पश्चिम बंगाल में सेक्स रैकेट कांड: टीएमसी (TMC) नेताओं के साथ वायरल फोटो वाली श्वेता खान लापता, पुलिस तलाश में विफल

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समग्र समाचार सेवा

कोलकाता, 11 जून : पश्चिम बंगाल में सेक्स रैकेट और पोर्नोग्राफी कांड ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है। मुख्य आरोपी श्वेता खान और उनके बेटे पर संगठित रूप से सेक्स रैकेट चलाने, पोर्न फिल्मों की शूटिंग करने और एक महिला को छह महीने तक बंधक बनाकर उसका क्रूरतम यौन शोषण करने के गंभीर आरोप लगे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि श्वेता खान की तस्वीरें सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कई बड़े नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिससे इस पूरे मामले में राजनीतिक मिलीभगत की आशंका भी गहराने लगी है।

पोर्न रैकेट की मुख्य आरोपी श्वेता खान की तस्वीरें पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बड़े नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। जिन नेताओं के साथ श्वेता खान देखी गई हैं, उनमें राज्य के मंत्री अरूप रॉय, सांसद सुदीप बंदोपाध्याय और पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। ये तस्वीरें किसी छिपे हुए स्थान की नहीं, बल्कि सार्वजनिक आयोजनों, मंचों और खुले कार्यक्रमों की हैं, जो इस बात का संकेत देती हैं कि श्वेता खान का इन नेताओं से खुला मेलजोल था।

इन तस्वीरों के सामने आने के बाद आम जनता और विपक्षी दलों के बीच यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या इस मामले में राजनीतिक संरक्षण की भूमिका रही है। सवाल यह भी उठ रहा है कि यदि श्वेता खान किसी आम नागरिक होती, तो अब तक पुलिस उसे गिरफ्तार कर चुकी होती, लेकिन जब वह सत्ता पक्ष के नेताओं के साथ देखी जा रही है, तो पुलिस अब तक उसका सुराग तक नहीं लगा पाई है।

तस्वीरों में नेताओं के साथ श्वेता खान की निकटता और सहजता यह दर्शाती है कि उसकी पहुंच सत्ता के गलियारों तक थी। इस पूरे प्रकरण ने पश्चिम बंगाल सरकार की नैतिकता और प्रशासन की निष्पक्षता पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं—क्या यही है ‘माँ, माटी, मानुष’ की असली तस्वीर?

श्वेता खान और उसके बेटे ने कथित तौर पर एक महिला को कोलकाता में एक फ्लैट में बंद कर रखा था, जहां उसका मानसिक और शारीरिक शोषण किया गया। पीड़िता का बयान है कि उसे नशीली दवाएं दी जाती थीं और जबरन पोर्न फिल्मों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता था। इस महिला ने किसी तरह से वहां से भागकर अपनी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई।

हालांकि, इस केस को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अब तक श्वेता खान और उसका बेटा फरार हैं। पुलिस उनका सुराग तक नहीं लगा पाई है, जिससे लोगों में यह शक गहरा रहा है कि कहीं सरकार और पुलिस की मिलीभगत के चलते जांच को धीमा तो नहीं किया जा रहा।

इस केस से जुड़ी एक और सनसनी यह है कि आरोपी महिला श्वेता खान की तस्वीरें TMC के कई प्रभावशाली नेताओं के साथ वायरल हो रही हैं, जिसमें वह पार्टी के कार्यक्रमों और मंचों पर भी देखी जा रही है। इससे आम जनता के बीच यह धारणा बन रही है कि श्वेता खान को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, और इसी वजह से पुलिस उस तक नहीं पहुंच पा रही।

इस मामले ने बंगाल में कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्षी दलों ने इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है और हाई कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की बात कही है।

पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस की चुप्पी और निष्क्रियता इस मामले को और अधिक संदिग्ध बना रही है। जनता और महिला संगठनों ने अब इस पर तीव्र विरोध और कार्रवाई की मांग तेज कर दी है।

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