समग्र समाचार सेवा
रियाद, 10 जून: हाल ही में कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा था कि सऊदी अरब ने भारत, पाकिस्तान समेत 14 देशों के नागरिकों के वर्क वीजा पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है. इन खबरों ने, खासकर हज यात्रा के दौरान, भारत सहित कई देशों के लोगों में चिंता बढ़ा दी थी, क्योंकि बड़ी संख्या में भारतीय सऊदी अरब में कार्यरत हैं. हालांकि, अब इन चिंताओं को दूर करते हुए भारत सरकार ने इन रिपोर्ट्स को सिरे से खारिज कर दिया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
भारत के विदेश मंत्रालय ने सऊदी अरब की यात्रा करने वाले भारतीयों पर किसी तरह के प्रतिबंध की खबरों को गलत बताया है. मंत्रालय के सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि:
“सऊदी सरकार के मानव संसाधन और सामाजिक विकास मंत्रालय ने इस तरह की कोई अधिसूचना जारी नहीं की है।”
“हज सीजन के दौरान भीड़भाड़ को रोकने के लिए अल्पकालिक वीजा पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने की परंपरा रही है, जो हज के समापन के साथ समाप्त हो जाते हैं।”
“भारतीयों के वर्क वीजा पर अलग से कोई रोक नहीं है।”
यह स्पष्टीकरण उन सभी भारतीयों के लिए राहत की खबर है जो सऊदी अरब में काम कर रहे हैं या वहां जाने की योजना बना रहे हैं.
किन देशों के लिए सामने आई थीं अफवाहें?
ऐसी रिपोर्ट सामने आई थी कि सऊदी ने भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नाइजीरिया, मिस्र, अल्जीरिया, सूडान, इथियोपिया, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, इराक, जॉर्डन, यमन और मोरक्को के वर्क वीजा पर रोक लगाई है. इन खबरों में यह भी दावा किया जा रहा था कि इन देशों के लोगों के लिए सऊदी में कंपनियों को विदेशियों की भर्ती के लिए नए कोटे नहीं मिलेंगे और पहले से स्वीकृत आवंटन में भी देरी होगी. इन अफवाहों ने भारतीय कामगारों की चिंता को विशेष तौर पर बढ़ा दिया था.
हज यात्रा और भारतीय कामगारों की स्थिति
इस समय सऊदी अरब में हज यात्रा चल रही है. इस साल के हज के लिए भारत को 1,75,025 तीर्थयात्रियों का कोटा आवंटित किया गया है, और भारतीय हज यात्री इस समय मक्का में अपने अनुष्ठान पूरे कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय के स्पष्टीकरण से यह भी सुनिश्चित हो गया है कि भारतीय कामगार भी बिना किसी बाधा के अपना काम जारी रखे हुए हैं. मक्का के आसपास के इलाकों में हज के चलते कुछ नियम कड़े किए गए हैं, जो स्थानीय प्रशासन हर साल करता है, लेकिन इसका संबंध वर्क वीजा पर सामान्य प्रतिबंध से नहीं है.
यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि बिना आधिकारिक पुष्टि के फैली अफवाहें कितनी चिंताजनक हो सकती हैं. सभी को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी खबरों की पुष्टि केवल आधिकारिक स्रोतों से करें.