26 मई दैनिक राशिफल एवं आज का पंचांग

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🐏मेष

शत्रु सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य कमजोर होगा। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। बेरोजगारी दूर होगी। लाभ होगा। मान-प्रतिष्ठा में कमी आएगी। कामकाज में बाधाएं आ सकती हैं। कर्मचारियों पर व्यर्थ संदेह न करें। आर्थिक तंगी रहेगी।

🐂वृष

पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। पारिवारिक उन्नति होगी। सुखद यात्रा के योग बनेंगे। स्वविवेक से कार्य करना लाभप्रद रहेगा।

👫मिथुन

पुराना रोग उभर सकता है। शोक समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अधूरे कामों में गति आएगी। व्यावसायिक गोपनीयता भंग न करें। गीत-संगीत में रुचि बढ़ेगी। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।

🦀कर्क

यात्रा सफल रहेगी। प्रयास सफल रहेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। लाभ होगा। व्यापार-व्यवसाय में उन्नति के योग हैं। वाणी पर संयम आवश्यक है। जीवनसाथी से मदद मिलेगी। सामाजिक यश-सम्मान बढ़ेगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।

🐅सिंह

पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। मान बढ़ेगा। स्वजनों से मेल-मिलाप होगा। नौकरी में ऐच्छिक पदोन्नति की संभावना है। किसी की आलोचना न करें। खानपान का ध्यान रखें। आर्थिक संपन्नता बढ़ेगी।

🙍‍♀️कन्या

रोजगार मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। व्यावसायिक समस्या का हल निकलेगा। नई योजना में लाभ की संभावना है। घर में मांगलिक आयोजन हो सकते हैं। जीवनसाथी से संबंध घनिष्ठ होंगे।

⚖️तुला

ऐश्वर्य पर व्यय होगा। स्वास्थ्‍य कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। राजकीय कार्य में परिवर्तन के योग बनेंगे। आलस्य का परित्याग करें। आपके कामों की लोग प्रशंसा करेंगे। व्यापार लाभप्रद रहेगा। नई कार्ययोजना के योग प्रबल हैं।

🦂वृश्चिक

लेन-देन में सावधानी रखें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रखें। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। कानूनी मामले सुधरेंगे। धन का प्रबंध करने में कठिनाई आ सकती है। आहार की अनियमितता से बचें। व्यापार, नौकरी में उन्नति होगी।

🏹धनु

राजमान प्राप्त होगा। नए अनुबंध होंगे। नई योजना बनेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। कार्य में व्यय की अधिकता रहेगी। दांपत्य जीवन में भावनात्मक समस्याएँ रह सकती हैं। व्यापार में नए अनुबंध आज नहीं करें।

🐊मकर

पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। लाभ के अवसर मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। कुछ मानसिक अंतर्द्वंद्व पैदा होंगे। पारिवारिक उलझनों के कारण मानसिक कष्ट रहेगा। धैर्य एवं संयम रखकर काम करना होगा। यात्रा आज न करें।

🍯कुंभ

पुराना रोग उभर सकता है। चोट व दुर्घटना से बचें। वस्तुएं संभालकर रखें। बाकी सामान्य रहेगा। व्यापार-व्यवसाय सामान्य रहेगा। दूरदर्शिता एवं बुद्धि चातुर्य से कठिनाइयां दूर होंगी। राज्य तथा व्यवसाय में सफलता मिलने के योग हैं। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी।

🐟मीन

बेचैनी रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। धनार्जन होगा। संतान के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। परिवार के सहयोग से दिन उत्साहपूर्ण व्यतीत होगा। योजनानुसार कार्य करने से लाभ की संभावना है। आर्थिक सुदृढ़ता रहेगी।

       

: 🌺 *श्री राम जानकी पंचांगम्* 🌺

*दिनांक:- 26/05/2025, सोमवार*

चतुर्दशी, कृष्ण पक्ष,

जेष्ठ 

“””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि———- चतुर्दशी 12:11:01     तक 

