2 जून दैनिक राशिफल एवं आज का पंचांग

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🐏मेष

कोर्ट-कचहरी में अनुकूलता रहेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। झंझटों में न पड़ें। उधार दिया धन मिलने से राहत हो सकती है। जीवनसाथी का सहयोग उलझे मामले सुलझाने में सहायक हो सकेगा। वाहन सावधानी से चलाएँ।

🐂वृष

चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कुसंगति से हानि होगी। अपने काम से काम रखें। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें। आवास संबंधी समस्या हल होगी। आलस्य न करें। सोचे काम समय पर नहीं हो पाएँगे।

👫मिथुन

राजकीय बाधा दूर होकर लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। क्रोध पर नियंत्रण रखें। लाभ होगा। रुके हुए काम समय पर पूरे होने से आत्मविश्वास बढ़ेगा। परिवार की समस्याओं का समाधान हो सकेगा। व्यापार में नई योजनाएँ बनेंगी। व्यापार अच्छा चलेगा।

🦀कर्क

भूमि व भवन संबंधी कार्य लाभ देंगे। रोजगार मिलेगा। शत्रु भय रहेगा। निवेश व नौकरी लाभ देंगे। व्यापार अच्छा चलेगा। कार्य के विस्तार की योजनाएँ बनेंगी। रोजगार में उन्नति एवं लाभ की संभावना है। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। लाभदायक समाचार मिलेंगे।

 

🐅सिंह

रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद न करें। सामाजिक एवं राजकीय ख्याति में अभिवृद्धि होगी। आर्थिक अनुकूलता रहेगी। रुका धन मिलने से धन संग्रह होगा। राज्यपक्ष से लाभ के योग हैं।

🙍‍♀️कन्या

उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। शोक समाचार मिल सकता है। थकान महसूस होगी। व्यावसायिक चिंता रहेगी। संतान के व्यवहार से कष्ट होगा। सहयोगी मदद नहीं करेंगे। व्ययों में कटौती करने का प्रयास करें। वाहन चलाते समय सावधानी रखें।

⚖️तुला

रोमांस में समय बीतेगा। मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। परिवार में प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यापार के कार्य से बाहर जाना पड़ सकता है। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाएँ रखें। धनार्जन होगा।

🦂वृश्चिक

अतिथियों का आवागमन रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। स्वाभिमान बना रहेगा। नई योजनाओं की शुरुआत होगी। संतान की प्रगति संभव है। भूमि व संपत्ति संबंधी कार्य होंगे। पूर्व कर्म फलीभूत होंगे। परिवार में सुखद वातावरण रहेगा। व्यापार में इच्छित लाभ होगा।

🏹धनु

बेरोजगारी दूर होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। जोखिम न लें। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें। सत्कार्य में रुचि बढ़ेगी। प्रियजनों का पूर्ण सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक चिंताएँ दूर होंगी। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

🐊मकर

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्ययवृद्धि होगी। तनाव रहेगा। अपरिचितों पर विश्वास न करें। प्रयास में आलस्य व विलंब नहीं करना चाहिए। रुके हुए काम समय पर होने की संभावना है। विरोधी परास्त होंगे। यात्रा कष्टप्रद हो सकती है। धैर्य एवं संयम बना रहेगा।

🍯कुंभ

दिन प्रेमभरा गुजरेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रुका हुआ धन मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। प्रियजनों से पूरी मदद मिलेगी। धन प्राप्ति के योग हैं। स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएँगे। संतान के कार्यों में उन्नति के योग हैं।

🐟मीन

नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। स्वास्थ्य के प्रति सावधानी रखें। कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता बढ़ेगी। कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण व उत्साह रखें। व्यापार में नई योजनाओं से लाभ होगा।

         

 *श्री राम जानकी पंचांगम्* 🌺

*दिनांक:- 02/06/2025, सोमवार*

सप्तमी, शुक्ल पक्ष, 

ज्येष्ठ

“”””””””””””””””””””””””””””””” (समाप्ति काल) 

