैसे अहम पद सौंपती है, जो जांच को ही कटघरे में खड़ा करता है।
क्या दिल्ली का नया कांग्रेस भवन भी घोटाले से जुड़ा?
जब ईडी ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस भवन को अटैच किया, तो सवाल उठा कि क्या दिल्ली में बना नया कांग्रेस मुख्यालय भी किसी घोटाले की उपज है? क्या वहाँ भी ऐसी ही ‘पाप की कमाई’ लगी है? अगर ऐसा हुआ, तो ये कांग्रेस के लिए राजनीतिक रूप से विनाशकारी साबित हो सकता है।