इज़राइली दूतावास के दो अधिकारियों के हत्यारे एलियास रोड्रिगेज और अमेरिका में चीन समर्थित नफरत की फैक्ट्री: पर्दे के पीछे की कहानी

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पूनम शर्मा 

एलियास रोड्रिगेज जैसे आतंकवादी अचानक नहीं पैदा होते। इनका ज़हर धीरे-धीरे, सुनियोजित तरीके से पनपता है—ऐसे कट्टरपंथी नेटवर्क की मदद से, जो वर्षों से अमेरिका और इज़राइल के खिलाफ नफरत की खेती कर रहे हैं। रोड्रिगेज ने जब वॉशिंगटन डीसी के यहूदी म्यूजियम में इज़राइली दूतावास के दो अधिकारियों की गोली मारकर हत्या की, तो वह अकेले नहीं था—वह उस वैचारिक युद्ध का हिस्सा था, जिसकी जड़ें अब चीन तक फैली हुई हैं।

कट्टरता की शुरुआत: यूनिवर्सिटी और वामपंथी नेटवर्क

रोड्रिगेज ने 2018 में शिकागो की यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉय से अंग्रेजी साहित्य में डिग्री प्राप्त की थी।लेकिन उसकी असल ‘शिक्षा’ कक्षा के बाहर हुई—जब वह “पार्टी फॉर सोशलिज़्म एंड लिबरेशन” (PSL) और उसकी मोर्चा-ईकाई ANSWER कोएलिशन (Act Now to Stop War and End Racism) में शामिल हुआ था । ये अमेरिका में खुद को ‘न्याय’ और ‘शांति’ के झंडाबरदार के रूप में पेश करते हैं, लेकिन इनका असली चेहरा इससे कहीं ज्यादा खतरनाक है।

समर्थन से आतंकवाद तक अंतरराष्ट्रीय गठजोड़

2018 में रोड्रिगेज ने PSL और ANSWER द्वारा आयोजित कई प्रदर्शनों में भाग लिया। फिर, जब उसने इज़राइली अधिकारियों की निर्मम हत्या की, तब इन संगठनों ने रोड्रिगेज से पल्ला झाड़ने की कोशिश की। परंतु यह भी  साबित किया जा चुका था कि रोड्रिगेज “ब्लैक लाइव्स मैटर” (Chicago Chapter) से भी जुड़ा हुआ था—वही संगठन जिन्होंने 7 अक्टूबर 2023 को जब हमास ने इज़राइल में 1200 से अधिक निर्दोष लोगों की हत्या की, तब सोशल मीडिया पर पैराग्लाइडिंग करते “फ्री फिलिस्तीन” के चित्र साझा किए थे।

गिरफ्तार होने से पहले , रोड्रिगेज ने भी “फ्री फिलिस्तीन” नारा दिया—यह पर्याप्त है कि इसके साथ उसकी विचारधारा को क्या शक्तियों से प्रेरित किया था।

मीडिया की चुप्पी और वामपंथ का परदा

जब पत्रकारों ने इस हत्याकांड पर रिपोर्ट की, तो उन्होंने ANSWER जैसे संगठनों को केवल ‘एक्टिविस्ट ग्रुप’ कह कर टाल दिया—कुछ तो उन्हें ‘शांति और नस्लभेद के खिलाफ’ लड़ने वाला संगठन कहकर महिमामंडित भी कर गए। लेकिन सच यह है कि ये संगठन कम्युनिस्ट विचारधारा से प्रेरित हैं और रणनीतिक रूप से चीन और क्यूबा जैसे देशों के समर्थन में अमेरिकी समाज को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।

चीन का गुप्त एजेंडा और उसकी अमेरिकी शाखाएं

एक रिसर्च  संगठन  “Network Contagion Research Institute” (NCRI) के अनुसार एक रिपोर्ट के मुताबिक, ANSWER, पीपल्स फोरम, इंटरनेशनल पीपल्स असेंबली और PSL जैसे ऑर्गेनाइजेशन वास्तव में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के विचारों को अमेरिका में फैलाने का काम कर रहे हैं। NCRI के मुताबिक, ये ग्रुप चीन के आर्थिक और वैचारिक समर्थन से अमेरिका के भीतर ‘प्रो-पैलेस्टिनियन’ आंदोलन को हाइजैक कर चुके हैं।

इन सभी संगठनों के पीछे एक प्रमुख नाम है—नेविल रॉय सिंगम। वह चीन के शंघाई में रहता है और उसकी पत्नी जोडी इवांस “कोड पिंक” नामक संगठन की सह-संस्थापक हैं। ये संगठन अमेरिका में ‘सड़क पर अराजकता’ फैलाने में माहिर माने जाते हैं। रोड्रिगेज द्वारा की गई हत्या के दो दिन बाद जोडी इवांस ने “ग़ाज़ा के लिए उपवास” की घोषणा की—यह दिखाता है कि ये हत्याएं इनकी विचारधारा से मेल खाती हैं।

सिंगम की कंपनी “Shanghai Maku Cultural Communications Ltd.” चीन के सरकारी प्रचार अभियान में सक्रिय है। 2023 की न्यूयॉर्क टाइम्स रिपोर्ट के अनुसार, सिंगम ने 2019 से ही चीन के सरकारी प्रचार तंत्र के साथ कारोबारी रिश्ते बना लिए थे। उन्हीं पैसों से ‘पीपल्स फोरम’ जैसे संगठन न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में हजारों की भीड़ जुटाते हैं।

अमेरिका ही इनका असली निशाना

2023 में सात वामपंथी संगठनों—जिनमें रोड्रिगेज से जुड़े ANSWER और PSL शामिल थे—ने एक साझा बयान में साफ कहा था:

“हम अमेरिका की कोख में खड़े होकर ज़ायोनिज़्म को समर्थन देने वाली सामग्री से लड़ते हैं, और अमेरिका की साम्राज्यवादी ताकत को कमजोर करना हमारा लक्ष्य है।” इन संगठनों के अध्यक्ष मैनोलो डी लॉस सैंटोस, क्यूबा में वर्षों से कम्युनिस्ट ट्रेनिंग ले चुके हैं। 30 अप्रैल 2024 को जब कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शनकारियों ने हैमिल्टन हॉल पर कब्ज़ा किया, उससे दो घंटे पहले डी लॉस सैंटोस ने मिडटाउन मैनहट्टन में 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा था, “हमें पुलिस और छात्रों के बीच दीवार बनना होगा।”

निष्कर्ष -कट्टरता की ग्लोबल सप्लाई चेन

एलियास रोड्रिगेज के द्वारा की गई हत्या सिर्फ एक मानसिक बीमारी का नतीजा, नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय वैचारिक युद्ध की परिणति थी—जिसे चीन जैसे देश अमेरिकी धरती पर धन, संगठन और प्रचार के माध्यम से पोषित कर रहे हैं। यह उस समय है जब अमेरिका को अपने भीतर पल रही इस रेडिकल मशीनरी पर लगाम लगाने के लिए कठोर और स्पष्ट नीति अपनानी होगी। वरना अगला रोड्रिगेज कहीं और किसी और शहर में अपना ज़हर उगलेगा—और तब भी हम यही कहेंगे, “हमें पता नहीं था।

 

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