28 मई दैनिक राशिफल एवं आज का पंचांग

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🐏मेष

प्रसन्नता रहेगी। व्यवसाय व कारोबार में लाभ की स्थिति रहेगी। भाइयों, जीवनसाथी से मनोनुकूल सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। घर-परिवार में कोई मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। शत्रुभय रहेगा। विरोध हो सकता है। विवाद न करें।

🐂वृष

नौकरी में अधिकार वृद्धि हो सकती है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। ज्ञान में वृद्धि होगी। कोर्ट व कचहरी के कार्यों में अनुकूल वातावरण बनेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। भाइयों तथा मातहतों का सहयोग मिलेगा। व्यस्तता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। प्रमाद न करें। पुराने रुके कार्यों में गति आएगी।

👫मिथुन

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जरूरी निर्णयों में सावधानी आवश्यक है। आय में कमी हो सकती है। नौकरी में सहकर्मियों से विवाद हो सकता है। क्रोध न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। पुराने मित्रों से सहयोग प्राप्त होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। स्त्रियां घर में सावधानी रखें।

🦀कर्क

जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। अपरिचित व्यक्ति की बातों में न आएं। कुसंगति से बचें। बेवजह विवाद हो सकता है। लोगों की अपेक्षा पर आप खरे नहीं उतर पाएंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा।

🐅सिंह

पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त हो सकता है। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। अध्ययन में मन लगेगा। मार्गदर्शन प्राप्त होगा। उत्साह में वृद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। नए-नए विचार मन में आएंगे। जल्दबाजी न करें। व्यस्तता रहेगी। धनार्जन होगा।

🙍‍♀️कन्या

बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। प्रभावशाली व्यक्तियों से सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें।

⚖️तुला

रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। श‍त्रुता में वृद्धि हो सकती है। क्रोध पर नियंत्रण रखें। भूमि व भवन संबंधी खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। लाभ व उन्नति के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों से मतभेद दूर होंगे। जीवन सुखमय रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे।

🦂वृश्चिक

धैर्य रखें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी नाराज रहेंगे। काम पर अधिक ध्यान देना पड़ेगा। भागदौड़ रहेगी। आय में निश्चितता रह सकती है। किसी के व्यवहार से अपमान महसूस होगा। दु:खद समाचार मिल सकता है।

🏹धनु

आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। थकान महसूस होगी। व्यस्तता रहेगी। भाइयों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। काम में अधिक ध्यान दे पाएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। परिवार में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे।

🐊मकर

घर-बाहर सम्मान मिलेगा। प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। शत्रु शांत रहेंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रमाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। मित्रों का साथ रहेगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी।

🍯कुंभ

नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने का अवसर मिल सकता है। भाग्य का साथ मिलेगा। जोखिम उठाने का मन बनेगा। परिवार का सहयोग मिलेगा। आर्थिक नीति में सुधार व परिवर्तन हो सकता है। व्यापार व व्यवसाय में वृद्धि होगी।

🐟मीन

नए कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। कानूनी अड़चन आ सकती है। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य खराब हो सकता है। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। रुका हुआ पैसा मिलने के योग हैं। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी।

🌺 *श्री राम जानकी पंचांगम्* 🌺

*दिनांक:- 28/05/2025, बुधवार*

द्वितीया, शुक्ल पक्ष, 

ज्येष्ठ

“””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि——— द्वितीया 25:53:54      तक 

