समग्र समाचार सेवा
कोलकाता, 11 जून :पश्चिम बंगाल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसने राज्य की वोटर सूची की पारदर्शिता और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बांग्लादेश के ढाका विश्वविद्यालय में छात्र आंदोलन में सक्रिय रहा न्यूटन दास अब पश्चिम बंगाल में भारत का वैध वोटर पाया गया है। न्यूटन दास की तस्वीरें और गतिविधियां पूर्व में बांग्लादेश की मीडिया और सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रही हैं, जिनमें उसे ढाका के छात्र आंदोलनों में भाग लेते हुए देखा जा सकता है।
चौंकाने वाली बात यह है कि न्यूटन दास का नाम पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में दर्ज है और वह स्थानीय चुनावों में मतदान कर चुका है। यह मामला उजागर होते ही बंगाल की राजनीति में हड़कंप मच गया है। भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर ममता सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं और आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस अवैध घुसपैठियों को वोटर बनाकर सत्ता की राजनीति कर रही है।
भाजपा नेताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि बांग्लादेश से अवैध रूप से आए कई लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, और उन्हें पहचान पत्र, राशन कार्ड व वोटर आईडी जारी किए जा रहे हैं। न्यूटन दास का मामला इसी गंभीर समस्या का एक उदाहरण मात्र है।
राज्य चुनाव आयोग और प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं कि वे कैसे एक विदेशी नागरिक को भारतीय वोटर सूची में शामिल होने से रोकने में विफल रहे।
इस पूरे प्रकरण से यह साफ हो रहा है कि वोट बैंक की राजनीति के चलते बंगाल में घुसपैठियों को नागरिकता देने का सिलसिला अब और भी संगठित रूप ले चुका है। भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर जांच की मांग की है और न्यूटन दास की नागरिकता और वोटर आईडी जारी करने की प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगाया है।
यदि जांच में यह साबित होता है कि वह बांग्लादेशी नागरिक है, तो यह न केवल एक गंभीर चुनावी अनियमितता होगी बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी खतरनाक संकेत होगा।