पाहलगाम आतंकी हमले के डर को शशि थरूर ने अमेरिका में किया साझा :’मुझे भी मार डालो’

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समग्र समाचार सेवा                                                                                                                                                                                                                वॉशिंगटन, 5 जून  —कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका के वॉशिंगटन में भारतीय प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले की दर्दनाक कहानी साझा की। उन्होंने कहा, “एक महिला, जिसने अपने पति को अपनी आँखों के सामने गोली लगने से मरते देखा, चीख पड़ी — ‘मुझे भी मार डालो’। लेकिन आतंकियों ने कहा, ‘नहीं, तुम्हें जिंदा रहना है ताकि तुम ये कहानी दुनिया को बता सको।’”

22 अप्रैल को हुए इस आतंकी हमले में निर्दोष नागरिकों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया। थरूर ने बताया कि हमलावरों ने पहले पीड़ितों से उनका धर्म पूछा, फिर उन्हें बेहद करीब से गोली मारी गई। उन्होंने कहा, “यह हमला केवल जान लेने के लिए नहीं था, इसका मकसद धार्मिक नफरत फैलाना था।”

शशि थरूर इस समय भारत सरकार की ओर से “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत एक विशेष राजनयिक मिशन पर अमेरिका दौरे पर हैं। इस मिशन का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत के प्रति समर्थन जुटाना है। थरूर ने कहा कि इस मुद्दे पर अमेरिकी सांसदों से गहन और सकारात्मक चर्चा हुई, और भारत को ‘बिना शर्त’ समर्थन मिला है।

उन्होंने कहा, “हम यहां यह बताने आए हैं कि भारत ने किन मुश्किलों का सामना किया है। हमें सिर्फ सहानुभूति नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर एकजुटता की जरूरत है।” उन्होंने बताया कि अमेरिकी सांसदों ने अपने व्यस्त कार्यक्रमों के बावजूद भारतीय प्रतिनिधिमंडल से मिलने का समय निकाला और बेहद सहयोगी रुख दिखाया।

प्रतिनिधिमंडल में भारत के आठ राज्यों, सात राजनीतिक दलों और तीन धर्मों के प्रतिनिधि शामिल हैं — यह विविधता खुद में एक संदेश है। इस प्रतिनिधिमंडल में लोजपा की शंभवी चौधरी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरफ़राज़ अहमद, टीडीपी के जी.एम. हरीश बालयोगी, बीजेपी के तेजस्वी सूर्या, शशांक मणि त्रिपाठी और भुवनेश्वर कलिता, शिवसेना के मिलिंद देवड़ा और मल्लिकार्जुन देवड़ा जैसे सांसद शामिल हैं। इनके साथ अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू भी उपस्थित रहे।

थरूर ने जोर देकर कहा, “मैं धर्म का जिक्र इसलिए कर रहा हूं क्योंकि आतंकियों का मकसद धर्म के नाम पर नफरत फैलाना था। लेकिन हमने दुनिया को दिखाया है कि भारत में विविधता ही हमारी ताकत है।”

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