31 मई दैनिक राशिफल एवं आज का पंचांग

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*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष

कुबुद्धि हावी रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। विवाद से दूर रहें। कुसंगति से बचें। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। आय में वृद्धि होगी। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। निवेश शुभ रहेगा। भाग्य का साथ रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। प्रसन्नता रहेगी।

🐂वृष

प्रयास सफल रहेंगे। प्रशंसा प्राप्त होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। लाभ होगा। व्यवसाय अच्छा चलेगा। कार्य क्षेत्र में नई योजनाओं से लाभ होगा। लगन, मेहनत का उचित फल मिल सकेगा। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें। विवाद सुलझेंगे।

👫मिथुन

रोजगार मिलेगा। संतान के स्वास्थ्य में सुधार होगा। सोचे कामों में मनचाही सफलता मिलेगी। व्यापारिक निर्णय समय पर लेना होंगे। पुरानी बीमारी उभर सकती है। चोट व रोग से बाधा संभव है। बेचैनी रहेगी। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी।

🦀कर्क

शारीरिक कष्‍ट से बाधा संभव है। भागदौड़ रहेगी। घर-परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। राजकीय सहयोग मिलेगा। कार्यकुशलता सहयोग से लाभान्वित होंगे। काम में मन लगेगा। स्वयं का सोच अनुकूल रहेगा। रिश्तेदारों से संबंधों की मर्यादा बनाए रखें।

🐅सिंह

पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। धैर्य रखें। अस्वस्थता बनी रहेगी। खुद के प्रयत्नों से ही जनप्रियता एवं सम्मान मिलेगा। रोजगार के क्षेत्र में संभावनाएँ बढ़ेंगी। स्थायी संपत्ति संबंधी खटपट हो सकती है।

🙍‍♀️कन्या

पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग को सफलता मिलेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। नए कार्यों, योजनाओं की चर्चा होगी। लाभदायी समाचार आएँगे। समाज में आपके कार्यों की प्रशंसा होगी। साहस, पराक्रम बढ़ेगा। विश्वासप्रद माहौल रहेगा।

⚖️तुला

विवाद से क्लेश होगा। शारीरिक कष्ट संभव है। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। आपसी मतभेद, मनमुटाव बढ़ेगा। किसी से मदद की उम्मीद नहीं रहेगी। आर्थिक समस्या बनी रहेगी। व्यसनाधीनता से बचें। व्यापार, रोजगार मध्यम रहेगा।

🦂वृश्चिक

फालतू खर्च होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। नवीन मुलाकातों से लाभ होगा। आमदनी बढ़ेगी। रुका धन मिलने से निवेश में वृद्धि होने के योग हैं। उदर संबंधी विकार हो सकते हैं।

🏹धनु

नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। किसी मामले में कटु अनुभव मिल सकते हैं। सरकारी, कानूनी विवाद सुलझेंगे। जोखिम, लोभ, लालच से बचें। नया काम, व्यवसाय आदि की बात बनेगी। घर-बाहर तनाव रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। जल्दबाजी न करें।

🐊मकर

धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। यात्रा सफल रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। कानूनी बाधा दूर होकर लाभ होगा। पूँजी निवेश बढ़ेगा। पहले किए गए कार्यों का लाभदायी फल आज मिल सकेगा। संतान के कामों से खुशी होगी। व्यापार-व्यवसाय में तरक्की होगी।

🍯कुंभ

रोजगार मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवाद न करें। नौकरी करने वालों को ऐच्छिक स्थानांतरण एवं पदोन्नति मिलने की संभावना है। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें।

🐟मीन

चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। परिवार की स्थिति अच्छी रहेगी। रचनात्मक काम करेंगे। कर्मचारियों पर निगाह रखें। परिवार की समस्या का उचित समाधान होगा।

            आचार्य पं. अशोक मिश्रा मुंबई

[31/05, 7:22 am] Ashok Mishra: 🌺 *श्री राम जानकी पंचांगम्* 🌺

*दिनांक:- 31/05/2025, शनिवार*

पंचमी, शुक्ल पक्ष, 

ज्येष्ठ

“””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि———– पंचमी 20:14:45      तक 

