समग्र समाचार सेवा नई दिल्ली 5 जून : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई 2025 में ब्रिक्स (BRICS) देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रियो डी जनेरियो, ब्राजील यात्रा पर जाएंगे। यह सम्मेलन 6 और 7 जुलाई को आयोजित होगा, जिसमें रूस, चीन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, मिस्र और इंडोनेशिया जैसे देशों के नेता भी भाग लेंगे ।
भारत की रणनीतिक प्राथमिकताएँ
भारत इस सम्मेलन में वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को मजबूती से प्रस्तुत करने की योजना बना रहा है। विशेष रूप से, पाकिस्तान के साथ हालिया तनाव और आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की सख्त नीति को ध्यान में रखते हुए, किसी भी ब्रिक्स घोषणा में आतंकवाद के खिलाफ ठोस संदेश भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा ।
अमेरिका की प्रतिक्रिया और डॉलर पर प्रभाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रिक्स देशों को चेतावनी दी है कि यदि वे अमेरिकी डॉलर के स्थान पर कोई अन्य मुद्रा अपनाने का प्रयास करते हैं, तो उन्हें 100% शुल्क का सामना करना पड़ेगा । हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि वह डॉलर के स्थान पर कोई नई मुद्रा बनाने के पक्ष में नहीं है और स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है ।
भारत की वैश्विक भूमिका और BRICS की दिशा
भारत का रुख ब्रिक्स के भीतर अपनी भूमिका को सशक्त बनाने का है, विशेष रूप से विकासशील देशों के हितों की रक्षा करने में। प्रधानमंत्री मोदी की रियो यात्रा भारत की वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री मोदी की रियो यात्रा न केवल भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर है, बल्कि यह ब्रिक्स देशों के साथ सहयोग और अमेरिका के साथ आर्थिक संबंधों के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है। यह सम्मेलन भारत की वैश्विक रणनीति और आर्थिक हितों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।