तिथि————- सप्तमी 20:34:25      तक

पक्ष————————— शुक्ल

नक्षत्र—————- मघा 22:54:37

योग————— व्याघात 08:19:21

करण—————— गर 08:10:31

करण————– वणिज 20:34:25

वार————————- सोमवार

माह————————— ज्येष्ठ

चन्द्र राशि——————–   सिंह

सूर्य राशि——————–   वृषभरतू 

ऋतु     ————————— ग्रीष्म

आयन——————— उत्तरायण

संवत्सर——————– विश्वावसु

संवत्सर (उत्तर) —————सिद्धार्थी

विक्रम संवत—————— 2082

गुजराती संवत—————– 2081 

शक संवत——————— 1947 

कलि संवत——————– 5126

सूर्योदय——————– 05:25:10

सूर्यास्त——————– 19:09:32

दिन काल—————— 13:44:21

रात्री काल—————– 10:15:29

चंद्रोदय——————– 11:25:19

चंद्रास्त——————- 24:35:25

लग्न—-   वृषभ 17°31′ , 47°31′

सूर्य नक्षत्र——————- रोहिणी

चन्द्र नक्षत्र———————- मघा

नक्षत्र पाया——————— रजत

*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*

मी—- मघा 10:09:05

मू—- मघा 16:30:24

मे—- मघा 22:54:37

मो—- पूर्व फाल्गुनी 29:21:35

*💮🚩💮    ग्रह गोचर    💮🚩💮*

        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

============================

सूर्य=  वृषभ 17°49,       रोहिणी   3     वी 

चन्द्र= सिंह  04°30 ,          मघा   2      मी

बुध =वृषभ 21°52 ‘          रोहिणी   4     बु 

शु क्र= मेष 01°05,        अश्विनी     1       चू 

मंगल=कर्क 27°30 ‘   आश्लेषा’      4     डो

गुरु=मिथुन  04°30   मृगशिरा,      4      की 

शनि=मीन 06°48 ‘    उ o भा o  , 1       दू 

राहू=(व) कुम्भ 29°15 पू o भा o,     3    दा 

केतु= (व) सिंह 29°15  उ oफा o 1      टे

============================

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 07:08 – 08:51 अशुभ

यम घंटा 10:34 – 12:17 अशुभ

गुली काल 14:00 – 15:43 अशुभ

अभिजित 11:50 – 12:45 शुभ

दूर मुहूर्त 12:45 – 13:40 अशुभ

दूर मुहूर्त 15:30 – 16:25 अशुभ

वर्ज्यम 10:09 – 11:50     अशुभ

प्रदोष 19:10 – 21:14         शुभ

🚩गंड मूल 05:25 – 22:55 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

अमृत 05:25 – 07:08 शुभ

काल 07:08 – 08:51 अशुभ

शुभ 08:51 – 10:34 शुभ

रोग 10:34 – 12:17 अशुभ

उद्वेग 12:17 – 14:00 अशुभ

चर 14:00 – 15:43 शुभ

लाभ 15:43 – 17:26 शुभ

अमृत 17:26 – 19:10 शुभ

🚩चोघडिया, रात

चर 19:10 – 20:26 शुभ

रोग 20:26 – 21:43 अशुभ

काल 21:43 – 23:00 अशुभ

लाभ 23:00 – 24:17* शुभ

उद्वेग 24:17* – 25:34* अशुभ

शुभ 25:34* – 26:51* शुभ

अमृत 26:51* – 28:08* शुभ

चर 28:08* – 29:25* शुभ

💮होरा, दिन

चन्द्र 05:25 – 06:34

शनि 06:34 – 07:43

बृहस्पति 07:43 – 08:51

मंगल 08:51 – 09:59

सूर्य 09:59 – 11:09

शुक्र 11:09 – 12:17

बुध 12:17 – 13:26

चन्द्र 13:26 – 14:35

शनि 14:35 – 15:43

बृहस्पति 15:43 – 16:52

मंगल 16:52 – 18:01

सूर्य 18:01 – 19:10

🚩होरा, रात

शुक्र 19:10 – 20:01

बुध 20:01 – 20:52

चन्द्र 20:52 – 21:43

शनि 21:43 – 22:35

बृहस्पति 22:35 – 23:26

मंगल 23:26 – 24:17

सूर्य 24:17* – 25:09

शुक्र 25:09* – 25:59

बुध 25:59* – 26:51

चन्द्र 26:51* – 27:42

शनि 27:42* – 28:34

बृहस्पति 28:34* – 29:25

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩* 

       

वृषभ   > 04:28 से  05:48     तक

मिथुन  > 05:48 से 08:42     तक

कर्क    > 08:42  से 10:52     तक

सिंह    > 10:52  से  13:08    तक

कन्या  > 13:08  से   15:24   तक

तुला   >  15:24  से  17:36    तक

वृश्चिक > 17:36 से  20:00    तक

धनु     > 20:00  से  22:10    तक

मकर   > 22:10 से  23:54     तक

कुम्भ   > 23:54  से  01:12    तक

मीन    > 01:12  से  02:34     तक

मेष     > 02:34  से  04:28     तक

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*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा   +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

  7 + 2 +  1 = 10 ÷ 4 = 2 शेष

 आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शुक्र ग्रह मुखहुति

*💮    शिव वास एवं फल -:*

   7+ 7 + 5 = 19 ÷ 7 =  5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

रात्रि 20:34 से प्रारम्भ 

मृत्यु लोक  =  सर्वकार्य विनशिनी 

*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*

  *व्यतिपात 08:14 तक 

*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*

मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च ।

दुःखितै सम्प्रयोगेण पण्डिताेऽप्यवसीदति ।।

।। चा o नी o।।

 एक पंडित भी घोर कष्ट में आ जाता है यदि वह किसी मुर्ख को उपदेश देता है, यदि वह एक दुष्ट पत्नी का पालन-पोषण करता है या किसी दुखी व्यक्ति के साथ अतयंत घनिष्ठ सम्बन्ध बना लेता है.

*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*

गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18

सर्वभूतेषु येनैकं भावमव्ययमीक्षते।

 अविभक्तं विभक्तेषु तज्ज्ञानं विद्धि सात्त्विकम्॥

जिस ज्ञान से मनुष्य पृथक-पृथक सब भूतों में एक अविनाशी परमात्मभाव को विभागरहित समभाव से स्थित देखता है, उस ज्ञान को तू सात्त्विक जान

 ॥20॥

 आचार्य पं. अशोक मिश्रा मुंबई

                   मो.9870190475

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