समग्र समाचार सेवा, पुणे, 4 जून: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने पुणे स्थित सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में आयोजित ‘फ्यूचर वॉर्स एंड वारफेयर’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने हाल में हुए ऑपरेशन सिंदूर पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की, जिससे भारत की सैन्य नीति और शक्ति का अंदाज़ा साफ होता है।
48 घंटे की साजिश, 8 घंटे में जवाब
जनरल चौहान ने बताया कि 10 मई की रात 1 बजे पाकिस्तान ने यह रणनीति बनाई थी कि वह भारत को 48 घंटे में घुटनों पर ला देगा। इस योजना के तहत कई आतंकी हमले किए गए, लेकिन भारतीय सेना की कार्रवाई इतनी सटीक और तेज़ थी कि पाकिस्तान को 8 घंटे के भीतर ही पीछे हटना पड़ा।
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने जब हमारी रणनीतिक प्रतिक्रिया देखी तो उसे समझ आ गया कि युद्ध की स्थिति में वह टिक नहीं पाएगा।”
इसके तुरंत बाद पाकिस्तान की ओर से बातचीत की इच्छा जताई गई।
आतंकवाद युद्ध नहीं, धोखा है
सीडीएस चौहान ने पहलगाम हमले को संघर्ष की शुरुआत बताते हुए कहा कि आतंकवाद युद्ध का सही तरीका नहीं है। इसमें कोई तय नियम नहीं होते, और यह केवल धोखे और निर्दोषों को नुकसान पहुँचाने का तरीका है।
“हमारे दुश्मन भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हमारी तैयारियों के सामने उनकी हर चाल नाकाम रही।”
नई रणनीति, नई परिभाषा
जनरल चौहान ने कहा कि युद्ध केवल हथियारों की नहीं, बल्कि रणनीति, राजनीतिक इच्छाशक्ति और संवाद की भी लड़ाई होती है। उन्होंने बताया कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अब नई रेखा खींच दी है, और आगे भी इसी दिशा में नीति बनाई जाएगी।