मुकेश अंबानी का ऐतिहासिक कदम, ICT मुंबई को दिया ₹151 करोड़ का दान

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समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 10 जून –रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, श्री मुकेश अंबानी ने एक बार फिर अपनी उदारता और शिक्षा के प्रति गहरे सम्मान का परिचय दिया है। उन्होंने अपने पुराने संस्थान, इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (ICT), मुंबई को ₹151 करोड़ का ऐतिहासिक दान देने की घोषणा की है। यह ऐलान उन्होंने पद्म विभूषण प्रोफेसर एमएम शर्मा की जीवनी ‘डिवाइन साइंटिस्ट’ के विमोचन समारोह के दौरान किया।

गुरु के सम्मान में एक शिष्य का अमूल्य योगदान

मुकेश अंबानी इस कार्यक्रम में तीन घंटे से भी अधिक समय तक मौजूद रहे। उन्होंने भावुक होकर उस पल को याद किया जब वे 1970 के दशक में ICT (उस समय UDCT) के छात्र थे। अंबानी ने बताया कि प्रोफेसर एमएम शर्मा का पहला लेक्चर उनके जीवन के लिए एक बड़ा प्रेरणास्रोत बन गया था। इसी गहरे जुड़ाव और अपने गुरु के प्रति सम्मान की भावना ने उन्हें यह अभूतपूर्व दान देने के लिए प्रेरित किया।

“प्रोफेसर शर्मा ने कहा- मुकेश, तुम्हें कुछ बड़ा करना है”

अपने संबोधन में, श्री अंबानी ने इस दान के पीछे की कहानी साझा की। उन्होंने कहा, “जब प्रोफेसर शर्मा ने मुझसे कहा – ‘मुकेश, तुम्हें ICT के लिए कुछ बड़ा करना है’, तभी मैंने यह फैसला कर लिया था। आज मुझे यह घोषणा करते हुए अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है कि मैं ICT को ₹151 करोड़ का दान दे रहा हूं।” यह दान संस्थान के विकास और छात्रों के भविष्य को संवारने में एक मील का पत्थर साबित होगा।

प्रोफेसर शर्मा: एक ‘राष्ट्र गुरु’

मुकेश अंबानी ने प्रोफेसर शर्मा को ‘राष्ट्र गुरु — भारत के गुरु’ की उपाधि देते हुए उनके योगदान को सराहा। उन्होंने बताया कि प्रोफेसर शर्मा ने भारत के आर्थिक सुधारों की नींव रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने ही नीति निर्माताओं को समझाया कि देश को लाइसेंस-परमिट-राज की बेड़ियों से मुक्त करना कितना आवश्यक है, ताकि भारत वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सके।

धीरूभाई अंबानी और प्रोफेसर शर्मा का साझा सपना

अंबानी ने अपने पिता, श्री धीरूभाई अंबानी और प्रोफेसर शर्मा के साझा सपनों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि दोनों ही महानुभावों का यह सपना था कि भारत का उद्योग जगत संसाधनों की कमी से बाहर निकलकर विश्व पटल पर अपनी पहचान बनाए। उनका दृढ़ विश्वास था कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और निजी उद्यमिता का संगम ही देश को प्रगति के नए मार्ग पर ले जा सकता है। मुकेश अंबानी का यह कदम उसी सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

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