पक्ष———————— शुक्ल

नक्षत्र——— मृगशिरा 24:28:07

योग————- धृति 19:07:30

करण———– बालव 15:24:34

करण———- कौलव 25:53:54

वार———————– बुधवार

माह————————- ज्येष्ठ

चन्द्र राशि——–वृषभ 13:35:38

चन्द्र राशि—————–   मिथुन

सूर्य राशि—————–   वृषभ

रितु———————— ग्रीष्म

आयन—————— उत्तरायण

संवत्सर—————– विश्वावसु

संवत्सर (उत्तर) —————सिद्धार्थी

विक्रम संवत—————- 2082 

गुजराती संवत————– 2081 

शक संवत—————— 1947

कलि संवत—————– 5126

वृन्दावन 

सूर्योदय————– 05:26:16

सूर्यास्त————– 19:07:01

दिन काल———— 13:40:44

रात्री काल———— 10:18:59

चंद्रोदय————– 06:04:10

चंद्रास्त—————- 20:53:20

लग्न—-  वृषभ 12°43′ , 42°43′

सूर्य नक्षत्र————— रोहिणी

चन्द्र नक्षत्र————— मृगशिरा 

नक्षत्र पाया—————– लोहा 

*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*

वे—- मृगशिरा 08:11:55

वो—- मृगशिरा 13:35:38

का—- मृगशिरा 19:00:58

की—- मृगशिरा 24:28:07

💮🚩💮    ग्रह गोचर    💮🚩💮*

        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

============================

सूर्य=  वृषभ 12°49,       रोहिणी   1      ओ 

चन्द्र= वृषभ 24°30 ,       मृगशिरा   1      वे 

बुध =वृषभ 10°52 ‘           रोहिणी   1     ओ 

शु क्र= मीन 26°05,        रेवती     4       ची 

मंगल=कर्क 24°30 ‘   आश्लेषा’      3     डे 

गुरु=मिथुन  02°30   मृगशिरा,      3      का 

शनि=मीन 06°48 ‘    उ o भा o  , 1       दू 

राहू=(व) कुम्भ 29°35 पू o भा o,     3    दा 

केतु= (व) सिंह 29°35  उ oफा o 1      टे

============================

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 12:17 – 13:59 अशुभ

यम घंटा 07:09 – 08:51 अशुभ

गुली काल 10:34 – 12: 17अशुभ 

अभिजित 11:49 – 12:44 अशुभ

दूर मुहूर्त 11:49 – 12:44 अशुभ

वर्ज्यम 07:50 – 09:17 अशुभ

प्रदोष 19:07 – 21:12     शुभ

💮चोघडिया, दिन

लाभ 05:26 – 07:09 शुभ

अमृत 07:09 – 08:51 शुभ

काल 08:51 – 10:34 अशुभ

शुभ 10:34 – 12:17 शुभ

रोग 12:17 – 13:59 अशुभ

उद्वेग 13:59 – 15:42 अशुभ

चर 15:42 – 17:24 शुभ

लाभ 17:24 – 19:07 शुभ

🚩चोघडिया, रात

उद्वेग 19:07 – 20:24 अशुभ

शुभ 20:24 – 21:42 शुभ

अमृत 21:42 – 22:59 शुभ

चर 22:59 – 24:17* शुभ

रोग 24:17* – 25:34* अशुभ

काल 25:34* – 26:51* अशुभ

लाभ 26:51* – 28:09* शुभ

उद्वेग 28:09* – 29:26* अशुभ

💮होरा, दिन

बुध 05:26 – 06:35

चन्द्र 06:35 – 07:43

शनि 07:43 – 08:51

बृहस्पति 08:51 – 09:59

मंगल 09:59 – 11:08

सूर्य 11:08 – 12:17

शुक्र 12:17 – 13:25

बुध 13:25 – 14:33

चन्द्र 14:33 – 15:42

शनि 15:42 – 16:50

बृहस्पति 16:50 – 17:59

मंगल 17:59 – 19:07

🚩होरा, रात

सूर्य 19:07 – 19:59

शुक्र 19:59 – 20:50

बुध 20:50 – 21:42

चन्द्र 21:42 – 22:33

शनि 22:33 – 23:25

बृहस्पति 23:25 – 24:17

मंगल 24:17* – 25:08

सूर्य 25:08* – 25:59

शुक्र 25:59* – 26:51

बुध 26:51* – 27:43

चन्द्र 27:43* – 28:34

शनि 28:34* – 29:26

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩* 

       वृषभ   > 04:50 से  06:08     तक

मिथुन  > 06:08 से 08:58     तक

कर्क    > 08:58  से 11:12     तक

सिंह    > 11:12  से  13:28    तक

कन्या  > 13:28  से   15:44   तक

तुला   >  15:44  से  17:56    तक

वृश्चिक > 17:56 से  20:20    तक

धनु     > 20:20  से  22:30    तक

मकर   > 22:30 से  00:14     तक

कुम्भ   > 00:14  से  01:34    तक

मीन    > 01:34  से  02:54     तक

मेष     > 02:54  से  04:56     तक

=======================

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा   +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

  2 + 4 +  1 = 7  ÷ 4 = 3 शेष

 मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

सूर्य ग्रह मुखहुति

*💮    शिव वास एवं फल -:*

  2 + 2 + 5 = 9 ÷ 7 =  2 शेष

गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*

 *सर्वार्थ सिद्धि योग 24:28 तक 

*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*

कवयः किं न पश्यन्ति कि न कुर्वन्ति योषितः ।

मद्यपाः किं न जल्पन्ति किंन खादन्ति वायसाः ।।

।। चा o नी o।।

  वह क्या है जो कवी कल्पना में नहीं आ सकता. वह कौनसी बात है जिसे करने में औरत सक्षम नहीं है. ऐसी कौनसी बकवास है जो दारू पिया हुआ आदमी नहीं करता. ऐसा क्या है जो कौवा नहीं खाता.

*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*

गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18

यस्य नाहङ्‍कृतो भावो बुद्धिर्यस्य न लिप्यते ।,

हत्वापि स इमाँल्लोकान्न हन्ति न निबध्यते ॥,

 जिस पुरुष के अन्तःकरण में ‘मैं कर्ता हूँ’ ऐसा भाव नहीं है तथा जिसकी बुद्धि सांसारिक पदार्थों में और कर्मों में लिपायमान नहीं होती, वह पुरुष इन सब लोकों को मारकर भी वास्तव में न तो मरता है और न पाप से बँधता है।, (जैसे अग्नि, वायु और जल द्वारा प्रारब्धवश किसी प्राणी की हिंसा होती देखने में आए तो भी वह वास्तव में हिंसा नहीं है, वैसे ही जिस पुरुष का देह में अभिमान नहीं है और स्वार्थरहित केवल संसार के हित के लिए ही जिसकी सम्पूर्ण क्रियाएँ होती हैं, उस पुरुष के शरीर और इन्द्रियों द्वारा यदि किसी प्राणी की हिंसा होती हुई लोकदृष्टि में देखी जाए, तो भी वह वास्तव में हिंसा नहीं है क्योंकि आसक्ति, स्वार्थ और अहंकार के न होने से किसी प्राणी की हिंसा हो ही नहीं सकती तथा बिना कर्तृत्वाभिमान के किया हुआ कर्म वास्तव में अकर्म ही है, इसलिए वह पुरुष ‘पाप से नहीं बँधता’।,)॥,17॥,

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