समग्र समाचार सेवा 6 मई- भारतीय सेना के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ने जा रहा है। देश की सबसे प्रतिष्ठित सैन्य अकादमी नई दिल्ली 26 नई दिल्ली, 26 मई- भारतीय सेना के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ने जा रहा है। देश की सबसे प्रतिष्ठित सैन्य अकादमी नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से पहली बार 17 महिला कैडेट्स पास आउट होकर भारत की थल, जल और वायु सेनाओं की अग्रिम पंक्ति में शामिल होंगी। यह दिन न सिर्फ महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि एक नई सोच, नई दिशा और नए भारत का परिचायक भी है।
कैडेट ईशिता सांगवान (हरियाणा), कैडेट हरसिमरन कौर (पंजाब) और कैडेट ईशिता शर्मा (उत्तराखंड) उन 17 साहसी महिलाओं में शामिल हैं जिन्होंने तीन साल की कठोर ट्रेनिंग को सफलतापूर्वक पूरा किया है। ईशिता सांगवान ने इंजीनियरिंग की तैयारी छोड़कर एनडीए में प्रवेश किया और अब पासिंग आउट परेड में सलामी लेने वाली हैं।
हरसिमरन कौर, जिनके पिता भारतीय सेना में हवलदार रहे हैं, बताती हैं कि एनडीए ने पहले ही दिन से महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण देने के लिए सुविधाओं को समायोजित किया—जैसे कि फिंगरप्रिंट लॉक, अलग रहने की जगहें और नए स्क्वाड्रन। वहीं ईशिता शर्मा, जिनका कोई सैन्य पृष्ठभूमि नहीं है, ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ‘डिविजन कैडेट कैप्टन’ की उपाधि प्राप्त की।
2021 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद महिलाओं को एनडीए में प्रवेश की अनुमति मिली। नवंबर 2021 में आयोजित पहले परीक्षा में 1,78,000 महिलाओं ने हिस्सा लिया, जिनमें से सिर्फ 17 चुनी गईं। आज वही महिलाएँ देश की सुरक्षा की पहली पंक्ति में नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं।
इनमें से 9 सेना, 5 वायुसेना और 3 नौसेना में जाएँगी, और आगे की विशेष सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी।
यह क्षण सिर्फ एक परेड या प्रमोशन नहीं है—यह भारत की सेनाओं में महिला भागीदारी का पूर्ण स्वीकार है। यह महिला शक्ति का वह स्वरूप है जो अनुशासन, साहस और नेतृत्व से देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
 
			