मॉस्को एयरपोर्ट पर ड्रोन अटैक से बाल-बाल बचे भारतीय सांसद, प्रतिनिधिमंडल की फ्लाइट घंटों रही हवा में

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समग्र समाचार सेवा 
मॉस्को, 23 मई : रूस की राजधानी मॉस्को के व्यस्ततम एयरपोर्ट पर उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक संदिग्ध ड्रोन अटैक की खबर आई। इस हमले की चपेट में आने से भारत का सांसद प्रतिनिधिमंडल बाल-बाल बचा। इस प्रतिनिधिमंडल में डीएमके की सांसद कनिमोझी समेत कई प्रमुख सांसद शामिल थे, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत रूस पहुंचे थे।

जानकारी के मुताबिक, जैसे ही भारतीय सांसदों का विमान मॉस्को एयरपोर्ट पर उतरने ही वाला था, उसी समय एयरस्पेस में ड्रोन गतिविधि देखी गई। सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत एयरपोर्ट की लैंडिंग को अस्थायी रूप से रोक दिया और सभी विमानों को हवा में चक्कर काटने का निर्देश दे दिया गया। कनिमोझी समेत भारतीय प्रतिनिधिमंडल का विमान भी इस स्थिति से प्रभावित हुआ और उसे कई घंटों तक हवा में इंतजार करना पड़ा।

इस दौरान एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल बन गया। सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रखा गया और मॉस्को एयरस्पेस की निगरानी बढ़ा दी गई। रूसी वायुसेना की त्वरित कार्रवाई के बाद स्थिति पर काबू पाया गया और धीरे-धीरे विमानों को सुरक्षित लैंडिंग की अनुमति दी गई।

कई घंटों की देरी के बाद भारतीय सांसदों का विमान सुरक्षित रूप से मॉस्को एयरपोर्ट पर उतरा। लैंडिंग के बाद भारत के राजनयिक अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और उन्हें विशेष सुरक्षा के बीच होटल तक पहुंचाया।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत की ओर से छह अलग-अलग देशों में विशेष प्रतिनिधिमंडल भेजे गए हैं, जिनका उद्देश्य वैश्विक मंचों पर भारत की रणनीतिक स्थिति स्पष्ट करना और क्षेत्रीय शांति व सहयोग की दिशा में समर्थन जुटाना है। रूस गए प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा भी इसी श्रृंखला का हिस्सा था।

इस घटना ने न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में राजनयिक यात्राएं भी खतरे से खाली नहीं हैं। भारत सरकार ने इस मामले पर उच्च स्तरीय रिपोर्ट मांगी है और मॉस्को स्थित दूतावास से विस्तृत जानकारी तलब की गई है।

अब देखना यह होगा कि रूस की सुरक्षा एजेंसियां इस ड्रोन हमले के पीछे किसे जिम्मेदार ठहराती हैं और क्या इसे किसी बड़ी साजिश का हिस्सा माना जाता है। इस हमले ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर हवाई क्षेत्र की सुरक्षा और राजनयिक यात्राओं की संवेदनशीलता को रेखांकित कर दिया है।

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