जब उड़ान बनी निशाना! एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर में ‘रक्षा प्रणाली’ कैसे फेल हुई?

एयर इंडिया हादसा नहीं, साज़िश की बू आ रही है!

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

पूनम शर्मा
क्या यह सिर्फ एक तकनीकी गड़बड़ी थी? या फिर देश की उड़ती हुई अस्मिता को गिराने की गहरी साज़िश?
भारत की राष्ट्रीय विमान सेवा एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर विमान, जो अत्याधुनिक सुरक्षा और विश्वसनीयता का प्रतीक माना जाता है, हाल ही में एक रहस्यमयी हादसे का शिकार हुआ। यह हादसा गुजरात की सीमा में हुआ – और ये सिर्फ हादसा नहीं, बल्कि एक सुनियोजित विध्वंस (Sabotage) था।

टाटा की वापसी: एक गौरवशाली पुनर्जन्म

1953 में सरकार के हाथों गई एयर इंडिया को 2021 में फिर से टाटा ग्रुप ने वापस खरीदा – जैसे इतिहास ने एक चक्र पूरा किया। ये सौदा करीब ₹18,000 करोड़ में हुआ और जनवरी 2022 में एयर इंडिया एक बार फिर टाटा की गोद में पहुंची। इसके बाद से कंपनी ने अपने संचालन, सेवाओं और ब्रांड छवि में व्यापक बदलाव किए हैं।

टाटा संस के अधीन, एयर इंडिया ने कई अहम सुधार किए – जैसे नई यूनिफॉर्म डिजाइन, ग्राहक सेवा में डिजिटलीकरण, और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का विस्तार। इसके साथ ही टाटा ने Vistara और AirAsia India को मिलाकर एयर इंडिया को भारत की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन में बदलने की योजना बनाई।

तकनीकी चूक या टारगेटेड हमला?

ड्रीमलाइनर – बोइंग का सबसे सुरक्षित, सबसे हाई-टेक विमान – उसमें तकनीकी विफलता की संभावना लगभग नगण्य होती है। ऐसे में एक पूर्ण कार्यशील विमान में अचानक सिस्टम फेल होना, और फिर मीडिया में उसे ‘गंभीर लापरवाही’ बताना… सवाल खड़े करता है।

क्या इस विमान को जानबूझकर निशाना बनाया गया था?
विशेषज्ञों का कहना है कि विमान के कम्युनिकेशन सिस्टम में बाहरी छेड़छाड़  के संकेत मिले हैं। इससे पहले भी पश्चिमी देशों में इस तरह की ध्वंसात्मक  घटनाएँ हो चुकी हैं – और अब वही भारत में भी दोहराई जा रही है।

क्यों बनाया गया एयर इंडिया को टारगेट?

टाटा ग्रुप के नेतृत्व में एयर इंडिया का तेजी से विकास – जो अब अंतरराष्ट्रीय रूट्स में यूरोपीय और अमेरिकी एयरलाइनों को टक्कर देने लगी है – कुछ अंतरराष्ट्रीय लॉबियों को नागवार गुजर रहा है।

अडानी ग्रुप, जो हवाईअड्डों का प्रबंधन कर रहा है, विशेषकर गुजरात एयर स्पेस में – इस हादसे के बहाने उन्हें भी निशाने पर लिया गया है।

और अंततः, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिनका गुजरात मॉडल और भारत को एविएशन हब बनाने का विजन अब दुनिया को प्रभावित कर रहा है – इस सबका सीधा निशाना हैं।

गुजरात से जुड़े हर बड़े प्रोजेक्ट को निशाना बनाया जाना कोई नई बात नहीं है। चाहे वो अडानी के पोर्ट्स हों या मोदी के मेगा इन्फ्रास्ट्रक्चर विज़न – हर बार जब देश तरक्की करता है, तब एक ‘अदृश्य हाथ’ इन प्रोजेक्ट्स को संदिग्ध बना देता है।

एयर इंडिया का टाटा द्वारा अधिग्रहण और फिर उसका तेज़ी से उभरना, कुछ अंतरराष्ट्रीय लॉबियों को रास नहीं आया। खासकर वे जो भारत को एक aviation superpower बनते नहीं देखना चाहते।

ड्रीमलाइनर जैसी सुपर-सेफ टेक्नोलॉजी वाली फ्लाइट में अचानक तकनीकी विफलता की बात कहना सिर्फ आम जनता को गुमराह करने का प्रयास है। जब कोई विदेशी कंपनी ऐसी दुर्घटना का शिकार होती है, तो विस्तृत जांच की मांग होती है, लेकिन जब भारत की हो, तो तुरन्त “गंभीर लापरवाही” का लेबल लगा दिया जाता है।

यानी, एक हादसे के बहाने तीन राष्ट्रीय शक्तियों को बदनाम करने का प्रयास – टाटा, अडानी और मोदी।

क्या यह संयोग है कि जिस राज्य से प्रधानमंत्री आते हैं, वहीं इस प्रकार की घटना को अंजाम दिया गया?

 क्या थी साज़िश की मंशा?

एयर इंडिया की विश्वसनीयता को धूमिल करना ,अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भारत के एविएशन सेक्टर की छवि खराब करना गुजरात और अडानी को भ्रष्ट या अयोग्य साबित करना ,2026 के आम चुनावों से पहले प्रधानमंत्री मोदी को अप्रत्यक्ष रूप से कठघरे में खड़ा करना ,ये सिर्फ राजनीतिक हमला नहीं, बल्कि आर्थिक और रणनीतिक राष्ट्रहित पर हमला है।

सुरक्षा एजेंसियों को चाहिए कठोर जाँच 

देश की खुफिया एजेंसियों को इस हादसे को सिर्फ एविएशन सेफ्टी इन्क्वायरी तक सीमित नहीं रखना चाहिए। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और साइबर सबोटाज के रूप में देखना होगा।

विमान के ब्लैक बॉक्स डेटा में विदेशी सिग्नल्स की जाँच हो , टेक्निकल सिस्टम में किसी external patch या intrusion की रिपोर्ट आए विमान के टेक-ऑफ और रडार मैपिंग को फिर से खंगाला जाए ।

 ये एक “हादसा” नहीं, भारत को रोकने की कोशिश है

एयर इंडिया सिर्फ एक एयरलाइन नहीं है। यह भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय पहचान का प्रतीक है। ड्रीमलाइनर जैसे विमान में sabotage का प्रयास बताता है कि अब दुश्मन सीमाओं पर नहीं, सिस्टम्स के अंदर घुसपैठ कर रहा है।

और जब राष्ट्र को रोकना संभव न हो, तब राष्ट्र की छवि पर हमला किया जाता है। यही किया गया है – टाटा को गिराओ, अडानी को घसीटो, और मोदी को घेरो । लेकिन भारत अब वो नहीं रहा जो चुपचाप सह ले। सच्चाई सामने आएगी, और इस साज़िश को बेनकाब किया जाएगा – यही राष्ट्र की आवाज है।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.