पक्ष———————— कृष्ण

नक्षत्र———- भरणी 08:22:37

योग———— शोभन 07:00:41

योग———- अतिगंड 26:53:40

करण———– शकुनी 12:11:01

करण——— चतुष्पद 22:20:30

वार———————- सोमवार

माह———————— ज्येष्ठ

चन्द्र राशि——–   मेष 13:39:39

चन्द्र राशि—————   वृषभ

सूर्य राशि—————–   वृषभ

रितु———————— ग्रीष्म

आयन—————— उत्तरायण

संवत्सर—————– विश्वावसु

संवत्सर (उत्तर)————– सिद्धार्थी

विक्रम संवत————— 2082 

गुजराती संवत————– 2081 

शक संवत—————— 1947 

कलि संवत——————5126

वृन्दावन 

सूर्योदय————– 05:26:52

सूर्यास्त————— 19:05:57

दिन काल———— 13:39:05

रात्री काल————- 10:20:35

चंद्रोदय————– 05:46:04

चंद्रास्त—————- 18:30:49

लग्न—- वृषभ 10°48′ , 40°48′

सूर्य नक्षत्र————— रोहिणी

चन्द्र नक्षत्र—————— भरणी

नक्षत्र पाया—————— स्वर्ण 

*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*

लो—- भरणी 08:22:37

अ—- कृत्तिका 13:39:39

ई—- कृत्तिका 18:56:42

उ—- कृत्तिका 24:13:58

*💮🚩💮    ग्रह गोचर    💮🚩💮*

        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

============================

सूर्य=  वृषभ 10°49,       रोहिणी   1      ओ 

चन्द्र= मेष 24°30 ,          भरणी   4      लो 

बुध =वृषभ 05°52 ‘           कृतिका   3     उ 

शु क्र= मीन 25°05,        रेवती     3       च 

मंगल=कर्क 23°30 ‘   आश्लेषा’      2     डू 

गुरु=मिथुन  02°30   मृगशिरा,      3      का 

शनि=मीन 05°48 ‘    उ o भा o  , 1       दू 

राहू=(व) मीन 29°40 पू o भा o,     3    दा 

केतु= (व)कन्या 29°40  उ oफा o 1      टे

============================

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 07:09 – 08:52 अशुभ

यम घंटा 10:34 – 12:16 अशुभ

गुली काल 13:59 – 15:41 अशुभ 

अभिजित 11:49 – 12:44 शुभ

दूर मुहूर्त 12:44 – 13:38 अशुभ

दूर मुहूर्त 15:28 – 16:22 अशुभ

वर्ज्यम 18:57 – 20:21 अशुभ

प्रदोष 19:06 – 21:11      शुभ

💮चोघडिया, दिन

अमृत 05:27 – 07:09 शुभ

काल 07:09 – 08:52 अशुभ

शुभ 08:52 – 10:34 शुभ

रोग 10:34 – 12:16 अशुभ

उद्वेग 12:16 – 13:59 अशुभ

चर 13:59 – 15:41 शुभ

लाभ 15:41 – 17:24 शुभ

अमृत 17:24 – 19:06 शुभ

🚩चोघडिया, रात

चर 19:06 – 20:24 शुभ

रोग 20:24 – 21:41 अशुभ

काल 21:41 – 22:59 अशुभ

लाभ 22:59 – 24:16* शुभ

उद्वेग 24:16* – 25:34 अशुभ

शुभ 25:34* – 26:51  शुभ

अमृत 26:51* – 28:09 शुभ

चर 28:09* – 29:27     शुभ

💮होरा, दिन

चन्द्र 05:27 – 06:35

शनि 06:35 – 07:43

बृहस्पति 07:43 – 08:52

मंगल 08:52 – 09:59

सूर्य 09:59 – 11:08

शुक्र 11:08 – 12:16

बुध 12:16 – 13:25

चन्द्र 13:25 – 14:33

शनि 14:33 – 15:41

बृहस्पति 15:41 – 16:49

मंगल 16:49 – 17:58

सूर्य 17:58 – 19:06

🚩होरा, रात

शुक्र 19:06 – 19:58

बुध 19:58 – 20:49

चन्द्र 20:49 – 21:41

शनि 21:41 – 22:33

बृहस्पति 22:33 – 23:25

मंगल 23:25 – 24:16

सूर्य 24:16* – 25:08

शुक्र 25:08* – 25:59

बुध 25:59* – 26:51

चन्द्र 26:51* – 27:43

शनि 27:43* – 28:35

बृहस्पति 28:35* – 29:27

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩* 

       वृषभ   > 04:58 से  06:16     तक

मिथुन  > 06:16 से 09:06     तक

कर्क    > 09:06  से 11:20     तक

सिंह    > 11:20  से  13:36    तक

कन्या  > 13:36  से   15:52   तक

तुला   >  15:52  से  18:04    तक

वृश्चिक > 18:04 से  20:28    तक

धनु     > 20:28  से  22:38    तक

मकर   > 22:38 से  00:22     तक

कुम्भ   > 00:22  से  01:42    तक

मीन    > 01:42  से  03:02     तक

मेष     > 03:02  से  05:04     तक

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*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा   +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

 15 + 14 + 2 +  1 = 32  ÷ 4 = 0 शेष

 मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

केतु ग्रह मुखहुति

*💮    शिव वास एवं फल -:*

 29 + 29 + 5 = 63 ÷ 7 =  0 शेष

शमशान वास = मृत्यु कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*

 *पितृकार्य अमावस्या 

*शशिमोहन दास तिरोभाव दिवस 

*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*

दृष्टिपुतं न्यसेत्पादं वस्त्रपूतं पिबेज्जलम् ।

शास्त्रपूतं वदेद्वाक्यं मनःपूतं समाचरेत् ।।

।। चा o नी o।।

  हम अपना हर कदम फूक फूक कर रखे. हम छाना हुआ जल पिए. हम वही बात बोले जो शास्त्र सम्मत है. हम वही काम करे जिसके बारे हम सावधानीपुर्वक सोच चुके है.

*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*

गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18

शरीरवाङ्‍मनोभिर्यत्कर्म प्रारभते नरः ।,

न्याय्यं वा विपरीतं वा पञ्चैते तस्य हेतवः॥,

मनुष्य मन, वाणी और शरीर से शास्त्रानुकूल अथवा विपरीत जो कुछ भी कर्म करता है- उसके ये पाँचों कारण हैं॥,15॥,

   आचार्य पं अशोक मिश्रा मुंबई

                    मो.987090475

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