शिवमोग्गा: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कर्नाटक के शिवमोग्गा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष आर.एम. मंजुनाथ गौड़ा और उनकी पत्नी की करीब 13.91 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। यह कार्रवाई 63 करोड़ रुपये के गोल्ड लोन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत की गई है।
ईडी के अनुसार, यह संपत्ति ‘धन शोधन निवारण अधिनियम’ (PMLA) के अंतर्गत अटैच की गई है। मंजुनाथ गौड़ा को अप्रैल में इस मामले में गिरफ्तार किया गया था और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
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ईडी की जांच में सामने आया है कि यह घोटाला शिवमोग्गा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की सिटी ब्रांच में हुआ, जहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सोने के ऋण (गोल्ड लोन) के फर्जी खाते खोले गए। इस घोटाले में बैंक की पूर्व शाखा प्रबंधक बी. शोभा की मुख्य भूमिका सामने आई है, जिन्होंने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर बैंक की 62.77 करोड़ रुपये की राशि का गबन किया।
पुलिस के अनुसार, ये खाते असली खाता धारकों की जानकारी के बिना खोले गए और उनके नाम पर फर्जी दस्तावेज लगाए गए।
ईडी ने दावा किया है कि बी. शोभा ने इस पूरे गबन को मंजुनाथ गौड़ा के निर्देश पर अंजाम दिया और गबन की गई राशि को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए गौड़ा को सौंपा गया। गौड़ा ने इस अवैध धन से कई चल-अचल संपत्तियां खरीदीं।
लोकायुक्त पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट में यह भी उल्लेख है कि गौड़ा के पास उनकी ज्ञात आय के मुकाबले अधिक संपत्ति पाई गई है, जो इस घोटाले से अर्जित की गई बताई जा रही है।
ईडी की यह कार्रवाई घोटाले से जुड़ी कड़ी के रूप में देखी जा रही है, जिससे यह साफ होता है कि सहकारी बैंकों में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो सकता है और उच्च पदों पर बैठे अधिकारी किस तरह से तंत्र का दुरुपयोग करते हैं।
मामले की जाँच अभी जारी है और अन्य आरोपियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है।