पक्ष———————— शुक्ल

नक्षत्र————- पुष्य 21:06:21

योग————- वृद्वि 10:42:23

करण————- बव 08:42:10

करण———– बालव 20:14:45

वार———————– शनिवार

माह———————— ज्येष्ठ

चन्द्र राशि——————   कर्क

सूर्य राशि—————–   वृषभ

रितु———————— ग्रीष्म

आयन—————— उत्तरायण

संवत्सर—————- विश्वावसु

संवत्सर (उत्तर)————- सिद्धार्थी

विक्रम संवत—————- 2082 

गुजराती संवत————– 2081 

शक संवत—————– 1947 

कलि संवत————— 5126

वृन्दावन 

सूर्योदय————- 05:25:32

सूर्यास्त————– 19:08:33

दिन काल———— 13:43:00

रात्री काल————- 10:16:47

चंद्रोदय————– 09:23:08

चंद्रास्त—————- 23:28:37

लग्न—- वृषभ 15°36′ , 45°36′

सूर्य नक्षत्र————— रोहिणी

चन्द्र नक्षत्र——————- पुष्य

नक्षत्र पाया—————— रजत 

🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*

हे—- पुष्य 09:11:01

हो—- पुष्य 15:07:05

ड—- पुष्य 21:06:21

डी—- आश्लेषा 27:08:49

*💮🚩💮    ग्रह गोचर    💮🚩💮*

       ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

============================

सूर्य=  वृषभ 15°49,       रोहिणी   2     वा 

चन्द्र= कर्क 07°30 ,           पुष्य   2      हे 

बुध =वृषभ 16°52 ‘           रोहिणी   2     वा 

शु क्र= मीन 29°05,        रेवती     4       ची 

मंगल=कर्क 26°30 ‘   आश्लेषा’      3     डे 

गुरु=मिथुन  03°30   मृगशिरा,      4      की 

शनि=मीन 06°48 ‘    उ o भा o  , 1       दू 

राहू=(व) कुम्भ 29°25 पू o भा o,     3    दा 

केतु= (व) सिंह 29°25  उ oफा o 1      टे

============================

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 08:51 – 10:34 अशुभ

यम घंटा 13:59 – 15:43 अशुभ

गुली काल 05:26 – 07: 08अशुभ 

अभिजित 11:50 – 12:44 शुभ

दूर मुहूर्त 07:15 – 08:10 अशुभ

प्रदोष 19:09 – 21:13     शुभ

🚩गंड मूल 21:06 – अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन

काल 05:26 – 07:08 अशुभ

शुभ 07:08 – 08:51 शुभ

रोग 08:51 – 10:34 अशुभ

उद्वेग 10:34 – 12:17 अशुभ

चर 12:17 – 13:59 शुभ

लाभ 13:59 – 15:43 शुभ

अमृत 15:43 – 17:26 शुभ

काल 17:26 – 19:09 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

लाभ 19:09 – 20:26 शुभ

उद्वेग 20:26 – 21:43 अशुभ

शुभ 21:43 – 22:59 शुभ

अमृत 22:59 – 24:17* शुभ

चर 24:17* – 25:34* शुभ

रोग 25:34* – 26:51* अशुभ

काल 26:51* – 28:08* अशुभ

लाभ 28:08* – 29:25* शुभ

💮होरा, दिन

शनि 05:26 – 06:34

बृहस्पति 06:34 – 07:43

मंगल 07:43 – 08:51

सूर्य 08:51 – 09:59

शुक्र 09:59 – 11:08

बुध 11:08 – 12:17

चन्द्र 12:17 – 13:26

शनि 13:26 – 14:34

बृहस्पति 14:34 – 15:43

मंगल 15:43 – 16:51

सूर्य 16:51 – 17:59

शुक्र 17:59 – 19:09

🚩होरा, रात

बुध 19:09 – 19:59

चन्द्र 19:59 – 20:51

शनि 20:51 – 21:43

बृहस्पति 21:43 – 22:34

मंगल 22:34 – 23:26

सूर्य 23:26 – 24:17

शुक्र 24:17* – 25:08

बुध 25:08* – 25:59

चन्द्र 25:59* – 26:51

शनि 26:51* – 27:43

बृहस्पति 27:43* – 28:34

मंगल 28:34* – 29:25

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩*        

वृषभ   > 04:36 से  05:56     तक

मिथुन  > 05:56 से 08:50     तक

कर्क    > 08:50  से 11:00     तक

सिंह    > 11:00  से  13:16    तक

कन्या  > 13:16  से   15:32   तक

तुला   >  15:32  से  17:44    तक

वृश्चिक > 17:44 से  20:08    तक

धनु     > 20:08  से  22:18    तक

मकर   > 22:18 से  00:02     तक

कुम्भ   > 00:02  से  01:22    तक

मीन    > 01:22  से  02:42     तक

मेष     > 02:42  से  04:40     तक

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*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा   +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

  5 + 7 +  1 =  13 ÷ 4 = 1 शेष

 पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

बुध ग्रह मुखहुति

*💮    शिव वास एवं फल -:*

  5 + 5 + 5 = 15 ÷ 7 =  1 शेष

कैलाश वास = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*

 *नाव मनोरथ द्वारकाधीश जी 

*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*

येषां न विद्या न तपो न दानं

न चापि शीलं न गुणो न धर्मः ।

ते मृत्युलोके भुवि भारभूता

मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति ।।

।। चा o नी o।।

 जिनके पास यह कुछ नहीं है…

विद्या.

तप.

ज्ञान.

अच्छा स्वभाव.

गुण.

दया भाव.

…वो धरती पर मनुष्य के रूप में घुमने वाले पशु है. धरती पर उनका भार है.

*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*

गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18

सर्वभूतेषु येनैकं भावमव्ययमीक्षते ।,

अविभक्तं विभक्तेषु तज्ज्ञानं विद्धि सात्त्विकम् ॥,

 जिस ज्ञान से मनुष्य पृथक-पृथक सब भूतों में एक अविनाशी परमात्मभाव को विभागरहित समभाव से स्थित देखता है, उस ज्ञान को तू सात्त्विक जान॥,20॥,

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