समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 मई — सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सख्त फटकार लगाते हुए कहा कि वह “सभी सीमाएं पार कर रहा है” और संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रहा है। यह टिप्पणी तमिलनाडु सरकार और उसके अंतर्गत आने वाली शराब वितरण एजेंसी TASMAC द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान आई। कोर्ट ने ED द्वारा की गई छापेमारी की जांच पर तत्काल रोक लगा दी है।
तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन (TASMAC) के कार्यालयों पर हाल ही में की गई छापेमारी को लेकर राज्य सरकार ने आपत्ति जताई थी और इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया था। DMK सरकार ने दावा किया था कि यह केंद्र की एजेंसियों द्वारा राज्य सरकार को बदनाम करने की कोशिश है और यह संघीय ढांचे के सिद्धांतों का सीधा उल्लंघन है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एसवी भट की पीठ ने सख्त लहजे में कहा, “ED को कोई असीमित अधिकार नहीं है। आप कानून के नाम पर लोकतांत्रिक संस्थाओं और राज्यों के अधिकारों का हनन नहीं कर सकते।”
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी वित्तीय अनियमितता का संदेह हो भी, तब भी उसकी जाँच एक निश्चित प्रक्रिया के तहत होनी चाहिए, न कि धमकाने या प्रताड़ना के तरीके से। कोर्ट ने कहा कि ED की कार्रवाइयां अगर ऐसे ही जारी रहीं, तो यह केंद्र-राज्य संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं।
इस बीच, DMK सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह संघीय ढांचे की रक्षा में एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि केंद्र की एजेंसियों को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करना लोकतंत्र के लिए खतरा है।
सुप्रीम कोर्ट ने ED से जवाब माँगा है और मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।