समग्र समाचार सेवा गुवाहाटी 26 मई – असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को बांग्लादेश को कड़ी चेतावनी दी, जिसमें उन्होंने पड़ोसी गुवाहाटी 26 मई – असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को बांग्लादेश को कड़ी चेतावनी दी, जिसमें उन्होंने पड़ोसी देश की भौगोलिक कमजोरियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि “जो लोग भारत के चिकन नेक (सिलिगुड़ी कॉरिडोर) को निशाना बनाते हैं, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि बांग्लादेश के पास दो अपने ‘चिकन नेक’ हैं — और दोनों भारत से भी अधिक कमजोर हैं।”
सरमा का यह बयान उस समय आया जब हाल ही में बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख और नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस ने चीन दौरे के दौरान भारत के उत्तर-पूर्व को “लैंडलॉक्ड” बताकर बांग्लादेश को ‘ओशन का गार्जियन’ बताया था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरमा ने कहा, “हमारे पास एक चिकन नेक है, लेकिन बांग्लादेश के पास दो हैं। अगर बांग्लादेश हमारे चिकन नेक पर हमला करता है, तो हम उनके दोनों चिकन नेक को निशाना बनाएंगे। खासकर वह कॉरिडोर जो मेघालय से चिटगांव बंदरगाह को जोड़ता है, वह तो और भी पतला है और भारत से महज कुछ किलोमीटर दूर है।”
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भारत की सैन्य ताकत को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए कहा, “भारत ने पाकिस्तान में घुसकर 11 सैन्य ठिकानों को तबाह किया था। बांग्लादेश को 14 बार पुनर्जन्म लेना होगा अगर वो भारत पर हमला करने की सोचता है।”
सरमा ने साझा किया बांग्लादेश के ‘चिकन नेक’ का नक्शा
सरमा ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक नक्शा साझा करते हुए बताया कि बांग्लादेश का पहला चिकन नेक ‘उत्तर बांग्लादेश कॉरिडोर’ है, जो दक्षिण दिनाजपुर से लेकर दक्षिण-पश्चिम गारो हिल्स तक फैला है। यह करीब 80 किलोमीटर लंबा है। अगर इस कॉरिडोर में हलचल हुई, तो बांग्लादेश का पूरा रंगपुर डिवीजन अलग-थलग पड़ सकता है।
दूसरा ‘चिकन नेक’ चिटगांव कॉरिडोर है, जो दक्षिण त्रिपुरा से लेकर बंगाल की खाड़ी तक मात्र 28 किलोमीटर का है। यही कॉरिडोर ढाका (राजधानी) और चिटगांव (आर्थिक राजधानी) को जोड़ता है।
चीनी दखल का संदर्भ
सरमा की यह चेतावनी उस रिपोर्ट के बाद आई है, जिसमें दावा किया गया है कि चीन, बांग्लादेश के ललमोनिरहाट में स्थित द्वितीय विश्व युद्ध के जमाने के हवाई अड्डे को पुनर्जीवित करने में मदद कर रहा है। यह स्थान भारत के सिलिगुड़ी कॉरिडोर से महज 100 किलोमीटर दूर है।
बांग्लादेश की बढ़ती भू-राजनीतिक गतिविधियों और चीन के साथ सहयोग को देखते हुए सरमा का यह बयान केवल राजनैतिक नहीं, बल्कि रणनीतिक चेतावनी भी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अपनी क्षेत्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।